>>: Digest for February 28, 2024

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Table of Contents

भीलवाड़ा के ग्रामीण हाट बाजार में जिला प्रशासन, महिला अधिकारिता, महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को पांच दिवसीय जिला स्तरीय अमृता हाट मेला शुरू हुआ। पहले दिन ही बड़ी संख्या में महिलाएं मेले का लुत्फ उठाने एवं आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने पहुंची। इससे पूर्व मेले का शुभारम्भ सांसद सुभाष बहेड़िया, संभागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट, जिला कलक्टर नमित मेहता व मधुबाला महाजन ने दीप प्रज्जवलित एवं गुब्बारें उड़ा कर किया।

उत्पादों की सराहना

अतिथियों ने परिसर में लगाई गई विभिन्न स्टॉल्स का अवलोकन किया और उन्हें सराहा। मेले में महिला अधिकारिता विभाग, जिला उद्योग केन्द्र, एनयुएलएम व राजीविका के स्वयं सहायता समूह हिस्सा ले रहे हैं।

अमृता हाट स्वयं सहायता समूह के लिए सार्थक
इस मौके पर सांसद बहेड़िया ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के लिए बाजार की उपलब्धता न होना एक बड़ी परेशानी है। निश्चित रूप से अमृता हाट स्वयं सहायता समूह के लिए सार्थक साबित होगा। संभागीय आयुक्त भट्ट ने कहा कि यह मेला स्वयं सहायता समूह के लिए अपने उत्पादों की पहचान के लिए एक अवसर है।

मातृ शक्ति को मिलेगी मजबूती
कलक्टर नमित मेहता ने कहा कि अमृता हाट का आयोजन स्वयं सहायता समूह तथा मातृ शक्ति को मजबूत करने के लिए सरकार की एक पहल है। महिला अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक नगेन्द्र तोलंबिया ने बताया कि 27 फरवरी तक अमृता हाट मेले का आयोजन होगा। यहां 60 स्वयं सहायता समूह अपने उत्पादों का विपणन कर सकेगी। राजीविका के जिला प्रबंधक रामप्रसाद शर्मा आदि ने भी विचार रखे।

मेले में यह खास
मेले में जयपुरी सांगानेरी चद्दरे, कुर्तियां, लाख की चूडियां, कोटाडोरिया साडियां, सूट, चुन्नी, सिक्के की ज्वैलरी, प्रतापगढ़ की प्रसिद्ध हिंग, पापड़, मसाले, अजमेरी जूतियां, पर्स, टेराकोटा आईटम, जूट के बैग सहित फास्ट फूड जोन, सेल्फी पॉइंट व बच्चों के लिए फन जोन आकर्षण का केन्द्र है। इसी प्रकार यहां प्रतिदिन विभिन्न प्रतियोगिताएं भी महिलाओं के लिए होगी।

भीलवाडा नेहरू युवा केंद्र की और से ज़िला स्तरीय पड़ोस युवा संसद कार्यक्रम का आयोजन शुक्रवार को विद्या प्रोफेशनल और टेक्निकल कॉलेज में आयोजित हुआ। यहां सांसद सुभाष चंद्र बहेड़िया ने युवा संसद सत्र अवलोकन के पश्चात कहा कि साक्षात पार्लियामेंट उनके समक्ष जीवंत हो गई एवं जो महत्त्वपूर्ण मुद्दे भीलवाड़ा से संबंधित उठाए गए हैं, उसके लिए युवा बधाई के पात्र हैं।


बहेडिया ने कहाकि कि टेक्सटाइल पार्क के लिए प्रयास किए जा रहे हैं और जल्द ही टेक्सटाइल पार्क की सौग़ात भीलवाड़ा को मिले इसके लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने मॉक संसद में प्रधानमंत्री का दायित्व निभा रहे युवा की मांग पर उनके ग्राम में सशक्त युवा शक्ति के निर्माण के लिए पुस्तकालय निर्माण के लिए पांच लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान की।

युवा संसद में युवा प्रतिभागी संसद के अध्यक्ष, प्रधानमंत्री और प्रतिपक्ष के नेता की भूमिका में नज़र आए।
जिला युवा अधिकारी सुमित यादव, कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता एलएल पवार, कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य सावन कुमार जांगिड़, एनएसएस के जिला समन्वयक कमोद सिंह मीना, इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी के राज्य महासचिव रमेश चंद्र मूंदडा आदि मौजूद रहे।

द्वितीय सत्र में कमोड सिंह मीणा ने वोकल फॉर लोकल, एलएल पवार ने मिलेट्स भोजन, आर्गेनिक खेती, जांगिड़ ने नारी शक्ति वंदन, जसवंत सिंह ने न्यू इंडिया विषयों पर विचार रखे। विद्या कॉलेज डायरेक्टर इंजीनियर गीता चौधरी ने विद्यार्थियों को मिलेट्स को अपने जीवन में उपयोग लेकर स्वस्थ रहने के लिए प्रेरित किया।
तृतीय सत्र में बहेडिया ने राज्य स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पल्लवी सोनी, शुभम ओझा एवं अक्षय ओझा को सम्मानित किया। क्विज प्रतियोगिता का आयोजन भी हुआ। विद्या कॉलेज के प्रबंध निदेशक डॉ. अशोक चौधरी, विद्या कॉलेज प्राचार्य सिंह ने आभार जताया। संचालन शुभम ओझा एवं व्याख्याता श्रुति उपाध्याय ने किया।

भीलवाड़ा तहसील क्षेत्र में पुलिस प्रशासन की नाक के नीचे बजरी का अवैध खनन और परिवहन धडल्ले से हो रहा है। इस पर अंकुश लगाने के प्रति जिम्मेदार गंभीर नहीं है , आरोप है कि उनकी मिलीभगत से ही बजरी का अवैध खनन और परिवहन हो रहा है। बुधवार रात को भी शक्करगढ़ क्षेत्र के उथरना में अवैध बजरी का परिवहन करते एक ट्रैक्टर चालक को ग्रामीणों ने पकड़कर पुलिस के हवाले किया था। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस-प्रशासन को सूचना देने के बाद भी कोई कार्रवाई नही की जाती है। भीलवाड़ा, जहाजपुर तथा कोटड़ी क्षेत्र में धड़ल्ले से हो रहे बजरी के अवैध खनन को लेकर चर्चा आम है कि बजरी माफिया व पुलिस कर्मियों की मिलीभगत से बजरी का अवैध खनन हो रहा है।


2 जून तक का स्टॉक

खनिज विभाग का दावा है कि लीज धारक ने लीज के पास ही बजरी का स्टॉक कर रखा है। इसके कारण यह बजरी जून तक बेची जा सकती है। अवैध बजरी खनन के मामले में पुलिस-प्रशासन की सुस्ती से बजरी माफियाओं का धंधा खूब चल रहा है। क्योंकि रात के अंधेरे में बजरी माफिया बनास नदी में लोडर, जेसीबी मशीन ले जाकर अवैध खनन करते हैं। खनिज विभाग और पुलिस- प्रशासन ने पिछले दिनों बजरी के अवैध स्टॉक को जब्त किया था। लेकिन बजरी माफिया जब्त स्टॉक में से भी बजरी भरकर ले जा रहे हैं। हमीरगढ़, कान्याखेड़ी, मंगरोप, जहाजपुर, कोटड़ी, कांदा, गेंदलिया समेत दर्जनों गावों से देर रात में अवैध बजरी की निकासी की जा रही है।
मिलीभगत से हुई बजरी महंगी

ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस ने थोड़े दिन तक सख्ती दिखाकर अवैध बजरी पर रोक लगाई थी । सख्ती के बाद बजरी के दाम तीन गुना तक बढ़ गए। शहर में भवन निर्माण के लिए पहले एक ट्रैक्टर ट्रॉली बजरी 1500 से 2000 रुपए में आती थी वही बजरी अब 6 से 10 हजार तक आ रही हैं। इसके कारण भवन निर्माण में जुड़े लोगों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।

तीन मीटर से भी अधिक गहराई में खोदा जा रहा

कान्या खेड़ी स्थित बनास नदी में कई जगहों पर 15 से 20 फीट गहरे गड्ढे खोद कर बजरी का दोहन किया जा रहा है। नदी से अधिकांश जगहों से बजरी निकालने से अब पत्थर ही पत्थर नजर आते है। नदी में रात के समय पुलिस व खनिज विभाग के कर्मियों की मिली भगत से ही बजरी का अवैध दोहन हो रहा है।
जांच करवाते है

कान्याखेड़ी स्थित बनास नदी में हो रहे अवैध खनन की जांच करने के लिए संबंधित को कहा है, हालांकि इस मामले को अब नए खनिज अभियन्ता देखेंगे।
सत्यनारायण कुमावत, खनिज अभियन्ता भीलवाड़ा

भीलवाड़ा जिला परिषद ने स्वच्छ भारत मिशन शाखा में कार्यरत संविदाकर्मी महिला की ओर से विभाग की एसएसओ आईडी से एसबीएम योजना में लाखों रुपए का गबन करने की जांच शुरू कर दी है। इस मामले में जिला परिषद ने पांच बैंकों को पत्र लिखकर 10 खातों की जानकारी मांगी है। इन खातों के माध्यम से 1 जनवरी 2019 से 31 दिसंबर 2021 तक एसबीएम के खाते से आई राशि की जानकारी मांगी है।

