>>: Digest for August 21, 2021

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नागौर. 'कलक्टर साहब, 12 जुलाई 2021 को आपने आश्वासन दिया कि हरकाराम जी आपका अतिक्रमण हटाने का काम तो रहा है, दो पुलिस जाप्ते की टुकडिय़ां तैयार की है, किन्तु सवा महीना बीत गया, काम तो हुआ नहीं, अपितु अतिक्रमियों ने अंगोर भूमि, गोचर भूमि पर काश्त जरूर कर ली है एवं नए मकानों का निर्माण, चार दीवार वगैरहा भारी मात्रा में हो गई है। आपसे हाथ जोडकऱ निवेदन है साहब, अतिक्रमण हटवा दो - हरकाराम।'
पिछले करीब 12 वर्षों से साडोकन में अतिक्रमण हटवाने के लिए नागौर कलक्ट्रेट से लेकर जोधपुर हाईकोर्ट तक के चक्कर काटने वाले हरकाराम ने गुरुवार को जिला कलक्टर की जनसुनवाई में औपचारिक भाषा में ज्ञापन लिखकर देने की बजाए साडोकन के हरकाराम ने जिला कलक्टर को यह बात एक कागज पर लिखकर दी।

इसी प्रकार पिछले 9 साल से गोचर व अंगोर भूमि पर किए गए अतिक्रमण को हटाने के लिए खुडख़ुड़ा कलां के प्रेमाराम मेघवाल ने भी गुरुवार को फिर ज्ञापन सौंपा। प्रेमाराम ने ज्ञापन के माध्यम से कलक्टर को बताया कि 'नागौर के अतिरिक्त जिला कलक्टर ने 13 जुलाई 2021 को जिला पुलिस अधीक्षक, नागौर उपखंड मजिस्ट्रेट, मूण्डवा तहसीलदार एवं खनि अभियंता को अतिक्रमण हटाने व पट्टे निरस्त करने के आदेश जारी किए थे, जिस पर तो कोई कार्रवाई हुई नहीं, उल्टा अतिक्रमियों ने खरीफ फसलों की बुआई कर दी।' प्रेमाराम ने बताया कि कुछ दिन पूर्व मूण्डवा तहसीलदार, आरआई व पटवारी को लेकर गांव आए तो उसने मौके पर ले जाकर वस्तुस्थिति बताई, लेकिन उन्होंने न तो पट्टों को निरस्त किया और न ही अतिक्रमियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की।

सुनवाई नहीं हुई तो गांधीजी का लिया सहारा
साडोकन के हरकाराम व खुडख़ुड़ा के प्रेमाराम पिछले कई वर्षों से सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने की लड़ाई लड़ रहे हैं। हर महीने नागौर पहुंचकर जिला कलक्टर को ज्ञापन देते हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं होने पर दोनों ने गांधीजी के समक्ष अपनी मांग रखी। गुरुवार को दोनों ने एक बैनर छपवाकर गांधीजी की प्रतिमा के सामने खड़े होकर सहयोग की अपील की।

अधिकारी बने चिकने घड़े
दोनों ही परिवादियों ने बताया कि ऐसा नहीं है कि जिला कलक्टर उनकी मांग को अनसुना करते हैं, वे जैसे ही कलक्टर के सामने जाते हैं, कलक्टर हाथों-हाथ सम्बन्धित अधिकारियों से उनकी शिकायत को लेकर बात करते हैं तथा कार्रवाई के लिए सख्ती से निर्देश भी देते हैं, लेकिन अधीनस्थ अधिकारी कार्रवाई करने से गुरेज कर रहे हैं। जिला कलक्टर कार्रवाई को लेकर कई बार लिखित में निर्देश जारी कर चुके हैं, लेकिन अधिकारी चिकने घड़े बने हुए हैं।

नागौर. खेलों का वातावरण तैयार करने, खिलाडिय़ों को अवसर प्रदान करने व प्रतिभाओं को तराश कर बेहतर प्रदर्शन के आधार पर आगे आने का मौका देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री बजट घोषणा वर्ष-2021-22 की अनुपालना में नवम्बर माह में राजस्थान ग्रामीण ओलम्पिक खेलों का आयोजन किया जाएगा। इन खेलों में राज्य का कोई भी मूल निवासी, किसी भी आयु वर्ग का इच्छुक खिलाड़ी भाग ले सकेगा। यह प्रतियोगिता नागौर जिले में प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर से आरम्भ की जाएगी, जिसमें ग्राम पंचायत की विजेता टीम ब्लॉक स्तर पर खेलेगी। वहीं ब्लॉक स्तर की विजेता टीम जिला स्तरीय ग्रामीण प्रतियोगिता में भाग लेगी।

