>>: Digest for August 19, 2021

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पाली/रोहट। जोधपुर से पाइप लाइन के जरिए या जवाई पुनर्भरण से पाली में पानी का संकट दूर करने के दावे पिछले दो दशक से सुनते आ रहे हैं। जैसे ही अकाल पड़ता है आनन-फानन में रेल और टैंकरों के जरिए पानी का जुगाड़ किया जाता हैं। वक्त निकलते ही सब भूल जाते हैं। यहां के जनप्रतिनिधियों और प्रशासकों की नीयत का खामियाजा जनता भुगत रही है। इसे नकारापन कहें या नीयत में खोट, यहां के जनप्रतिनिधि और प्रशासन 70 किलोमीटर दूर जोधपुर से पाली तक पानी लाने में भी सफल नहीं हो सके। नतीजतन, पाली में पानी की समस्या यथावत बनी हुई है। जवाई बांध का पानी भी पूरे जिले में सप्लाई किया जा रहा है। इससे जिला मुख्यालय समेत अन्य शहरों और गांवों में पानी का संकट खड़ा हो जाता है। मजे की बात यह भी कि जोधपुर से पाली के बीच 2002 के अकाल में बिछाई गई पाइप लाइन 18 साल से धूल फांक रही है।

मार्च 2002 में पानी की भयकंर किल्लत के चलते तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार ने कुडी होद जोधपुर से रोहट तक कंटीजेसी पाइप लाइन की स्वीकृति दी थी। उस समय जलदाय विभाग ने जैसलमेर जिले से पाइप लाइन उखाडकऱ मात्र 28 दिन में कुडी हौद जोधपुर से रोहट तक पाइप लाइन बिछा कर पानी पहुंचाया था। इस लाइन की सहायता से रोहट उपखंड व सोजत उपखंड के गांवों में टैंकरों से जलापूर्ति की गई थी। रोहट से पाली तक पाइप लाइन जोड़ कर भी पानी पहुंचाया गया था। इसके बाद पाली जोधपुर के बीच हाइवे निर्माण के दौरान कम्पनी ने पाइप लाइन को उखाड़ दिया था।

2016 में दुरस्त कराई थी लाइन, फिर भी नहीं पहुंचा पानी
वर्ष 2016 में भी पाली जिले व रोहट क्षेत्र में पेयजल संकट गहराया था। ऐसे में कुडी हौद से रोहट तक बिछी पाइप लाइन फिर याद आई। तब पाइप लाइन दुरस्त करवाने के लिए दो करोड़ रुपए का बजट जारी किया गया था। 31 मई 2016 से पाइप लाइन दुरस्त करने का कार्य शुरू हुआ जो करीबन ढाई माह तक चला। इसके बाद भी जोधपुर से रोहट तक पानी नहीं पहुंच पाया था।

टूटी पड़ी है पाइप लाइन
सार-संभाल के अभाव में पाइप लाइन क्षतिग्रस्त हालत में है। पाइप जगह-जगह से क्षतिग्रस्त है। जलदाय विभाग को भी आपातकाल में ही यह पाइप लाइन याद रहती है। पाइप लाइन के जोइंट भी कई जगह खुले हुए हैं।

रोहट में स्टोरेज बने तो बुझ सकती है प्यास
इस पाइप लाइन के जरिए पानी पहुंचाकर रोहट में पानी का स्टोरेज सेंटर बनाया जा सकता है। इससे रोहट व पाली जिले की प्यास बुझ सकती है। जवाई बांध में पानी की जब भी कमी होती है, जोधपुर का पानी रोहट व पाली के लिए काम आ सकता है।

इधर...पानी पर सियासत : 'पानी का बंटवारा सही होता तो ये दिन नहीं देखने पड़ते'
सेवा और संकल्प महसमिति के अध्यक्ष जबरसिंह राजपुरोहित ने पाली में पेजयल संकट का कारण जवाई बांध के पानी के अपर्याप्त बंटवारे को बताया। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष अगस्त-सितम्बर माह में पाली शहर समेत 10 शहरों और 787 गांवों की प्यास बुझाने के लिए जनसंख्या के मुताबिक 3500 एमसीएफटी पानी पेयजल के लिए आरक्षित रखने की मांग की थी। इसके बावजूद जनप्रतिनिधियों के दबाव में प्रशासन ने 4 हजार एमसीएफटी सिंचाई व 2100 एमसीएफटी पानी पेयजल के लिए आरक्षित किया। राजपुरोहित का आरोप है कि इसी फैसले के कारण पाली समेत पूरे जिले में पानी का संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने पेयजल के लिए 4 हजार एमसीएफटी पानी आरक्षित रखने की मांग उठाई।