 

इन बैंकों को लिखा पत्र
जिला परिषद की स्वच्छ भारत मिशन शाखा के अधिकारी ने जिला कलक्टर के निर्देश पर पांच बैंकों को पत्र लिखे है। इनमें एसबीआई में तीन खाते, आईसीआईसीआई बैंक में 2 खाते, सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया में एक खाता, बड़ौदा राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक में दो खाते, विजया बैंक (बडौदा बैंक) आरसी व्यास के एक खाते तथा एचडीएफसी बैंक से एक खाते का रिकार्ड मांगा है। एचडीएफसी बैंक में प्रिंस व्यास के खाते में लगभग 14 हजार 400 रुपए डाले गए है। इसके अलावा कितनी राशि और डाली है यह बैंक जानकारी जुटा रहा है।

यह है मामला
भ्रष्टाचार निरोधक अभियान से जुड़े कार्यकर्ता ने ग्रामीण विकास पंचायती राज विभाग निदेशालय स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण जयपुर को लिखित में शिकायत की। आरोप लगाया कि एसबीएम शाखा में संविदा पर कार्यरत डाटा एंट्री ऑपरेटर अंजली पंड्या ने अधिकारियों व कर्मचारी की जानकारी के बिना एसएसओ आईडी का दुरुपयोग कर परिजनों के खाते में राशि डाल गबन किया। संयुक्त निदेशक पवन कुमार ने भीलवाड़ा जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को पत्र लिखकर जांच के आदेश दिए थे।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग ने आदेश जारी कर अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (परिवार एवं कल्याण) डॉ. सीपी गोस्वामी को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भीलवाड़ा नियुक्त किया है। वही डॉ. मुश्ताक खान को चित्तौडग़ढ़ में अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी पद पर लगाया है। डॉ. रामकेश गुर्जर को अतिरिक्त सीएमएचओ भीलवाडा लगाया है।


महिपाल सिंह भंडार जीएम

सहकारी विभाग के निरीक्षक महिपाल सिंह कानावत को विशेष लेखा परीक्षक कार्यालय जयपुर शहर से प्रतिनियुक्ति पर सहकारी उपभोक्ता होलसेल भंडार लि. के महाप्रबंधक पद पर लगाया है। वही सुरेंद्र सिंह खंगारोत को विशेष लेखा परीक्षक सहकारी समितियां कार्यालय भीलवाड़ा में ट्रांसफर किया है। जितेंद्र कुमार मालपानी को विशेष लेखा परीक्षक लगाया है। सेंट्रल कॉ-ओपरेटिव बैंक के प्रबन्धक अनिल काबरा को भूमि विकास बैंक भीलवाड़ा के सचिव पद पर लगाया है। इनके स्थान पर अभी किसी को नहीं लगाया है।
जल संसाधन विभाग के अधिकारी भी बदले
जल संसाधन विभाग ने सोजी सिंह प्रतिहार को भीलवाड़ा सर्किल का अधीक्षण अभियंता बनाया है। एक्सईएन हरीश कुमार वरंजानी को जिला परिषद से जिला परिषद अजमेर, प्रवीण कुमार बैरवा को झालावाड़ से खंड द्वितीय भीलवाड़ा, छोटूलाल कोली को खंड द्वितीय भीलवाड़ा से जिला परिषद जालोर, महेंद्र कुमार को खंड प्रथम भीलवाड़ा से गुण नियंत्रण खंड प्रथम कोटा, अख्तर जमील को टीए टू एसई भीलवाड़ा से जाखम परियोजना खंड धरियावाद भेज दिया है।

जलदाय विभाग में भी बदलाव
जलदाय विभाग ने विभिन्न कैडर के अधिकारियों के तबादले किए हैं। जेईएन मंगलराम चौधरी को उपखंड जहाजपुर को उपखंड मालपुरा टोंक, शाहीना बानो अंसारी को नगर उपखंड सुभाष नगर अजमेर से उपखंड कोटड़ी, रितेश कुमार मीणा नगर उपखंड बूंदी से उपखंड जहाजपुर ग्रामीण, सुमित्रा मीणा को उपखंड उनियारा टोंक से उपखंड जहाजपुर (पंडेर), सुनील बंजारा को उपखंड जहाजपुर (पंडेर) से उपखंड शाहपुरा (ग्रामीण), अनिल जीनगर को उपखंड आसींद (बदनौर) को उपखंड आसींद, सत्येंद्र सिंह चौहान को उपखंड बनेड़ा, मनाली सुमन को उपखंड बनेड़ा से उपखंड गोगुंदा तबादला किया है।

एसई व अधिशासी अधिकारी बदले
अजमेर डिस्कॉम में भीलवाड़ा सर्किल के अधीक्षण अभियंता पद पर वीके संचेती को नियुक्त किया है। जबकि राजपाल सिंह अकाल को अजमेर लगाया है। स्वायत्त शासन विभाग ने अधिशासी अधिकारी तृतीय शंभूलाल मीणा को नगर पालिका बामणवास से आसींद नगर पालिका, जुबेर खान राजस्व अधिकारी प्रथम को नगर पालिका रामगढ़ शेखावाटी से नगर पालिका गंगापुर भेजा है।

पीडब्ल्यूडी व बाल विकास में तबादले
सार्वजनिक निर्माण विभाग ने एक्सईएन रामस्वरूप बैरवा को खंड बेगूं से मांडलगढ़, रामदयाल मीणा को सर्वे व गुण नियंत्रण खंड बूंदी से खंड शाहपुरा, गौतम मीणा को खंड मांडलगढ़ से खंड कोटपूतली तबादला किया है। महिला एवं बाल विकास विभाग ने सीडीपीओ सुबोध जोशी को परियोजना सिरोही ग्रामीण से रायपुर, चैन सोनवाल को आसींद से परियोजना हुरड़ा, आशीष नवल को हुरड़ा से दूदू, कुशल सिंह राणावत को शाहपुरा से जहाजपुर, शंकरलाल बैरवा को जहाजपुर से सहाड़ा, मनीष मीना को केकड़ी से बदनोर भेजा है।

शहर की सफाई व्यवस्था पर करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद हालात ठीक नहीं है। इसी का कारण रहा कि भीलवाड़ा सफाई रैकिंग में गत दिनों औरे नीचे के पायदान पर आया है। हाल ही जारी सफाई रैकिंग में देश में भीलवाड़ा का स्थान 328 नम्बर था, वहीं प्रदेश में 15वां रहा। जबकि शहर की सफाई व्यवस्था के लिए नगर परिषद में सफाईकर्मियों की 1300 की फौज है। इसके अलावा कई प्रकार के टेंडर पर होने वाले सालाना करोड़ों रुपए के बावजूद हालात ठीक नहीं है।

 


कचरे का ठोस निस्तारण नहीं

सफाई में पिछड़ने का कारण समय पर कचरे का निस्तारण नहीं होना है। सर्वे में लोगों ने जो देखा वही जवाब दिया। इससे भीलवाड़ा पिछड़ गया। जबकि शहर में सफाईकर्मियों के अलावा डोर-टू- डोर कचरा संग्रहण की व्यवस्था भी है। लेकिन इस व्यवस्था में कई कमियां है। कई जगह संग्रहण वाहन ही नहीं जा रहे हैं। कई वाहन तो एक चक्कर काटकर वापस नहीं आते। इस व्यवस्था में सुधार के लिए नगर परिषद को कोई सख्त कदम नहीं उठाया। ऐसे में लोगों को शहर में जहां जगह मिल रही है वहां ही कचरा डाल रहे हैं।
70 वार्ड में 13 जोन

नगर परिषद ने शहर के 70 वार्ड को सफाई के मध्यनजर 13 जोन में बांट रखा है। इसमें 13 जमादार है। यह जमादार सफाईकर्मियों से सुबह और शाम की शिफ्ट में सफाई कराते हैं। वहीं नगर परिषद के पास 100 कचरा वाहन, जेसीबी, डम्पर, 15 ट्रैक्टर, किराए की जेसीबी, कचरा बॉक्स उठाने के वाहन, जेट मशीन उपलब्ध है। इनमें तनख्वाह तथा मरम्मत समेत अन्य पर सालाना करीब 7 करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं।

सफाई कर्मी बन गए बाबू
नगर परिषद के कई सफाईकर्मी बाबू बना दिए गए हैं। ऐसे में शहर में सफाई व्यवस्था गड़बड़ा गई है। शहर की सफाई मामले में नगर परिषद के प्रबंधन की कमी है। ठोस कचरा प्रबंधन और संग्रहण में अनदेखी के चलते भीलवाड़ा प्रदेशः में पिछड़ रहा है। वहीं शहर की सफाई व्यवस्था भी गड़बड़ाई हुई है। अब नगर परिषद नए सिरे से कार्य योजना बना रहा है। इसके लिए 5 करोड़ के वाहन भी खरीदे जा रहे है।

कर रहे सफाई व्यवस्था में सुधार

शहर में सफाई व्यवस्था में सुधार कराया जा रहा है। कचरा संग्रहण में मिली कमियों पर कार्रवाई की जाएगी। जल्द ही सुधार होगा।
हेमाराम चौधरी, आयुक्त नगर परिषद भीलवाड़ा