इस प्रतियोगिता में जिले की सभी ग्राम पंचायतों को अपने स्तर पर प्रतियोगिता आयोजित कर ब्लॉक स्तर पर विजेता टीमें भेजनी होगी। जिला स्तर पर सम्बन्धित खेल की विजेता टीम राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेगी। इसमें चयन प्रक्रिया नहीं अपनाकर, विजेता टीम ही चयनित टीम होगी। प्रतियोगिता का आयोजन जिला कलक्टर के निर्देशन में किया जाएगा। साथ ही ग्रामीण विकास विभाग, शिक्षा विभाग व सम्बन्धित खेलो के जिला खेल संघो का पूर्ण सहयोग लिया जाएगा। ग्राम पंचायत, ब्लॉक स्तर व जिला स्तरीय प्रतियोगिता में विजेता खिलाडिय़ों को पुरस्कार व खेल किट प्रदान किए जाएंगे।

इस प्रकार होगी समिति
प्रतियोगिता के आयोजन के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर सरपंच संयोजक तथा ग्राम विकास अधिकारी, पटवारी व स्थानीय शारीरिक शिक्षक समिति के सदस्य होंगे। इसी प्रकार ब्लॉक स्तर पर पंचायत समिति प्रधान संयोजक, उपखण्ड अधिकारी, विकास अधिकारी व ब्लॉक शिक्षा अधिकारी सदस्य होंगे। वहीं जिला स्तर पर जिला कलक्टर/प्रतिनिधि संयोजक तथा जिला शिक्षा अधिकारी, जिला खेल अधिकारी व सम्बन्धित जिला खेल संघों के प्रतिनिधि सदस्य होंगे। जिला खेल अधिकारी ने बताया कि कबड्डी में 10 बालक व 10 बालिका तथा वालीबॉल शूटिंग में 8 बालक, टेनिस, क्रिकेट में 14 बालक व 14 बालिका एवं खो-खो बालिका में 12 बालिकाओं को शामिल किया जाएगा। इसमें खिलाडिय़ों की संख्या व हॉकी खेल और जोड़े जा सकेंगे।

नागौर. जिले के नावां तहसील क्षेत्र के मीठड़ी गांव में बुधवार तडक़े एक शराब दुकान को लूटने की वारदात को पूरे 24 घंटे भी नहीं हुए कि नागौर शहर में बीकानेर हाइवे पर स्थित एक शराब दुकान को चोरों ने निशाना बनाते हुए महंगी शराब व नकदी चुरा ली। हालांकि कोतवाली थाना पुलिस ने दुकानदार की रिपोर्ट पर 'बेमन' से मामला दर्ज कर लिया, लेकिन देर रात तक बताने से परहेज करती रही।
जानकारी के अनुसार गोवा खुर्द निवासी नाथूराम जाट ने थाने में रिपोर्ट देकर बताया कि बीकानेर रोड रीको औद्योगिक क्षेत्र के सामने उसकी लाइसेंस शुदा शराब की दुकान है। बुधवार की रात 12 से गुरुवार तडक़े 4 बजे के बीच अज्ञात चोरों ने उसकी दुकान का शटर तोडकऱ उसमें रखी महंगी शराब व 35-40 हजार रुपए चुराकर ले गए। दुकानदार की रिपोर्ट पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया।

पुलिस को लग रहा आपसी विवाद का मामला
शराब की दुकान चलाने वाले श्रवण सेन ने पत्रिका को बताया कि चोरों ने दुकान का शटर तोडकऱ दुकान में रखी महंगे ब्रांड की शराब व बीयर चुरा ली। श्रवण ने बताया कि एक तरफ आबकारी विभाग टारगेट पूरा करने के लिए बिक्री से अधिक शराब देती है और दूसरी तरफ चोरी होने से उनकी कमर टूट गई है। उधर, पुलिस का कहना है कि मामला आपसी विवाद का लग रहा है, क्योंकि शराब की केबिन के पीछे बनी पक्की दुकान में एक बुजुर्ग सो रहा था। ऐसी जानकारी भी सामने आई है कि बुजुर्ग ने कैम्पर लेकर आए युवकों से पूछा भी था, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया और शराब चोरी कर ले गए।