जिम्मेदारों का जवाब :
बद्रीराम जाखड़, पूर्व सांसद : पानी की समस्या के लिए जिम्मेदार कौन?
भारत सरकार में मंत्री है उन्हें पानी की व्यवस्था करनी चाहिए। वे पंजाब से लाएं या कहीं ओर से। मैंने तो कई बार मांग की थी कि माही-बजाज से पानी ला सकते हैं। लेकिन अफसरों ने आगे काम ही नहीं किया तो क्या करें। वैसे, यह सरकार का मामला है।

अब समाधान क्या है?
अभी तो चुनाव चल रहे हैं। चुनाव निबटने के बाद देखते हैं। टे्रनों से मंगवाते हैं। सरकार से बात करेंगे। कोई न कोई व्यवस्था जरूर करेंगे।

पीपी चौधरी, सांसद : पानी की समस्या के लिए जिम्मेदार कौन?
राज्य सरकार इसके लिए जिम्मेदार है। केन्द्र की मोदी सरकार ने भी जल जीवन मिशन के तहत घर-घर कनेक्शन देने की योजना चला रखी है, लेकिन राज्य सरकार ने काम ही नहीं किया। वसुंधरा राजे की सरकार में जवाई पुनर्भरण पर काम हुआ था।

अब समाधान क्या?
जवाई बांध पर पूरी तरह से निर्भर रहना पर्याप्त नहीं होगा। साबरमती से जवाई में पानी लाने पर काम किया जाए। दूसरा, जोधपुर से रोहट तक पाइप लाइन के जरिए स्थायी रूप से पानी उपलब्ध कराया जाना चाहिए। रोहट में पानी का जंक्शन बना देना चाहिए। इससे जब भी जरूरत पड़ेगी पानी मिल जाएगा।

पाली। कोरोना की दूसरी लहर के बाद पाली में वायरल फीवर, सर्दी-जुकाम, शुगर-ब्लड प्रेशर व सामान्य बीमारियों के मरीज एकाएक बढ़ गए हैं। जिले के सबसे बड़े बांगड़ मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रोजाना 1500 ऐसे मरीज ओपीडी में पहुंच रहे हैं। कोविड कम होने के बाद अब ओपीडी में मरीजों की अधिक भीड़ देखी जा रही है, बच्चें भी वायरल फीवर, सर्दी व जुकाम की चपेट में आ रहे हैं। वहीं अस्पतालों में कोविड प्रोटोकोल को लोग भूल रहे हैं, खासकर मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग तार-तार है, इससे बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।

तापमान में उतार-चढ़ाव, सबसे बड़ा कारण
इन दिनों अस्पताल में वायरल फीवर के मरीज सबसे अधिक आ रहे हैं, राहत की बात यह है कि इनमें से निमोनिया किसी का सामने नहीं आया है। मौसम में तापमान में उतार चढ़ाव व सर्द-गर्म के चलते ऐसा हो रहा है। चिकित्सकों ने अपील की है कि आमजन इसे गंभीरता से ले और इसके साथ खांसी आती है तो कोविड टेस्ट जरूर करवाए।

मारवाड़-गोडवाड़ में कोरोना के 11 एक्टिव केस
पाली जिले में फिलहाल मंगलवार को नया मरीज कोरोना सामने नहीं आया है। वर्तमान में पाली में कोरोना के 11 एक्टिव केस है। इन पर नजर रखी जा रही है। कोविड गाइड लाइन के पालना की अपील की जा रही है।