शाहपुरा ने नए जिले का ताज पहन लिया। अब बात विकास की होनी चाहिए। रियासत काल में बने शाहपुरा का विकास अब नहीं हो सकता तो कभी नहीं हो सकेगा। जनमानस को वो सभी सुविधाएं चाहिए जो जिले के लिए जरूरी है। खासतौर से यहां परिवहन सुविधा का अभाव बड़ा मुद्दा है। रोजगार के साधन उपलब्ध नहीं होने से युवा पलायन को मजबूर है। शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में विस्तार की जरूरत है। रेलवे कनेक्टिविटी की ओर सरकार ध्यान दें।


यह निचोड़ है, राजस्थान पत्रिका की ओर से शुक्रवार को प्रतापसिंह बारहठ राजकीय महाविद्यालय में हुए टॉक शो का। यहां शहरवासियों ने कहा कि जिला अस्पताल में पर्याप्त डॉक्टर नहीं है। गंभीर मरीज के आते ही रैफर किया जाता है। रात को रोडवेज बसों और कॉलेज में पर्याप्त व्याख्याताओं की कमी है। नए रोजगार के अवसर उपलब्ध होना चाहिए। इससे पहले कॉलेज प्राचार्य पुष्कर राज मीणा, संकाय सदस्य रामावतार मीना ने सरस्वती की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर टॉक की शुरुआत की। राजस्थान पत्रिका के सम्पादकीय प्रभारी अनिल सिंह चौहान ने आंगुतकों का स्वागत किया। शीलारानी मीणा, अनिल श्रोत्रिय, मूलचंद खटीक, हंसराज सोनी, दिग्विजय सिंह, विनोद सेन, रवि शंकर सोनी, हरकचंद शर्मा, पुखराज जोशी, महावीर नाथ भी मौजूद थे। अनिल शर्मा व धर्म नारायण वैष्णव ने संचालन किया।

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रियासत काल के समय शाहपुरा में पर्याप्त विकास था। क्रांतिकारियों की भूमि है। रामस्नेही सम्प्रदाय की अंतरराष्ट्रीय पीठ है। फूलडोल मेले को राज्य स्तरीय दर्जा मिले तो पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। पैनोरमा का निर्माण होना चाहिए।

- अनिल शर्मा

शाहपुरा-भीलवाड़ा मार्ग सिंगल रोड है। इससे भीलवाड़ा पहुंचने में बहुत समय लगता है। बड़ी संख्या में भारी वाहन चलते है। इसे फोरलेन में परिवर्तन करने की जरूरत है।
- ओमप्रकाश वैष्णव

जयपुर-उदयपुर के लिए ही रोडवेज बसें है। अन्य मार्गों पर रोडवेज सुविधा का अभाव है। आवागमन में परेशानी होती है। परिवहन सुविधाओं में विस्तार की जरूरत है।
- पुखराज जोशी

आजादी से पहले शाहपुरा के हाल ठीक था। शाहपुरा कृषि प्रधान क्षेत्र था। आजादी के बाद से यह पिछड़ता चला गया। राजनीतिक इच्छा शक्ति की कमी विकास में बाधक रही।

- सुनील बेली

बड़े शहरों से जुड़ाव के लिए रोडवेज की जरूरत है। हर तरफ से कनेक्टिविटी बढ़नी चाहिए। शाहपुरा में डेयरी की स्थापना हो। इससे रोजगार के नए साधन उपलब्ध होंगे।
- हनुमान धाकड़

शहर में ट्रक-ट्रोलों की भरमार है। इससे हर पल दुर्घटना का अंदेशा रहता है। इनके आगमन के लिए वैकल्पिक मार्ग तैयार किया जाना चाहिए।
- उर्वशी पारीक

शहर में ट्रॉफिक रूल्स नहीं है। ट्रोले तेज गति से दौड़ते है। कॉलेज में स्टॉफ भी पर्याप्त नहीं है। रात में अस्पताल में डॉक्टरों की कमी है।
- अंशिका पत्रिया


कॉलेज में स्काउट संकाय नहीं है। पर्याप्त स्टॉफ भी नहीं होने से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में शाहपुरा पिछड़ा है। ब्लड बैंक खोला जाना चाहिए। आंगूचा माइंस जिले में आनी चाहिए।

- नंदनी निर्वाण


कचरा रिसाइक्लिंग की व्यवस्था नहीं है। तालाब को डम्पिंग यार्ड बना रखा है। उसका निस्तारण नहीं होने से सफाई व्यवस्था बदहाल है।

- कुणालराज सिंह चौहान
सावर से सीधे बस सेवा उपलब्ध नहीं है। इससे कॉलेज छात्राओं को सर्वाधिक परेशानी झेलनी पड़ती है। शाम के बाद विभिन्न क्षेत्रों के लिए बसें उपलब्ध नहीं है।
- अपूर्वा शर्मा
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यह भी उठे मुद्दे
- मेडिकल व इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना होनी चाहिए ।
- आंगूचा माइंस शाहपुरा में मिलनी चाहिए, इससे डीएमएफटी फंड में राजस्व मिलेगा ।

- समेलिया में औद्योगिक क्षेत्र का विस्तार होना चाहिए ।
- भीलवाड़ा और जहाजपुर जाना हो तो टोल पर क्षेत्र के लोगों को जेब ढीली करनी पड़ती है ।

- शाहपुरा में डिपो बनना चाहिए, बस स्टैंड पर गंदगी का आलम ।
- गर्ल्स हॉस्टल नहीं होने से छात्राएं परेशान है।

Rajasthan News: राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में वकील मोहन लाल की जघन्य हत्या के बाद अब बवाल शुरू हो गया है। शुक्रवार देर रात दस बजे से परिवार और समाज के लोग धरने पर बैठ गए हैं। परिवार को एक करोड़ रुपया मुआवजा, सरकारी नौकरी और अन्य मांगों को लेकर यह प्रदर्शन शुरू हो गया है और इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हैं। मौके पर भारी पुलिस बंदोबस्त किया गया है। पुलिस और प्रशासनिक अफसर पीड़ित परिवार से समझाईश करने के प्रयास कर रहे हैं, लेकिन परिवार अपनी मांगों को लेकर अड़ा हुआ है। इस मामले में जिला बार एसोसिएशन भी कूद पड़ा है। उन्होनें सीएम को लैटर लिखा है और कई मांगे की है। भीलवाड़ा जिले के हमीरगढ़ थाने के बाहर ये प्रदर्शन शुरू कर दिया गया है। फिलहाल चार आरोपियों को डिटेन करने की बात सामने आ रही है।


पुलिस ने बताया कि गुरुवार रात हमीरगढ़ थाना इलाके के तख्तपुरा गांव के निवासी वकील मोहनलाल अहीर नजदीकी गांव औज्याडा से शादी समारोह में शामिल होने के बाद वापस गांव लौट रहे थे। इसी दौरान बड़ी गाड़ी में आए कुछ लोगों ने वकील की कार को ठोक दिया। बाद में वकील को नीचे उतारा और जंगल में ले जाकर डंडों से पीट पीट कर हाथ पैर तोड़ दिए। सिर में भी चोटें आई। फिर हाइवे किनारे अचेत हालत में फेंक गए।

अस्पताल ले जाने के दौरान वकील की मौत हो गई। मौत से पहले वकील ने एक वीडियो भी बनाया जिसमें खुद पर हमले करने वालों के बारे में जानकारी दी गई। मोहन की दो पत्नियां हैं। पहली पत्नी रतनादेवी राजसमंद जिले के एक गांव में अध्यापिका है। दूसरी पत्नी ग्रहणी है एवं उसकी दो बेटियां और एक बेटा है। शुक्रवार को परिजनों ने गांव के ही रहने वाले नारायण लाल अहीर समेत दस से ज्यादा लोगों पर केस दर्ज कराया है। सभी लोग एक ही परिवार के हैं। अब इस परिवार के आठ मकानों पर बुलडोजर चलाने की मांग की जा रही है।

भीलवाड़ा. कृषि उपज मंडी में शनिवार को भाव इस प्रकार रहे। गेहूं 2350 से 2800, मक्का 2190 से 2250 देशी मक्का 2250 से 2600, चना 5300 से 5870, जौ 1850 से 2200, मूंगफली 5300 से 5650, सरसों 4300 से 4850 तथा अजवायन 12600 से 14000 रुपए प्रति क्विंटल बोले गए।

 

भीलवाड़ा सर्राफा: शनिवार को सोने व चांदी के भावों में तेजी आई। चांदी में 300 रुपए की तेजी आई है। सोने के दाम में 260 रुपए प्रति दस ग्राम की तेजी आई है। चांदी प्रति किलो 70600, टंच -71800, सोना 10 ग्राम- 64250, जेवराती- 60395, रवा- 64200, कलदार- 870 रुपए प्रति नग।
किराणा: चीनी 43 मूंग मोगर 114, उड़द मोगर 125 तुअर दाल 160 से 165, मूंग दाल 107, उड़द दाल 114, चना दाल 75 से 76, मसूर दाल 85, मैदा 40, सूजी 45, चावल टुकड़ी बासमती 50 से 65, चावल बासमती 100 से 160, देसी घी 490 से 525 (प्रति लीटर), तेल मूंगफली 170से 190 रुपए (प्रति लीटर), तेल सोयाबीन 110 से 115, तेल सरसों 130 से 150, सौंफ 300 से 320, जीरा 450 से 480, मैथी 80 से 90, धनिया साबुत 130 से 140, राई 80 से 90, अजवाइन 270से 320, चायपत्ती 340 से 500, गोला 130 से 150, काबूली चना 160 से 170 काला चना 75., पोहा 50 से 55, गेहूं का आटा 34 से 36, बेसन 80,हल्दी पिसी 240 से 260, मिर्च 340 से 380, तिल्ली 200 से 220 गुड़ 43 से 45 रुपए प्रति किलो के भाव रहे।