नागौर. शहर एवं गांवों में लावारिस घूमने वाले नर गोवंश के कारण उत्पन्न हुई समस्या का समाधान करने के लिए शहर के निकट चूंटीसरा गांव की सरहद में खोली गई नंदीशाला तीन माह बाद ही विवादों में आ गई है। नंदीशाला परिसर में बदबू आने पर आसपास के ग्रामीणों को गोवंश के मरने की आशंका हुई और वे एकत्र होकर परिसर में गए तो देखा कि एक गड्ढ़े में डेढ़ दर्जन से अधिक गोवंश मृत पड़े थे। इसे देखकर ग्रामीण भडक़ गए और नंदीशाला संचालक के खिलाफ जिला कलक्टर, जिला पुलिस अधीक्षक एवं सदर थानाधिकारी के नाम अलग-अलग शिकायतें देकर पूरे मामले की जांच कर संचालक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के करीब तीन साल बाद गत जून माह में नागौर में जिला स्तरीय नंदीशाला को शुरू किया गया था, जिसमें सरकारी घोषणा के अनुसार कुल 50 लाख रुपए खर्च कर गोवंश के लिए टिन शेड, पानी की खेळियां, चारे का भंडार सहित अन्य सुविधाएं विकसित करनी है। 50 लाख में मात्र 5 लाख रुपए नंदीशाला संचालक समिति को खर्च करने हैं, जबकि 45 लाख रुपए का सरकार द्वारा अनुदान दिया जाएगा। इसके बावजूद नंदीशाला में इतनी बड़ी संख्या में गोवंश की मौत होना चिंता का कारण है।

ग्रामीणों ने लगाए गंभीर आरोप
नंदीशाला परिसर में डेढ़ दर्जन से अधिक गोवंश की अकाल मौत की सूचना मिलने पर शुक्रवार को चूंटीसरा के पूर्व सरपंच खींयाराम राड़, विजेन्द्र ढाका, जेठाराम भोबिया, भंवरराम ढाका, नरपतसिंह, सुखाराम, श्रवण ढाका, पुरखाराम, विनोद, सुरेश, भगवानाराम, प्रवीण, शेराराम, कालूराम, मोहनराम, हुकमपुरी, दुर्गाराम आदि ने पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों को सौंपी शिकायत में गंभीर आरोप लगाए। ग्रामीणों ने बताया कि नंदीशाला में गोवंश को समय पर चारा व पानी नहीं दिया जा रहा है, जिससे गोवंश की मौत हो रही है। मरने वाले गोवंश को परिसर में ही गड्ढ़े खोदकर दफनाया जा रहा है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि अव्यवस्था एवं खारे पानी की वजह से पिछले काफी समय से गोवंश के मरने क्रम जारी है। नंदीशाला का परिसर 300 बीघा में है, जहां खेती कर ली, यदि गोवंश के लिए छोड़ते तो यह स्थिति नहीं होती। शुक्रवार को जब ग्रामीण पहुंचे तो 18 से 20 गोवंश गड्ढ़े में मृत पड़ा था।

नागौर. मोहर्रम का पर्व सादगी के साथ कोविड-19 गाइडलाइन के दायरे में मनाया गया। कोई जुलूस या सभा का आयोजन इस बार नहीं किया गया। पूरे दिन दान-पुण्य का काम जारी रहा। कई जगहों पर पानी व शर्बत की स्टालें लगी नजर आई। विशेष पकवान बनाकर खिलाया गया। कर्बला में हुए शहीदों के नाम की नियाज दिलाई गई। लोगों ने घरों में ही हजरत इमाम हुसैन को याद किया। मस्जिदों में सरकारी गाइडलाइन के अनुसार कर्बला के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि हजरत इमाम हुसैन ने सच्चाई का साथ दिया। इसलिए लोगों को सच्चाई का साथ देना चाहिए। ताजियों को उनके मुकाम के स्थान पर रखा गया। इस दौरान लोगों ने गाइडलाइन के तहत जियारत कर घरों को लौटे। इस दौरान सुरक्षा कर्मी तैनात रहे। कई जगहों पर पुलिस दल गश्त करता नजर आया। कोरोना महामारी के खात्मे की दुआ की गई। इस बार मोहर्रम पर पहले की तरह रौनक नहीं नजर आई।
किया सम्मानित, दिए प्रशस्ति पत्र
प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी नगर परिषद की ओर से मोहर्रम के मातमी पर्व पर शहर के विभिन्न स्थान लोहार पुरा ,बाजार वाड़ा पिंजारों का मोहला ,डोडी पीर दरगाह ,दड़ा मोहला ,न्यारो का मोहला, बड़े पीर साहब की दरगाह ,अजमेरी गेट व नकास गेट पर बनाये गए लाइसेंस धारक ताजियों को प्रोत्साहन स्वरूप प्रशंशा पत्र, इनाम , फूल माला व साफ़ा पहनाकर सम्मानित किया गया। इसमें े नगर परिषद की ओर से उपसभापति सदाकत अली ,पूर्व पालिका अध्यक्ष अशोक कुमार मच्छी, पार्षद भजन सिंग, नवरत्न बोथरा मकबूल अहमद ,विशाल शर्मा, यतिराज धनावत,अजय चांगरा व पार्षद प्रतिनिधि ओम मेघवाल, हरिराम जाखड़, नसीर हुसेन,अविनाश बिंजावत ,जुनेद, लक्ष्य धनावत पालिका कर्मी कुंजबिहारी, मुकेश योगिनन्दी आदि मौजूद थे। इस दौरान सभी ने मातमी पर्व को अमन चैन,शांति, भाईचारे व सरकारी दिशा निर्देश व कोविड-19 गाइड लाइन की पालना करते हुए मानने की अपील की ।