कोविड पॉजिटिव के गंभीर मरीजों को अब शुगर
अस्पताल में अब ऐसे मरीज सामने आ रहे है, जो कोरोना के गंभीर संक्रमण से ठीक हुए है। उन्हें अब शुगर हो गई है। वे इसके उपचार के लिए अस्पताल के चक्कर निकाल रहे हैं। वहीं ब्लड प्रेशर बढऩे के मरीज भी अधिक सामने आ रहे हैं।

ऑपरेशन व नेत्र मरीजों में इजाफा
अस्पताल में सामान्य ऑपरेशन शुरू होने से राहत मिली है। वहीं नेत्र विभाग की ओपीडी भी बढ़ी है। रोजाना पचास से अधिक मरीज नेत्र रोगियों के आ रहे हैं।

बच्चों का खास ख्याल रखें
मौसम में तापमान में उतार चढ़ाव के कारण वायरल फीवर के मरीज बढ़े हैं। स्कूलें खुलने वाली है, बच्चों का परिजन खास ख्याल रखें। उन्हें नाक व मुंह पर हाथ लगाने के बाद सेनेटाइज की आदत डाले, वायरल फीवर के साथ खांसी होने पर कोविड जांच करवाए। - लक्ष्मण सोनी, चेस्ट फिजिशियन, बांगड़ अस्पताल, पाली

पाली. भारतीय जनता पार्टी पाली सशक्त मंडल अभियान सक्रिय बूथ समिति, पन्ना प्रमुख की नियुक्ति के लिए बुधवार को किसान केसरी भवन में जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें कार्यक्रम प्रभारी नारायणसिंह देवल ने कहा कि भाजपा नियुक्ति अभियान को सुचारू रूप से चलाने के लिए प्रथम चरण में सशक्त मंडल अभियान अगस्त तक पूरा करने तथा द्वितीय चरण में सक्रिय बूथ समिति अभियान नवम्बर तक पूरा करना है। अंतिम चरण में पन्ना प्रमुख नियुक्ति अभियान फरवरी 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
इसके तहत एक मंडल में लगभग 50 बूथ होंगे। प्रत्येक बूथ पर पन्ना प्रमुख नियुक्त किए जाएंगे। इसमें नगर पालिका को भी एक मंडल माना गया है। निगम नगर परिषद बूथों का एक मंडल होगा। ग्राम पंचायत में एक शक्ति केंद्र में पांच से सात बूथ होंगे। बूथ की मंडल कार्यकारिणी तथा सभी बूथ की कार्यकारिणी बनानी होगी। सभी मोर्चा की मंडल कार्यकारिणी गठन मोर्चा संरचना योजना के अनुसार किया जाएगा। शक्ति केंद्र संयोजक शक्ति के अंदर का निवासी होगा। शक्ति केंद्र संयोजक की उम्र 45 वर्ष से अधिक नहीं होगी।

इस समय तक पूरा करना होगा अभियान
इस पर सशक्त मंडल अभियान 30 अगस्त तक, सक्रिय बूथ समिति अभियान 15 से 30 नवंबर तक तथा पन्ना प्रमुख भौतिक सत्यापन अभियान फरवरी 2022 तक पूरा करने का निर्देश दिए गए। पार्टी की ओर से प्रशिक्षण कार्यशाला की जाएगी। जिलाध्यक्ष मंसाराम परमार ने कार्यक्रम समय पर पूरे करने को कहा। सांसद पीपी चौधरी, पुष्प जैन, विधायक ज्ञानचंद पारख, केसाराम चौधरी ने संबोधित किया। जिला प्रवक्ता तिलोकराम चौधरी ने बताया कि कार्यशाला में पाली नगर परिषद सभापति रेखा राकेश भाटी, सोजत नगर पालिका सभापति मंजू जुगल निकुंभ, पुखराज पटेल, मारवाड़ प्रधान प्रधान मंगलाराम देवासी, जिला महामंत्री सुनील भंडारी, मोहन जाट, घीसूलाल मेघवाल, जिला उपाध्यक्ष सुरेश चौधरी, नारायण कुमावत महावीर सिंह टेवाली, प्यारी देवी, लक्ष्मी सीरवी आदि मौजूद थे।