दी इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया एवं लघु उद्योग भारती के संयुक्त तत्वावधान में पटेल नगर के आईसीएआई भवन पर आयकर धारा 43 बी (एच) के प्रावधान पर कार्यशाला में चर्चा हुई। अध्यक्ष दिनेश आगाल ने बताया कि इसमें टेक्सटाइल व्यवसायी, उद्योगपति, व्यापारी, सीए सदस्यों ने भाग लिया।


सांसद सुभाष बहेडि़या ने बताया कि एमएसएमई व आयकर धारा 43 बी (एच) के प्रावधान सूक्ष्म और लघु उद्योगों के लिए व्यवसाय में बकाया राशि जल्द प्राप्त करने में सहायक होंगे और दीर्घकाल में फायदे होंगे। भारती अध्यक्ष शम्भूप्रसाद काबरा ने बताया कि नए प्रावधानों में स्पष्टीकरण की जरूरत है। काबरा ने इन प्रावधानों को स्थगित करने की मांग की।

सचिव आलोक सोमानी ने बताया कि मुख्य वक्ता आरएन महरवाल ने बताया कि आयकर की धारा 43 बी (एच) के तहत अगर किसी व्यक्ति का सूक्ष्म एवं लघु उद्यमी से बकाया हैं तो भुगतान एमएसएमई एक्ट में दी समय सीमा में करना होगा। अन्यथा इस राशि को खर्चे के रूप में क्लेम नहीं किया जा सकेगा। बकाया राशि को उस वित्त वर्ष की आय में जोड़ दिया जाएगा। नए कानून के अनुसार आपूर्तिकर्ता को 45 दिन की सीमा में भुगतान करना होगा। यह प्रावधान केवल सूक्ष्म और लघु उद्यमियों के लिए लागू हैं।
अतुल सोमानी, शिव झंवर,सोनेश काबरा, लघु उद्योग भारती से प्रदेश संयुक्त सचिव राजकुमार मेलाना, संजीव चिरानिया, महेश हुरकट, चंदा मूंदड़ा, पल्लवी लड्ढा आदि उपस्थित थे। संचालन आलोक सोमानी व अजय मूंदड़ा ने किया।

भीलवाड़ा में माघ पूर्णिमा पर शनिवार को शहर में विभिन्न जगहों पर शुभ मुहूर्त में होलिका डांडा रोपने की परंपरा निभाई गई। डंडा रोपण पर मंदिरों में ठाकुरजी के सम्मुख फाग के गीत सुनाए गए। अब एक माह बाद फाल्गुन शुक्ल की पूर्णिमा को होलिका दहन होगा।

 

पुराने शहर में होलिका दहन को लेकर डांडा रोपा गया। तेजाजी चौक, होली का ठान, प्रांगण में सर्व समाज की उपस्थिति में होली का डांडा पूजा कर रोपा गया। रामलाल तेली ने बताया कि 500 बरस पुरानी परंपरा में पुराना भीलवाड़ा की मुख्य होली का डांडा रोपा गया। इस दौरान नगर व्यास गोविंद और कमलेश के मंत्रोच्चारण के साथ होली का डांडा रोपा गया। लादूलाल कसारा, अजय पाराशर, दीपक प्रजापत, रामेश्वर लाल शर्मा, बद्री लाल सुथार, राधेश्याम जांगिड़, मुकेश सोनी, लादूलाल प्रजापत आदि उपस्थित थे।
सगस बावजी जाजम ग्रुप के सदस्यों ने वर्धमान कॉलोनी के सगस बावजी के यहां होली के डांडे का रोपण किया। होलिकोत्सव के तहत संगीतमय सुंदरकांड का पाठ करते होलिका दहन किया जाएगा।मनीष बहेड़िया, राकेश असावा, शैलेन्द्र सुराणा, विनीत शर्मा, सुरेश बांगड, आशीष पाराशर, मुकेश गर्ग, खुशराज वर्मा, उदयलाल प्रजापत उपस्थित थे। इसी प्रकार रोडवेज बस स्टैंड के पास आनंदधाम हवेली मंदिर में सुबह 6.30 बजे होली का डांडा रोपा गया। सुमन बाहेती, विनोद गुजराती, रामचंद्र मूंदड़ा उपस्थित थे। बाहेती ने बताया कि मंदिर में 40 दिन के होली फाग उत्सव शुरू हो गए।

भीलवाड़ा में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान 2.0 की विस्तृत कार्ययोजना (डीपीआर) के अनुमोदन को लेकर जिला कलक्टर नमित मेहता की अध्यक्षता में जिला कलक्ट्रेट में बैठक हुई।

 

इसमें 14 पंचायत समितियों की डीपीआर का अनुमोदन किया गया। 14 पंचायत समितियों के 101 पंचायतों की 238 गांवों का चयन किया गया है। इनका 78,488 हेक्टेयर क्षेत्र लाभान्वित होगा। कुल 6229 कार्यों के लिए 122.034 करोड़ रुपए के जल संरक्षण कार्य होंगे। इनमें 9.03 करोड़ के 28 कार्य कन्वर्जेंस तथा विभागीय योजना से 41.06 करोड़ के 1694 कार्य तथा मनरेगा से 38.20 करोड़ के 2906 कार्य तथा राज्य निधि से 33.73 करोड़ के 1601 कार्य शामिल है। अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रशासन रतन कुमार, सीईओ जिला परिषद मोहनलाल खटनावलिया, अधीक्षण अभियंता वाटरशेड जितेन्द्र कोठारी, पीडब्ल्यूडी एसई पीआर मीणा उपस्थित थे।

पंचायत समिति में होंगे कार्य
आसींद 456 कार्य पर 1156 लाख
बदनोर 240 कार्य पर 430.57 लाख
बनेड़ा 695 कार्य पर 1141.05 लाख
बिजौलियां 506 कार्य पर 971.78 लाख
हुरड़ा 318 कार्य पर 995 लाख
जहाजपुर 397 कार्य पर 850.16 लाख
करेड़ा 441 कार्य पर 839.17 लाख
कोटड़ी 294 कार्य पर 840.11 लाख
मांडल 501 कार्य पर 825.68 लाख
मांडलगढ़ 840 कार्य पर 1109.03 लाख
रायपुर 423 कार्य पर 796.16 लाख
सहाड़ा 338 कार्य पर 738.22 लाख
शाहपुरा 325 कार्य पर 795.69 लाख
सुवाणा 455 कार्य पर 714.81 लाख

भीलवाड़ा में अब पशुपालकों को घर बैठे पशुधन के निशुल्क उपचार की सुविधा मिलेगी। प्रति एक लाख पशुधन पर एक मोबाइल वेटरनरी यूनिट संचालित होगी। जिले में 10 यूनिट संचालित होंगी। इसमें 50 प्रकार की दवा भी उपलब्ध रहेंगी। मोबाइल वेटेरनरी यूनिट सेवा शनिवार से शुरू हुई।

 

जिला कलक्ट्रेट में सांसद सुभाष बहेड़िया, जिला प्रमुख बरजी बाई, सभापति राकेश पाठक, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रशांत मेवाड़ा, जिला कलक्टर नमित मेहता ने मोबाइल पशु चिकित्सा सेवा वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। सांसद बहेडिया ने कहा कि इन वैन से निराश्रित पशुओं को इलाज मिल सकेगा। सभापति पाठक ने कहा कि दूरदराज के क्षेत्र में मोबाइल पशु चिकित्सालयों से पशुधन को इलाज मिलेगा। हेल्पलाइन 1962 का सीधा फायदा पशुपालकों को मिलेगा।

संयुक्त निदेशक डॉ अलका गुप्ता ने बताया कि शनिवार को 7 पशु चिकित्सा वाहनों को हरी झंडी दिखाई गई। जिले को 23 वाहन आवंटित हुए हैं। यह यूनिट ग्रामीण क्षेत्र जहां पशुपालन विभाग की संस्था नहीं है या क्रियाशील नहीं है, वहां सोमवार से शनिवार तक प्रतिदिन दो शिविर अनिवार्य रूप से करेगी। इसमें निशुल्क उपचार एवं टीकाकरण कार्य किया जाएगा।
यह मिलेगी सुविधा

वाहन में एक चिकित्सक, एक पशुधन सहायक एवं वाहनचालक होगा। यह पशु चिकित्सा वाहन मौजूद विभागीय संस्थाओं की 2 किमी क्षेत्र में कार्य नहीं करेगा। वाहन से पशु चिकित्सा, रोग प्रकोप नियंत्रण, दुर्घटना, टीकाकरण, कृत्रिम गर्भाधान कार्य, लघु शल्य चिकित्सा एवं पशुपालकों को जानकारी देना शामिल है। अति. जिला कलक्टर प्रशासन रतन कुमार, सीईओ जिला परिषद मोहनलाल खटनावलिया मौजूद रहे।

