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सुविवि: नए नियमों ने डाला जेआरएफ उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के पीएचडी प्रवेश पर अडंगा Monday 24 April 2023 03:49 AM UTC+00 यूजीसी के नए नियमों ने जेआरएफ उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिए पीएचडी में प्रवेश की राह मुश्किल कर दी है। हालात ये है कि कड़े नियमों में जेआरएफ परीक्षा पास करने वाले सैंकड़ों अभ्यर्थियों को अब राह तकनी पड़ रही है, क्योंकि सीटें कम हैं और प्रवेश के लिए जेआरएफ के उम्मीदवार ज्यादा। नियमानुसार यदि फेलोशिप चाहिए तो जेआरएफ परीक्षा पास अभ्यर्थियों के लिए पीएचडी में प्रवेश लेना अनिवार्य है। -------- सुविवि की िस्थति: मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय की बात की जाए तो यहां पर यूजीसी आईसीएसआर जेआरएफ का पीएचडी में प्रवेश लेने का रुझान वर्ष दर वर्ष बढ़ता जा रहा है। वर्तमान में विभिन्न महाविद्यालय के संकाय में कुल 500 से अधिक जेआरएफ और जेआरएफ के समकक्ष स्थान रखने वाली फैलोशिप योजनाओं का लाभ ले रहे शोधकर्ता वर्तमान में शोध कार्य कर रहे हैं।कुछ विभागों में तो इतनी प्रतियोगिता बढ़ गई है कि बिना जेआरएफ पास किए पीएचडी में प्रवेश पाना असंभव सा हो गया था। वर्ष 2022 के पीएचडी के नए नियमों से तो अब प्रवेश प्रक्रिया 70% अंक अंतिम मेरिट में जुड़ने के कारण जेआरएफ पास उम्मीदवार का भी अंतिम रूप से चयन होना बहुत आसान नहीं है। जो भी उम्मीदवार पीएचडी प्रवेश परीक्षा में अधिक नंबर लाएगा, उसके प्रवेश की संभावनाएं बहुत अधिक है। ------- इसलिए बढ़ी प्रतिस्पर्धा यूजीसी -जेआरएफ परीक्षा पास कर चुके डॉ. भुपेंद्र आर्य बताते ही कि जूनियर रिसर्च फेलोशिप के लिए परीक्षा 1984 से आयोजित की जा रही है। ये राष्ट्रीय स्तर की बेहद कठिन परीक्षा मानी जाती है । इससे असिस्टेंट प्रोफसर की भर्ती के लिए पात्रता हासिल होती है, तो पीएचडी या शोध के लिए अधिकतम 5 वर्षो के लिए यूजीसी आर्थिक सहायता देती है। यही कारण है कि वर्ष 2015 के बाद से यूजीसी जेआरएफ की परीक्षा के लिए आवेदन करने वालों की संख्या बढ़ रही है। दिसंबर 2022 में यूजीसी नेट जेआरएफ परीक्षा में कुल 84 विषयों में 8,34, 537 आवेदकों ने आवदेन किया था। ------- पीएचडी इसलिए जरूरी... जेआरएफ परीक्षा उत्तीर्ण करने मात्र से ही आपको फेलोशिप की राशि मिलना शुरू नहीं हो जाती इसके लिए परीक्षा पास विद्यार्थी को जेआरएफ का प्रमाण पत्र जारी होने की तिथि से अधिकतम 3 वर्ष के बीच किसी भी यूजीसी से मान्यता प्राप्त 12बी केटेगिरी के निजी या केन्द्रीय सरकार, राज्य सरकार के विश्वविद्यालय में पीएचडी में प्रवेश लेना होता है। इसके बाद ही फेलोशिप की राशि ऑनलाइन मिलती है। ------- निर्देशों से बढ़ी मुश्किल वर्ष 2022 में यूजीसी द्वारा पीएचडी उपाधि के संबंध में नए दिशा निर्देश जारी किए गए। जिसमें कि पूर्व में सहायक आचार्य, सह -आचार्य और आचार्य की पीएचडी की सीटों को घटाकर क्रमश 4, 6, 8 कर दी गई। जो कि पहले 6, 8, 10 थी, ऐसे में पीएचडी में प्रवेश लेने के लिए दौड़ बढ़ गई, क्योंकि जेआरएफ परीक्षा विद्यार्थी जल्द से जल्द पीएचडी में प्रवेश लेकर जेआरएफ के रुप में मिलने वाली आर्थिक सहायता को लेना चाहता है। ----- एकेडमिक काउंसिल में निर्णय हो चुका है कि जेआरएफ उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को भी पीएचडी की प्रवेश परीक्षा के माध्यम से ही प्रवेश दिया जाएगा, ताकि जेआरएफ व अन्य सामान्य विद्यार्थियों को समानता का भाव बना रहे। साथ ही प्रवेश परीक्षा के बाद साक्षात्कार में जेआरएफ वालों को अतिरिक्त अंक दिए जाएंगे, जो उन्हें वरीयता में ऊपर ले जाएंगे। प्रो नीरज शर्मा, डीन पीजी, मोहनलाल सुखाडि़या विवि उदयपुर |
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