पाली. अल्पसंख्यक मामलात वक्फ एवं जन अभाव अभियोग निराकरण तथा जिले के प्रभारी मंत्री शाले मोहम्मद ने बुधवार को सुमेरपुर उपखंड मुख्यालय स्थित पंचायत समिति सभागार में राज्य सरकार की ओर से संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ ब्लॉक स्तरीय अधिकारी क्षेत्रीय विकास के लिए राज्य सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं में जारी निर्देशों का पूर्णतया पालन कर आमजन को राहत प्रदान करें। पानी, बिजली व सड़क समेत जनहित के कार्य प्राथमिकता से करवाए जाए।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य है कि जिले में कोई भी व्यक्ति जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभों से वंचित नहीं रहे। मुख्यमंत्री जनसम्पर्क पोर्टल पर दर्ज परिवेदनाओं को लम्बित नहीं रखने को कहा। चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए तैयारियां करने के निर्देश दिए।

पेयजल के लिए बनाई जाए योजना
उन्होंने पाली जिले में पेयजल आपूर्ति के लिए जलदाय विभाग के अधिकारियों को एक्शन प्लान बनाकर तैयारी करने, कृषि क्षेत्र के लिए दिन में ही विद्युतापूर्ति करने और अघोषित कटौती को कम करने के निर्देश दिए। कृषि कनेक्शनों की प्रगति रिपोर्ट का जायजा लिया। सुमेरपुर क्षेत्र में सड़कों की स्थिति सुधारने के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए।

औषधिय पौधों की जानकारी ली
उन्होंने बा.बापू अभियान तथा वन विभाग की ओर से औषधिय पौधा वितरण अभियान की जानकारी ली। नगर पालिका सुमेरपुर एवं तखतगढ़ द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रगति का जायजा लिया। इन्दिरा रसोई योजना को लेकर निर्देश दिए। जिला कलक्टर अंश दीप ने मंत्री को फ्लेगशिप योजनाओं के बारे में बताया।

पेयजल की बताई समस्या
कांग्रेस नेता रंजू रामावत ने पेयजल समस्या के बारे में बताया। उप प्रधान गजेन्द्रसिंह ने क्षेत्रीय समस्याओं के बारे में बताया। प्रभारी मंत्री ने उपखंड क्षेत्र में कोविड प्रबंधन एवं ऑक्सीजन बेड व्यवस्था जानी। बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर चन्द्रभान सिंह भाटी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बृजेश सोनी, उपखण्ड अधिकारी रिषभ मण्डल, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी शक्तिसिंह भाटी, प्रादेशिक परिवहन अधिकारी प्रवीणा चारण आदि मौजूद थे।

पाली. पाली में गहराए जल संकट के समाधान को लेकर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों ने बुधवार को प्रभारी मंत्री शाले मोहम्मद से आग्रह किया। कांग्रेस नेता महावीरसिंह राजपुरोहित सुकरलाई के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने सर्किट हाउस में मंत्री का स्वागत कर पाली व रोहट की पेयजल समस्या के स्थायी समाधान के लिए जोधपुर से पेयजल पाइप लाइन योजना को शीघ्र स्वीकृत करने की मांग की। उन्होंने मंत्री को बताया कि पाली विधानसभा क्षेत्र में भूजल खारा है। पाली शहर व रोहट में पेयजल के साथ पशुधन के लिए भी पानी का संकट आ गया है। उन्होंने बताया कि संकट आने पर जोधपुर कुड़ी से रोहट तक मात्र 28 दिन में पाइप लाइन बिछाकर पानी लाया गया था। राजीव गांधी लिप्ट केनाल के अगले चरण की 1454 करोड़ रुपए की पेयजल योजना में रोहट क्षेत्र को शामिल किया गया है। ऐसे में राज्य निधि से इसका बजट जारी कर पाइप लाइन जल्द बिछाई जाए। इस पर प्रभारी मंत्री ने समस्या समाधान का आश्वासन दिया। इस दौरान पूर्व जिला परिषद सदस्य जोगाराम सोलंकी, पूर्व शहर अध्यक्ष प्रकाश सांखला, गांधी 150 के जिला सह संयोजक जीवराज बोराणा, पार्षद आमीन अली रंगरेज, हाजी बाबु भाई गौरी, सन्तोखसिंह बाजवा आदि मौजूद थे।

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