आचार्य विद्यासागर संघ के आव्हान पर रविवार को संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर महाराज को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर देश-विदेश में एक साथ-एक समय दोपहर एक बजे विनयांजलि दी जाएगी। यह कार्यक्रम हर मंदिर कमेटी की ओर से भी किया जा रहा है।


सेवा ग्रुप भीलवाड़ा व सकल दिगम्बर जैन समाज की ओर से भीलवाड़ा शहर में दोपहर एक बजे नगर परिषद सभागार में विनयांजलि सभा होगी। इसमें समाज के प्रमुख लोग के अलावा जनप्रतिनिधि भी हिस्सा लेंगे। इसी प्रकार आरके कॉलोनी स्थित आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर ट्रस्ट की ओर से रविवार शाम 7.30 बजे विजयसिंह पथिक नगर चौराहा स्थित कीर्ति स्तंभ स्थल पर आचार्य को विनयांजलि के तहत 1008 दीप प्रज्ज्वलन के साथ आरती की जाएगी। इससे पहले मंदिर में साढ़े छह बजे भक्तांबर आरती की जाएगी। श्री चंवलेश्वर पार्श्वनाथ दिगंबर जैन देशनोदय अतिशय तीर्थ क्षेत्र कमेटी की ओर से चैनपुरा स्थित चंवलेश्वर पार्श्वनाथ तीर्थ क्षेत्र पर दोपहर एक बजे विनयांजलि सभा होगी। बिजौलिया पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में भी यह कार्यक्रम होगा।


भीलवाड़ा आरवीआरएस मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस फाइनल और थर्ड ईयर के पार्ट वन का परिणाम घोषित किया गया। फाइनल में 133 विद्यार्थियों में से 120 उत्तीर्ण हुए। इसमें पहले तीन स्थानों पर लड़कियों ने कब्जा किया। गरिमा बंसल 1118 अंक के साथ टॉपर रही जबकि अस्मिता कौर 1027 अंक के साथ द्वितीय व हिमांशी मिश्रा 1018 अंक लेकर तृतीय रही। भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज से पासआउट करने वाला यह दूसरा बैच है।

 

टॉपर गरिमा इसी मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर व एमजीएच में सर्जरी विभाग के पूर्व एचओडी डॉ. पवन बंसल की बेटी है। वे तीन साल से लगातार टॉपर रही है। तृतीय वर्ष भाग प्रथम में 145 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी। उसमें से 130 उत्तीर्ण हुए। इसमें 900 अंकों में से 987 अंक प्राप्त कर नितिन जांगिड़ प्रथम, 680 अंक के साथ मीमांसा शर्मा द्वितीय व 678 अंक के साथ चंदानी सूर्या तृतीय रही। उल्लेखनीय है कि एक छात्रा को प्रोफेसर ने जानबूझकर फेल किया था। लेकिन वह लगातार तीन सालों से टॉपर रही है।

भीलवाड़ा की आबादी 21 लाख को पार

तीस लाख की आबादी के भीलवाड़ा जिले के टूट कर दो जिलों में विभक्त होने के बाद भी भीलवाड़ा जिला आबादी के मामले में किसी अन्य जिलों से कम नहीं है। जिले की अनुमानित आबादी अभी 21 लाख से अ धिक है, जबकि नवगठित जिले शाहपुरा की आबादी अभी अनुमानित साढ़े आठ लाख है। शाहपुरा जिले के अ िस्त्व में आए सात माह हो गए, लेकिन अभी भी कोटड़ी व जहाजपुर पंचायत समिति क्षेत्र के कुछेक गांवों की पंचायत राज की सीमाओं को लेकर असमंजस ही है।


दोनों जिलों की सीमाएं तय
प्रदेश में गत वर्ष 19 नए जिलों के साथ शाहपुरा जिला भी भीलवाड़ा से अलग हो कर अ िस्त्व में आ गया था, प्रशासनिक एवं राजस्व एवं भौगोलिक लिहाजे से दोनों जिलों की सीमाएं तय हो चुकी है। जिला सां ख्यिकी विभाग दोनों ही जिलों की नई तस्वीरें सामने लाने की को शिश में जुड़ा हुआ है। जून के अंत तक दोनों जिलों की समस्त जानकारी मय नक्शे के साथ सार्वजनिक हो जाएगी।


नया कलैंडर जून तक
जिला सां ख्यिकी विभाग की सहायक निदेशक डॉ. सोनल राज कोठारी ने बताया कि दोनों जिलों के नए कैलेण्डर में भौगोलिक, प्रशासनिक, राजस्व, पर्यटन, धार्मिक,नदी, तालाब, पुरा सम्पदा के साथ उपखंड, तहसील, पंचायत समिति मुख्यालयों की जानकारी का समावेश रहेगा। नए जिलों की घोषणा से जिला तीन हिस्सों में विभक्त हुआ है। शाहपुरा समूचा नया जिला बना है तो बदनोर उपखंड मुख्यालय भीलवाड़ा से पृथक हो कर ब्यावर जिले का हिस्सा बना है। उपखंड क्षेत्र की कुल आबादी अभी अस्सी हजार है।

कुछ गांवों को लेकर असमंजस
कोटड़ी पंचायत समिति क्षेत्र की कुछ ग्राम पंचायतें राजस्व के नजरिए से भीलवाड़ा व शाहपुरा जिले में दर्जं है, लेकिन पंचायत राज की दृ ष्टि से अभी भी जिले की िस्थति फिलहाल स्पष्ट नहीं है। ऐसा ही कुछ जहाजपुर पंचायत समिति के कुछ गांवों के साथ है। दोनों ही जिलों के कलक्टर के साथ ही पंचायत समिति के संबं धित अ धिकारियों ने इस संदर्भ में राज्य सरकार से मार्ग दर्शन मांग रखा है।

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एक नजर प्रशासनिक ढांचे पर
मुख्यालय भीलवाड़ा शाहपुरा
उपखंड 10 05
तहसील 12 06
भूअ भिनि 77 36
पटवार मंडल 298 154
राजस्व ग्राम 1289 657
अनुमानित आबादी 21,00,845 08,33,710

भीलवाड़ा कंपनी सचिव परीक्षा के प्रोफेशनल और एक्जीक्यूटिव प्रोग्राम दिसंबर 2023 का परिणाम रविवार काे घोषित किया। आईसीएसआई ने संस्थान की वेबसाइट www.icsi.edu पर विषय वार ब्रेक-अप के साथ परिणाम उपलब्ध कराने के अलावा, एक्जीक्यूटिव प्रोग्राम के परीक्षार्थियों की ओर से ई-रिजल्ट-कम-मार्क्स स्टेटमेंट डाउनलोड करने की सुविधा दी है। प्रोफेशनल प्रोग्राम के मॉड्यूल I में 20.11 प्रतिशत अभ्यर्थी, मॉड्यूल II में 20.74 प्रतिशत और मॉड्यूल III में 21.96 प्रतिशत अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए।

एक्जीक्यूटिव प्रोग्राम परीक्षा में 15.63 प्रतिशत अभ्यर्थी मॉड्यूल I और 11.47 प्रतिशत अभ्यर्थी मॉड्यूल II में उत्तीर्ण हुए। एग्जीक्यूटिव में 6.92 प्रतिशत अभ्यर्थी मॉड्यूल - I में और 7.40 प्रतिशत अभ्यर्थी मॉड्यूल - II में उत्तीर्ण हुए। राजस्थान में प्रोफेशनल प्रोग्राम परीक्षा में 19.56. प्रतिशत अभ्यर्थी मॉड्यूल-l में उत्तीर्ण हुए। मॉड्यूल-II में 17.97 प्रतिशत और मॉड्यूल- III में 21.11 प्रतिशत अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए हैं। एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम परीक्षा में राजस्थान में 17.14. प्रतिशत अभ्यर्थी मॉड्यूल-l में उत्तीर्ण हुए। मॉड्यूल- II में 10.65 प्रतिशत अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए। एग्जीक्यूटिव में राजस्थान में 12.07 प्रतिशत अभ्यर्थी मॉड्यूल-l व 11.33 प्रतिशत मॉड्यूल-II में उत्तीर्ण हुए।
प्रोफेशनल प्रोग्राम में भीलवाडा शहर से 11.76 प्रतिशत अभ्यर्थी मॉड्यूल-l, 16 प्रतिशत मॉड्यूल-II और 27.78 प्रतिशत मॉड्यूल-III में उत्तीर्ण हुए। एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम भीलवाडा शहर में 12.50 प्रतिशत मॉड्यूल-l और 9.52 प्रतिशत अभ्यर्थी मॉड्यूल- II में उत्तीर्ण हुए। एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम में 11.11 प्रतिशत मॉड्यूल-l और 12.50 प्रतिशत अभ्यर्थी मॉड्यूल-II में उत्तीर्ण हुए हैं। प्रोफेशनल व एक्जीक्यूटिव प्रोग्राम की परीक्षा 1 से 10 जून तक होगी। ऑनलाइन आवेदन 26 फरवरी से जमा किया जा सकता है।

भीलवाड़ा सकल दिगंबर जैन समाज व सेवा ग्रुप की ओर से रविवार को नगर परिषद सभागार में आचार्य विद्यासागर महाराज के विनयांजलि दी गई। इसमें भीलवाड़ा शहर से बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। सभागार खचाखच भरा था। आचार्य के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्जज्लन से शुरुआत हुई।