नागौर. पिछले लंबे समय से नागौर एमी शेत्र की 22 लीजो के रवन्नों में आए दिन अनियमिताएं पकड़ में आ रही थी। अब इन दोनों की अवैध बिक्री पर खनन विभाग ने नकेल कसते हुए गुरुवार को नए ऑर्डर जारी कर दिए हैं जिसके तहत प्लीज क्षेत्र के आसपास की किन्ही तीन कांटो को अधिकृत करना आवश्यक होगा। अब इस नए आदेश से विभाग की ओर से अनुमोदित कांटे पर तुलाई से ही रवन्ना को कनफर्म कराया जा सकेगा। खातेदारी खनन पट्टाधारक के निकट ही यह तीनों अनुमोदित कांटे होंगे। उल्लेखनीय है कि राजस्थान पत्रिका के गत दिवस प्रकाशित अंक में लीज नागौर एरिया की और तुलाई रियाबड़ी शीर्षक से प्रकाशित खबर में प्रमुखता से उठाया गया था।
खनिज विभाग ने बजरी के अवैध परिवहन व ओवरलोडिंग पर लगाम कसते हुए खान विभाग ने विभाग द्वारा अनुमोदित तुला यंत्र कांटों पर ही बजरी की तुलाई कराने के निर्देश जारी कर दिए। खनिज विभाग के अधिकारियों के अनुसार खातेदारी भूमि में खनिज बजरी के खनन पट्टाधारकों की ओर से रवन्ना को किसी भी तुलाई कांटों पर तुलाई कराकर ई रवन्ना कंफर्म करा लिया जाता है जिससे खातेदारी भूमि से बजरी परिवहन के दौरान ई रवन्ना के दुरुपयोग के मामलें लगातार सामने आए हैं । वहीं इससे बजरी के अवैध परिवहन की संभावनाएं बनी रहती है और राज्य सरकार को राजस्व की हानि भी होती है। राजस्थान पत्रिका में इस संबंध में प्रकाशित खबरों के बाद हुई कार्रवाइयों को भी ध्यान में रखते हुए निदेशक माइंस के बी पण्ड्या ने इस सआशय के आदेश जारी कर दिए गए। जारी आदेशों के अनुसार सभी खनि अंभियंताओं, सहायक खनिज अभियंताओं को निर्देश दिए गए हैं कि कि वे सात दिनों में अपने-पने क्षेत्र में खनन पट्टा क्षेत्र के पास में विभाग द्वारा तीन-तीन अनुमोदित तुलाई कांटों पर ही ई रवन्ना को कंफर्म करने के लिए खान पट्टाधारकों को पाबंद करेंगे। भविष्य में विभाग द्वारा अनुमोदित तुलाई कांटों के अलावा अन्य कांटों से तुलाई पर अनकंफर्म रवन्ना को कंफर्म नहीं किया जा सकेगा। इसके बाद भी गैर अनुमोदित कांटों पर तुलाई कराने के बाद अनकनफर्म रवन्ना को मानक के विपरीत होने पर कनफर्म किसी भी सूरत में नहीं किया जा सकेगा। खनिज विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अन्य अप्रधान खनिजों के लिए जिन क्षेत्रों मेें अधिक अधिशुल्क ईआरआरसी ठेके दिए हुए हैं वहां भी चैक पोस्ट व नाका पर एक ही अनुमोदित तुला कांटें पर तुलाई पर ही ई रवन्ना को कंफर्म किया जा सकेगा। इससे खातेदारी पट्टाधारियों सहित बजरी की परिवहन व तुलाई में गड़बडिय़ों की संभावनाओं पर अंकुश लगने की उम्मीद जताई गई है। इस संबंध में गुरुवार को हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग में आदेशों की शतप्रतिशत पालना सख्ती से कराने के निर्देश दिए गए हैं।
इससे ओवरलोडिंग व अवैध परिवहन की रहती है संभावना
खनिज विभाग के अधिकारियों ने माना की राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियम 2017 के प्रावधानों के अनुसार खानधारक द्वारा बिना वैध रवन्ना के खनिज का परिवहन नहीं किया जा सकता है। इसके लिए ऑनलाईन ई रवन्ना जारी कराना जरूरी होता है। उन्होंने बताया कि खनन पट्टा क्षेत्र में तुलाई यंत्र कांटें नहीं होने की स्थिति में अनकंफर्म रवन्ना जारी कराकर अपनी पसंद के तुलाई यंत्र कांटों पर तुलाई कराकर ई रवन्ना को कंफर्म करा लेतेे हैं जिससे अवैध परिवहन और ओवरलोडिंग की संभावनाएं बनी रहती है। उन्होंने बताया कि इस पर प्रभावी रोक लगाने के लिए विभाग द्वारा खनन पट्टा क्षेत्र के निकटस्थ स्थान पर अधिकतम तीन तुलाई कांटों का अनुमोदन किया जाएगा ताकि अवैध परिवहन पर रोक लगाई जा सके।
इनका कहना है...
अब खनिज विभाग विभाग की ओर से अनुमोदित तीन निकटवर्ती कांटों पर ही तुलाई कराकर इसे अनकफर्म से कनफर्म किया जा सकता है। इस आशय के आदेश मुख्यालय से प्राप्त हो चुके हैं। इसकी पालना के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं।
धीरज पंवार, एमई खनिज विभाग नागौर

