>>: Digest for June 17, 2023

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हनुमानगढ़. पीलीबंगा क्षेत्र के गांव हरदयालपुरा की रोही में बीती रात्रि को अज्ञात शिकारियों ने निर्ममता की सारी हदें पार करते हुए पहले तो गर्भवती नीलगाय का शिकार किया तथा उसके बाद नीलगाय को बेरहमी से काट कर गर्भ में पल रहे दो बछड़ों को बाहर निकालकर फेंक दिया। वन विभाग और पुलिस ने घटना स्थल का निरीक्षण किया है। अज्ञात जनों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया है।

जानकारी के अनुसार गांव हरदयालपुरा की रोही के चक 31 जेआरके में बीते गुरुवार की रात्रि को अज्ञात शिकारियों ने एक नीलगाय का गोली मारकर शिकार कर लिया। ग्रामीणों ने बताया कि अज्ञात शिकारियों द्वारा नीलगाय को गोली मारने के बाद वह तड़पती हुई नजदीक ही पानी से भरे एक कच्चे खाले में जा गिरी। नील गाय के कच्चे खाले में गिरने से पानी से भरा खाला नील गाय के बह रहे खून से रक्तरंजित हो गया। दो से तीन की संख्या में शिकारियों द्वारा पानी में तड़प रही नीलगाय को बाहर निकालकर पहले उसको निर्ममता काटा गया फिर पेट फाड़कर गर्भ में पल रहे दो बछड़ों को बाहर निकाल कर फैंक दिया गया। इसके बाद शिकारी नील गाय के शरीर का मांस नोच कर ले गए। इस दौरान घटना स्थल के नजदीक खेत की रखवाली कर रहे किसान सुभाष बिश्रोई ने अपने भाई को नीलगाय के शिकार की जानकारी देकर मौके पर बुलाया। कार की लाइटों को नजदीक आते देखकर अज्ञात शिकारी नील गाय का मांस लेकर बाइक पर सवार होकर फरार हो गए।

इस दौरान मौके पर प्लास्टिक का कट्टे सहित अन्य सामान घटनास्थल पर ही गिर गया। घटना की सूचना मिलने पर जंभेश्वर पर्यावरण एवं जीव रक्षा प्रदेश संस्था के महामंत्री अनिल बिश्नोई, जीव रक्षा तहसील अध्यक्ष शिवकुमार धारणिया सहित अन्य जीव प्रेमियों ने पहुंचकर वन विभाग के अधिकारियों तथा पुलिस को सूचना दी। वन विभाग के कार्यवाहक क्षेत्रीय वन अधिकारी वीरेंद्र ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का निरीक्षण करते हुए नील गाय के क्षत विक्षत शरीर व दो बछड़ों के शवों को कब्जे में लेकर वन विभाग कार्यालय में पहुंचाया तथा पशु चिकित्सक से पोस्टमार्टम करवा कर अवशेषों को दफना दिया।
घटना को लेकर हरदयालपुरा निवासी पाला राम पुत्र सुभाष बिश्नोई की रिपोर्ट के आधार पर वन विभाग के अधिकारियों ने वन्य जीव सुरक्षा अधिनियम के तहत अज्ञात आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर तलाश प्रारंभ कर दी। कार्यवाहक क्षेत्रीय वन अधिकारी विरेंद्र कुमार ने बताया कि घटना की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची टीम ने घटना स्थल से प्लास्टिक का थैला, चाकू, लोहे की राड़ व कंक्रीट बरामद किए गए।

नहीं थम रही वन्यजीवों के शिकार की घटना
पीलीबंगा के आसपास गांव लिखमीसर, थिराज वाला, लखासर, हरदयालपुरा, दौलतांवाली, बड़ोपल सहित अन्य आसपास का इलाका वन्य जीव बाहुल्य क्षेत्र में आता है। जीव प्रेमियों के अनुसार उक्त क्षेत्र में स्वयं को सुरक्षित महसूस करते हुए नीलगाय व हिरण झुंड के रूप में यहां विचरण करते हैं, लेकिन बीते समय से क्षेत्र में लगातार हो रही वन्यजीवों के शिकार की घटनाओं को लेकर इलाका वन्यजीवों के लिए सुरक्षित नजर नहीं आ रहा है। जीव प्रेमी अनिल बिश्रोई ने बताया कि कुछ दिन पूर्व ही नजदीक के गांव अयालकी में अज्ञात शिकारियों ने एक नील गाय को गोली मारकर घायल कर दिया, जिनसे नील गाय की मौत हो गई। इससे पूर्व गांव भागसर, लखासर के चक 3, 4, 5, 10 एलकेएस तथा 22 एवं 28 एमओडी में करीब एक दर्जन वन्य जीवों का शिकार किया जा चुका है, लेकिन अज्ञात शिकारी अभी तक कानून की गिरफ्त से दूर है।

वन्यजीव प्रेमियों ने वन विभाग के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लगाते हुए बताया कि विभाग के अधिकारियों को वन्यजीवों के शिकार की सूचना देने पर फौरी तौर पर कार्रवाई कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली जाती है। वन विभाग के अधिकारियों की लचर कार्यप्रणाली के चलते हौसले बुलंद हो चुके अज्ञात शिकारियों द्वारा सरेआम नीलगाय व हिरणों का शिकार किया जा रहा है। वन्य जीवों के शिकार की घटनाओं को लेकर विभाग की ओर से अधिकतर मामले दर्ज ही नहीं किए जाते हैं। जीवों को बचाने को लेकर वनजीव बाहुल्य क्षेत्र में जीव प्रेमी ठीकरी पहरा लगाकर सुरक्षा करने में जुटे हुए है। जीव प्रेमी साहबराम बिश्नोई, कमलेश बिश्नोई, प्रेम, सुशील, प्रवीण, इंद्रजीत, महावीर बिश्नोई, सुरेंद्र आदि युवाओं की टीम द्वारा रात्रि पहरा लगाकर मूक वन्य जीवों को बचाने में जुटी है, लेकिन क्षेत्र बड़ा होने व वन विभाग की लचर कार्यप्रणाली के चलते शिकार की घटनाओं में दिन प्रतिदिन इजाफा हो रहा है।

रात्रि में खेतों की रखवाली कर रहे किसानों ने भी जताई अनहोनी की आशंका
गांव लखासर, थिराजवाला, 13 एलकेएस, लिखमीसर सहित आसपास के अन्य क्षेत्र में रात्रि के दौरान खेतों की रखवाली कर रहे किसानों ने अनहोनी की आशंका जताते हुए बताया कि बीते कई दिनों से काफी संख्या में बाइक सवार अज्ञात शिकारियों द्वारा नीलगाय व हिरणों के शिकार को लेकर चलाई जाने वाली गोलियों का वह कभी शिकार हो सकते हैं। किसान राजाराम बिश्रोई, मुकेश बिश्रोई, सुभाष कुूकणा आदि ने बताया कि शिकारियों की गोली के छर्रों से कई बार खेतों की रखवाली कर रहे किसान बाल बाल बचे हैं। किसानों ने रात्रि में शिकार की तलाश में घूमने वाले शिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई कर वन्यजीवों सहित उन्हें सुरक्षा प्रदान करवाए जाने की गुहार लगाई है।(पसं.)

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