 


शालू जैन ने सुविता से भाव जताए। कहा-वो अंतिम क्षण थे विदाई के, तुम निर्मोही हो चले गए। युग दृष्टता है अन्तर्यामी पर काल के हाथों चले गए। कवि पंकज जैन ने गीत सुनाया-हमें रास्तों की जरूरत नहीं है। हमें तेरे पैरों के निशान मिल गए हैं। सेवा ग्रुप के विवेक बाकलीवाल ने कहा कि विद्या के सागर कभी खत्म नहीं हो सकते हैं। शरीर में एक बूंद भी जल है तो हमारे गुरुवर आचार्य विराजमान है। सुशील शाह ने कहा कि सेवा ग्रुप आचार्य के दर्शन के लिए वर्ष 2013, 2016 व 2022 में भीलवाड़ा से ट्रेन लेकर गया है। वे राजस्थान के थे और रहेंगे। विनयाजंलि सभा का संचालन जयकुमार पाटनी ने किया।


ये बोले जनप्रतिनििध

-आचार्य के बताए मार्ग पर चलना ही सबसे बड़ी विनयांजलि होगी।-सुभाष बहेडि़या, सांसद
-आचार्य का मानव जाति के लिए कार्य अद्भुत है। उन्हें हम ही नहीं बल्कि धरती मां भी नहीं भूलेगी।- विधायक अशोक कोठारी

-आचार्य भारत रत्न के हकदार हैं। वे श्रेष्ठ संत थे। राकेश पाठक, सभापति
-त्याग व तपस्या की प्रतिमूर्ति थे आचार्य। वास्तव में विद्या के सागर थे। लक्ष्मीनारायण डाड, पूर्व सभापति


उन्होंने जताए भाव

सुभाषनगर मंदिर से अरविंद अजमेरा, आरके कॉलोनी मंदिर से सुनील सेठी, बिचला मंदिर से विजय पापडीवाल, कल्पध्रुम बड़ा मंदिर से लोकेश अजमेरा, सुखमाल चौधरी, राकेश पाटनी, पुष्पकुमार शाह, नन्दलाल झांजरी, प्रवीण चौधरी, संजय जैन, नवीन चौधरी, पीयूष सेठिया, सोहनलाल गंगवाल, सुरेन्द्र छाबड़ा ने भाव जताए।
पाठशाला का नामकरण किया

चन्द्रशेखर आजादनगर की आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में संचालित पाठशाला का नामकरण आचार्य विद्यासागर जैन संस्कार पाठशाला किया। इसका पोस्टर का विमोचन किया।सभा में शहर के सभी जैन मंदिरों के पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि, समाजसेवी व सर्व समाज के लोग शामिल हुए। विजयसिंह पथिक नगर में कीर्ति स्तंभ पर शाम को 1008 दीपक से आरती की गई।

स्वच्छ भारत अभियान के चलते नगर परिषद हर साल सात करोड़ रुपए खर्च कर रही है, लेकिन शहर के निजी अस्पताल और क्लीनिक संचालक संक्रमण का दावत दे रहे हैं। भीलवाड़ा में हालात यह है कि निजी अस्पताल और क्लीनिक संचालक बायोमेडिकल वेस्ट को कचरे के कंटेनर या सड़क किनारे फेंक रहे हैं। बायो वेस्ट आम कचरे के साथ खुले मैदान में भी फेंक जा रहा है।

 


सीतारामजी की बावड़ी के पास व रोडवेज बस स्टैंड रोड पर कचरा कंटेनर को देखकर यही लगता है कि कई दिन से यहां कचरा नहीं उठाया गया। कचरे का ढेर होने से संक्रमण फैलने का खतरा रहता है। बायोमेडिकल कचरा अस्पताल और निजी क्लीनिकों से निकलने वाला अपशिष्ट व कचरा होता है। इसे अजमेर भेजा जाता है, लेकिन यहां निजी अस्पताल और क्लीनिक संचालक सड़क पर ही अस्पताल का कचरा डाल रहे हैं।

कंटेनर से कचरा खाली करने वाले कर्मचारी का कहना है कि सीतारामजी की बावड़ी के पास कचरे के कंटेनर में आए दिन कोई न कोई बायोमेडिकल वेस्ट डाल देता है। इसमें इस्तेमाल सूइयां, ग्लूकोज की बोतलें, एक्सपायरी दवा, दवा के रैपर, मरीजों के डायपर गंदे कपड़े, रक्त सनी रुई होती है। बायोमेडिकल कचरा या जैविक चिकित्सकीय कचरा हानिकारक अपशिष्ट पदार्थ और गैस छोड़ता है। इससे गंभीर बीमारियां और संक्रमण फैलने का खतरा रहता है।
यह है नियम

निजी अस्पताल या क्लीनिक से निकलने वाले बायो वेस्ट को जलाने के लिए अजमेर भेजा जाता है। अजमेर से एक वाहन प्रतिदिन भीलवाड़ा आता है। वह सभी अस्पताल के वेस्ट को अजमेर ले जाता है। कुछ निजी अस्पताल वाले इस खर्च से बचने के लिए वेस्ट को सड़क किनारे, कोठारी नदी किनारे या कुवाड़ा में डाल रहे हैँ।
नोटिस जारी करेंगे

निजी अस्पताल या क्लीनिक संचालक अपने यहां से निकले बायोमेडिकल वेस्ट को सड़क पर फेंक रहे है तो यह गंभीर मामला है। इसका एक वीडियो में मिला है। इसकी जांच कर नोटिस जारी किए जाएंगे।
वियन कट्टा, क्षेत्रीय अधिकारी राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल

भीलवाड़ा के अधिकारियों की लापरवाही से पांच माह से बालिकाओं और महिलाओं को सेनेटरी-नैपकिन नहीं मिल रहे हैं। राजस्थान पहला राज्य है, जहां उड़ान योजना के तहत 10 से 45 साल की उम्र की महिलाओं और बालिकाओं को 2100 से अधिक केंद्रों पर निशुल्क सेनेटरी-नैपकिन बांटे जाते हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों पर नियमित रूप से सेनेटरी नैपकिन नहीं पहुंच रहे हैं।

 

राजस्थान पत्रिका की पड़ताल में सामने आया कि केंद्रों पर योजना शुरू होने से लेकर अब तक केवल चार-पांच बार नैपकिन पहुंचे। कुछ केंद्रों पर तीन से चार माह में एक बार आपूर्ति होती है। पत्रिका टीम ने विभिन्न केंद्रों का निरीक्षण किया, वहां सेनेटरी नैपकिन छह माह से नहीं मिले। योजना शुरू हुए तीन वर्ष से अधिक हो चुके हैं। हालांकि विभाग का दावा है कि नियमित रूप से सेनेटरी नैपकिन की आपूर्ति करा रहे हैं। जहां आपूर्ति नहीं हो रही है, वहां पहुंचाएंगे। विभाग ने यह भी माना कि विधानसभा चुनाव से पहले सितंबर में ही नैपकिन पहुंचाए थे। उसके बाद से दो बार की सप्लाई अटकी है। राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉपोरेशन लिमिटेड (आरएमएससी) एक पैकेट में 6 नैपकिन मिलते हैं। हर महिला को दो पैकेट देते हैं। आपूर्ति प्रति तीन माह में होती है।

4.44 लाख को मिलते हैं पैकेट
जिले में 4 लाख 44 हजार 267 लाभार्थी महिला व बच्चियां हैं, जिन्हें सेनेटरी पैड दिए जाते हैं। योजना 19 दिसम्बर 2021 से लागू की गई। 10 से 19 साल तक की किशोरियां एवं 19 से 45 साल की महिलाओं को प्रतिमाह 12 सेनेटरी नैपकिन निशुल्क देने का प्रावधान है। इन पैड के निस्तारण के लिए बर्न मशीनें स्कूलों में लगाई है। अन्य स्थान पर निस्तारण सुविधा नहीं है। इनका वितरण आंगनबाड़ी केंद्र, शैक्षणिक संस्थान, आवासीय विद्यालय, कॉलेज, नारी निकेतन, बालिका गृह से किया जाता है।

सितंबर के बाद आपूर्ति नहीं
उड़ान योजना के तहत सेनेटरी नैपकिन सितंबर के बाद नहीं मिले हैं। चुनाव आचार संहिता समाप्त होने के बाद ही जयपुर मुख्यालय पर पत्र भी लिखा लेकिन अभी आपूर्ति नहीं हुई।
नगेन्द्र तोलम्बिया, सहायक निदेशक, महिला एवं बाल विकास विभाग

भीलवाड़ा व शाहपुरा जिले की स्थिति
सेनेटरी नैपकिन वितरण लाभान्वित पैकेट
आंगनबाड़ी 3,18,044 19,08,264
स्कूल स्तर 1,12,259 6,09,330
अन्य स्तर 13,964 83,784
कुल योग 4,44,267 26,01,378