नागौर. जयमल जैन पौषधशाला में साध्वी बिंदुप्रभा ने शुक्रवार को प्रवचन में कहा कि दूसरों के दुख में दुखी होना ही सच्ची दया है। जबकि दूसरों के दुख में सुखी होना क्रूरता का लक्षण है। मानव होकर भी ह्रदय में करुणा का अभाव होने पर वह पत्थर की तरह होता है। कोमल मिट्टी में ही फसल उगती है। उसी प्रकार कोमल ह्रदय में ही सदगुण विकसित होते हैं। दया धर्म का मूल है। दया रूपी नदी के किनारे ही धर्म की फुलवारी लगती है। दयालु व्यक्ति दूसरे की आंखों में आंसू देख स्वयं के आंसू रोक नहीं पाता है। दूसरे की पीड़ा को दूर करने के लिए जो अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाला ही वास्तव में श्रेष्ठ इंसान बनते हुए दया के गुण को अपना सकता है। करुणा मानवता का लक्षण होता है। दया के फलस्वरूप सद्गति, सौभाग्य, सद्बुद्धि की प्राप्ति होती है। जघन्य श्रेणी का व्यक्ति केवल स्वयं का ही चिंतन करता है। जबकि उत्कृष्ट श्रेणी का व्यक्ति स्व और पर दोनों का चिंतन करता है। अनुकंपा सम्यक्त्व का लक्षण होता है। कोई भी धर्म हिंसा को बढ़ावा नहीं देता। संचालन पूनमचंद बैद ने किया। प्रवचन और जय-जाप की प्रभावना तथा प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत करने के लाभार्थी कंवरीलाल, राजकुमार ललवानी थे। प्रवचन में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर हेमराज खींवसरा, सुनील ललवानी, राजकुमारी सुराणा एवं संगीता ललवानी ने दिए। आगंतुकों के भोजन का लाभ प्रकाशचंद, प्रदीप बोहरा ने लिया। मुदित पींचा ने बताया कि दोपहर में महाचमत्कारिक जय-जाप का अनुष्ठान किया गया। इस मौके पर अमीचंद सुराणा, प्रेमचंद चौरडिय़ा, जितेंद्र चौरडिय़ा, सोहनलाल नाहर आदि उपस्थित थे।

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