प्रदेश में कॉपर केबल लैंडलाइन फोन की सेवाएं अब पूरी तरह बंद होने वाली है। एक जुलाई से प्रदेशभर में कॉपर के जरिए लैंडलाइन फोन बंद हो जाएंगे। केवल उन्हीं उपभोक्ताओं के घर ये सेवा जारी रहेगी, जो कनेक्शन को ऑप्टिकल फाइबर लाइन में बदलवा लेंगे। बीएसएनएल ने उपभोक्ताओं के घर पहुंचकर कंवर्जन शुरू कर दिया। गौरतलब है कि राजस्थान में वर्तमान में बीएसएनएल कॉपर केबल लैंडलाइन के करीब 72,415 कनेक्शन हैं। इनमें भीलवाड़ा जिले में अब 2571 कनेक्शन बचे हैं, जिन्हें फाइबर लाइन से जोड़ा जाएगा। करीब एक हजार कनेक्शन को फाइबर से जोड़ा जा चुका है।


गांवों में पहले से बंद
बीएसएनएल की कॉपर लैंडलाइन सेवाएं ग्रामीण क्षेत्रों में पहले ही बंद की जा चुकी है। अब केवल नगरीय इलाकों में ही ये कनेक्शन बचे हैं। जो एक जुलाई तक ऑप्टिकल सेवा में नहीं बदले जाने पर बंद हो जाएंगे।

कभी थे 45 हजार, अब 3571 कनेक्शन
मोबाइल क्रांति से पहले लैंडलाइन ही सम्पर्क की लाइफ लाइन थे। तब भीलवाड़ा में लैंडलाइन फोन के करीब 45 हजार उपभोक्ता थे। मोबाइल के आने से कनेक्शन वर्तमान में करीब 3571 तक सिमट कर रह गए।

249 से टैरिफ शुरू
बीएसएनएल की नई सेवा के लिए उपभोक्ता को टैरिफ प्लान चुनना होगा। ग्रामीण क्षेत्र में 249 व शहरी क्षेत्र में 299 रुपए महीने से प्लान की शुरुआत होगी। 1799 रुपए तक के प्लान में ओटीटी की सुविधा 666 रुपए महीने से शुरू होगी।

100 से 150 रुपए का बढ़ेगा खर्च
वर्तमान लैंडलाइन उपभोक्ताओं को ऑप्टिकल सेवा में रुपांतरित करना बीएसएनएल के लिए चुनौती है। 150 से 200 रुपए में मिल रही कॉपर लैंडलाइन की सेवा के मुकाबले ऑप्टिकल सेवा 100 से 150 रुपए महंगी होगी। ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोक्ता को 249 व शहरी क्षेत्र में कम से कम 299 रुपए खर्च करने होंगे। ऐसे में जो उपभोक्ता सिर्फ इन कमिंग सुविधा के लिए कॉपर लैंडलाइन का उपभोग कर रहे थे, उन्हें नई सेवा के लिए तैयार करना होगा।

मुफ्त में बदलेंगे, मॉडेम देंगे फ्री
दूरसंचार जिला सहायक महाप्रबंधक प्रकाश पंचौली ने बताया की डिजिटल इंडिया मिशन में बेहतर वॉइस गुणवत्ता के साथ हाई स्पीड इंटरनेट सेवा के लिए पुराने कॉपर आधारित लैंडलाइन को फाइबर सेवा में बदला जा रहा है। लैंडलाइन नंबर फाइबर सेवा में बदलवाने पर उपभोक्ता का कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगेगा। वाईफाई मॉडेम भी मुफ्त मिलेगा। सेवा बदलने पर उपभोक्ता के फोन नम्बर भी नहीं बदलेंगे। उपभोक्ताओं को इंटरनेट की भी 20 एमबीबीएस हाई स्पीड मिलेगी।


प्रदेश के प्रमुख जिलों की स्थिति
जयपुर 29133, जोधपुर 8838, अजमेर 5492, उदयपुर 2910, बीकानेर 2885, कोटा 2721, भीलवाड़ा 2571, सीकर 2356, झुंझुनू 1537, पाली 1416, सिरोही 1218, नागौर 1124, चूरू 888, भरतपुर 776, अलवर 737, टोंक 658, बाडमेर 609, बांसवाड़ा 515, चित्तौड़गढ़ 467, जैसलमेर 364 समेत प्रदेश में कुल 72 हजार 415 लैंड लाइन फोन शामिल है। इनके अलावा 548 लैंड लाइन एक्सचेंज, 9001 लैंड लाइन (कॉपर) व ब्रॉडबैंड अलग है।

भीलवाड़ा में अफसर बदलें, जरूरत अब व्यवस्था बदलनें की

लोकसभा चुनाव से पूर्व भीलवाड़ा जिले में प्रशासनिक ढांचे की तस्वीर करीब करीब बदल गई है। जिला कलक्टर एवं जिला पुलिस अधीक्षक के साथ ही चिकित्सा, राजस्व, पुलिस, परिवहन, खनिज, सहकार, बिजली, यूआईटी, चिकित्सा, नगर परिषद समेत कई विभागों में बड़ा फेरबदल हुआ है। अधिकांश विभागों में अब नए अधिकारी आ गए है।

प्रशासनिक विश्लेषकों का कहना है कि नई सरकार के आने से चुनाव से पूर्व यह बड़ा बदलाव तय था। इससे प्रशासनिक कामकाज में बड़े बदलाव की संभावना है।लेकिन वह यह भी मानते है कि विधानसभा चुनाव में जिले से इधर से उधर हुए कई अधिकारी व कर्मचारी वापस अपने पुराने ठिकाने आ गए हैं।

कलक्ट्रेट
एक माह पहले जिला कलक्टर बदले हैं। आशीष मोदी की जगह अब नमित मेहता कमान संभाले हैं। जिले के सात एडीएम भी बदले हैं। इसी प्रकार तहसीलदारों के साथ 65 पटवारी और 56 गिरदावर की कुर्सी भी बदल दी गई।
जिम्मेदारी: अधिकारियों व कर्मचारियों के कार्यालय में ठहराव व जनता के जुड़े कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की है।

खनिज विभाग
जिले के खनिज विभाग में बड़ा बदलाव हुआ है। भीलवाड़ा एसएमई, सतर्कता एसएमई, भीलवाड़ा एमई बदले हैं। बिजौलियां में सालों बाद एमई की नियुक्ति हुई तो यहां का अधिकांश स्टाफ ही बदला है।
जिम्मेदारी: जिले में अवैध खनन पर प्रभावी अंकुश की जरूरत है, नदियों के बिगड़ने स्वरूप को सुधारने की जरूरत है। बजरी की कालाबाजारी पर लगाम लगाने की जरूरत है।

उच्च शिक्षा
एमएलवी कॉलेज भीलवाड़ा, गर्ल्स कॉलेज भीलवाड़ा, मांडल, मांडलगढ़ कॉलेज के प्राचार्य बदले हैं।
जिम्मेदारी: कॉलेजों में अध्यापन कार्य नहीं के बराबर है। व्याख्याताओं को कॉलेज की व्यवस्थाओं को सुधारना होगा।

स्थानीय निकाय
मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहन लाल खटनावालिया के तबादले के साथ परिषद में कई के तबादले हुए हैं। उप महानिरीक्षक पंजीयन एवं स्टाम्प भी बदले हैं। जलसंसाधन, जलदाय, यूआईटी, नगर परिषद में भी बदलाव हुआ है।
जिम्मेदारी: जनता से जुड़े कार्य समय पर करवाने की जरूरत है। पानी, नियमन, पंजीयन, सफाई व मनरेगा व्यवस्था को सुधारना होगा।

पुलिस महकमा
पुलिस महकमे में बड़ा बदलाव नजर आया। यहां एक सप्ताह में दो पुलिस अधीक्षक बदले गए हैं। पुलिस अधीक्षक ने शहर समेत जिले के आधे से अधिक थाना प्रभारी बदले हैं।
जिम्मेदारी: थानों में आमजन की त्वरित सुनवाई के लिए पाबंद करना होगा। अपराध की सूचना पर तत्परता दिखानी होगी।

चिकित्सा विभाग
चिकित्सा विभाग में डॉ.सीपी गोस्वामी ने सीएमएचओ का कार्य संभाला है। जिले में कई चिकित्सकों की सीटें बदली गई। रोडवेज, परिवहन, सहकार एवं आयुर्वेद विभाग में भी तबादले हुए है।
जिम्मेदारी: आमजन को चिकित्सा, पानी, परिवहन सेवा की बेहद जरुरत रहती है, जनता की सुननी होगी।

अजमेर डिस्कॉम
एवीएनएल में जिले के अ धिकांश अ भियंताओं को लोकसभा चुनाव से पहले बदल गया। जो नए आए है। उनमें से अ धिकांशत: सालों से पहले ही भीलवाड़ा में मनचाही सीट पर जगहें जमें हुए थे। हालांकि नए अधीक्षण अभियंता वीरेन्द्र कुमार सैनी की सालों बाद जिले में वापसी हुई है।
जिम्मेदारी: जनता के सामने बिजली की कई समस्याएं है, उनका समाधान गंभीरता से करना होगा।

PM's residence प्रशासनिक कार्यों में किस तरह मनमर्जी होती है, इसकी बानगी देखनी है तो भीलवाड़ा जिले के रायपुर की गरीब महिला सुंदरदेवी भील से मिल लीजिए। रायपुर के ग्राम पंचायत रहते महिला को प्रधानमंत्री आवास योजना में मकान बनवा दिया गया, लेकिन कस्बे के नगर पालिका में तब्दील होते ही इसे सरकारी जमीन बताकर बिजली कनेक्शन के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र यानी एनओसी देने में आनाकानी की जाने लगी है।

मजेदार बात है कि पंचायत ने जब आवास मंजूर किया तब के सरपंच ही अब नगर पालिका अध्यक्ष हैं, जो इस जमीन को सरकारी बता रहे हैं। बड़ा सवाल यह है कि जमीन सरकारी थी तो महिला को पीएम आवास योजना में मकान बनाने को क्यों दी गई? महिला का दिव्यांग बेटा बिजली कनेक्शन के लिए डेढ़ साल से पहले पंचायत और अब नगर पालिका के धक्के खा रहा है लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हो रही। फिलहाल महिला अपने दिव्यांग बेटे के साथ नए मकान में बिना बिजली रह रही है।

रायपुर की भील बस्ती निवासी सुंदरदेवी पत्नी नाथू भील को वर्ष 2021-22 में प्रधानमंत्री आवास योजना में आवास स्वीकृत हुआ। मकान का कार्य शुरू करने के बाद 1.20 लाख रुपए की राशि कार्य पूर्ण होने तक तीन किस्तों में महिला के बैंक खाते में आ गई।


अगस्त 2022 में सुंदर देवी परिवार के साथ नए घर में रहने लगी। मकान में बिजली के लिए फाइल तैयार कर सरपंच रामेश्वरलाल छीपा के पास पहुंचाई। पंचायत अब नगर पालिका बन गई और छीपा ही पालिका अध्यक्ष हैं। छीपा को कई बार फाइल पूर्ण करने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र मांगा।

छीपा ने यह कहते हुए मना कर दिया कि पीएम आवास योजना में तुम्हारा मकान पंचायत की आबादी भूमि में नहीं बना है। मकान जिस जगह बना, वह जमीन सरकार है। इसमें नगर पालिका बिजली कनेक्शन के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं दे सकती है। दिलचस्प यह है कि आवास योजना में मकान मंजूर होते समय छीपा ही सरपंच थे।

 

कार्मिकों ने दी हरी झंडी, अब ये बोले

पंचायत कार्मिकों ने भूमि का जिओ टेग कर लाभार्थी को पीएम योजना में आवास बनाने के लिए जगह बताई थी। उसी जगह बनाए मकान को अब नगर पालिका यह कहते हुए कि यह जगह हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं है। इसलिए हम अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं दे सकते।

 

इनका कहना है

बिलानाम सरकारी भूमि पर प्रधानमंत्री आवास बन गया है। इसके लिए अब 500 रुपए के स्टांप पर क्षतिपूर्ति पत्र लाभार्थी से लिखवाया जाकर विद्युत कनेक्शन के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाएगा।

-रामेश्वरलाल छीपा, अध्यक्ष नगर पालिका, रायपुर

private schools in Rajasthan राजस्थान में गैर सरकारी विद्यालयों पर शिक्षा विभाग ने शिकंजा कस दिया। शिक्षा विभाग के अधिकारी अब नियमित रूप से निरीक्षण कर यह सुनिश्चित करेंगे कि शिक्षा विभाग की तय शर्तों का विद्यालय प्रबंधन पालना कर रहा है या नहीं। पालना सुनिश्चित नहीं होने पर अब सीधी मान्यता समाप्त हो सकेगी।

सौ दिन की कार्ययोजना
राज्य सरकार ने शिक्षा विभाग की 100 दिन की कार्ययोजना के तहत गैर सरकारी विद्यालयों को भी कड़ाई से जांच के दायरे में लिया। इस बारे में प्रारंभिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने गैर सरकारी विद्यालयों के लिए गाइडलाइन जारी की। राजस्थान गैर-सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम, 1989 एवं राजस्थान गैर-सरकारी शैक्षिक संस्था (मान्यता, सहायता अनुदान और सेवा शर्तें आदि) नियम, 1993 (संशोधित) नियम 2011 में विभिन्न स्तर की गैर-सरकारी शैक्षिक संस्थाओं को मान्यता एवं माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर के अलावा अन्य बोर्ड से संबद्धता लेने के लिए अनापति प्रमाण पत्र जारी किए जाने का प्रावधान है।

समिति का होगा गठन, करेगी निरीक्षण

निजी विद्यालयों का विभागीय अधिकारियों की ओर से नियमित निरीक्षण/पर्यवेक्षण करना होगा। यह सुनिश्चित किया जाए कि इन विद्यालयों की ओर से उनसे संबंधित कानूनों एवं नियमों की पालना की जा रही है या नहीं, इसकी जांच होगी। क्रियान्वयन एवं निजी विद्यालयों की समस्याओं के समाधान के लिए नियमित निरीक्षण के लिए समिति का गठन किया जाकर समिति के समय-समय पर निजी विद्यालयों का भौतिक निरीक्षण किया जाएगा।

मांग के अनुरूप करनी होगी मदद

नियमित पर्यवेक्षण के दौरान विद्यालय जांच कमेटी को आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवाया या जांच में सहयोग नहीं कर रहा तो उक्त विद्यालय की मान्यता समाप्ति की कार्यवाही प्रस्तावित की जाएगी।

सभी की होगी जांच

नियमित निरीक्षण व पर्यवेक्षण राज्य में संचालित सभी गैर सरकारी विद्यालयों का किया जाएगा। चाहे वह किसी भी बोर्ड से संबद्धता प्राप्त हो अर्थात माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर के अलावा अन्य बोर्ड से संबद्धता प्राप्त हो किन्तु राज्य में संचालित गैर सरकारी विद्यालय भी निरीक्षण के दायरे में शामिल होंगे।

संसाधनों की उपलब्धता पर नजर

गुड-टच, बेड-टच की कार्ययोजना, नवाचारों से संबंधित रिकाॅर्डस, निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम की पालना तथा विद्यालय परिसर में भूमि, कक्षा-कक्ष, विषयवार प्रयोगशाला, बालक-बालिकाओं के पृथक-पृथक शौचालय, पुस्तकालय, रेम्प एवं अन्य आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता की भी जांच होगी। इसी प्रकार शैक्षिक भू-रूपान्तरण व विद्यालय संचालन की अनुमति तथा कर्मचारी भविष्य निधि प्रमाण पत्र एवं विद्यार्थियों का कुल नामांकन एवं उनकी उपस्थिति मान्यता व एनओसी की अब जांच के दायरे में होंगे।

आसींद थाना पुलिस ने चार दिन पहले शराब ठेकेदार के साथ हुई सवा आठ लाख की लूट मामले का खुलासा कर दिया। लूट के आरोप में छह जनों को गिरफ्तार किया। ठेकेदार के यहां पहले काम कर चुका कर्मचारी ही वारदात का सरगना निकला। उसने ही साथियों की मदद से वारदात कराई। सभी में लूट की राशि बराबर बंटनी थी। लालच में घटना को अंजाम दिया गया।

 

थानाप्रभारी हंसपाल के अनुसार 23 फरवरी को शराब ठेकेदार आसींद निवासी नौरतमल मेवाड़ा ने रिपोर्ट दी थी। परिवादी ने बताया कि रात में बाइक से घर जा रहा था। रास्ते में पीछे से बाइक पर आए तीन जनों ने धक्का देकर गिरा दिया। नौरतमल से बैग छीन ले गए, जिसमें 8 लाख 15 हजार रुपए थे। घटना के खुलासे के लिए विशेष टीम बनाई, जिसने अनुसंधान के बाद लूट के आरोप में सरगना कटार निवासी दिलीप मेवाड़ा, उसके साले भगवान उर्फ भावेश मेवाड़ा, चन्द्रशेखर आजादनगर, भीलवाड़ा निवासी गौतमसिंह उर्फ लक्की चौहान, विष्णु कुमार, अज्जु उर्फ अजय साइमन तथा सुठेपा, बड़लियास निवासी सद्दीक मंसूरी को गिरफ्तार किया।

दो माह पहले रची साजिश, फिर की रैकी
पूछताछ में सामने आया कि आरोपी दिलीप परिवादी नौरतमल के यहां काम करता था। तीन माह पूर्व ही नौकरी छोड़ी। उसे पता था कि दिनभर का कलेक्शन लेकर नौरतमल रात में घर जाता है। करीब एक माह पूर्व आरोपियों ने आसींद से बाहर शराब पार्टी की। सभी आरोपी शामिल हुए और लूट की साजिश रची। उसके बाद सभी ने नौरत की रैकी की।

साले को शामिल किया, साथी से कराई लूट
सरगना दिलीप का भावेश मामा ससुर का बेटा है। भावेश और लक्की दोस्त थे। लक्की ने कोई काम हो तो बताने की बात कही। दिलीप और भावेश ने लक्की को शामिल करते हुए गैंग बनाई। घटना के समय एक घंटे तक नौरतमल पर नजर रखी। रवाना होते ही विष्णु, अज्जु व लक्की पीछे लग गए। मौका देखकर बैग छीन भागे। वारदात में सद्दीक की बाइक काम में ली।

भीलवाड़ा@पत्रिका. कृषि उपज मंडी में मंगलवार को भाव इस प्रकार रहे। गेहूं 2350 से 2800, मक्का 2200 से 2250 देशी मक्का 2250 से 2550, चना 5300 से 5840, जौ 1850 से 2260, मूंगफली 5300 से 5650, सरसों 4300 से 4800 तथा अजवायन 12600 से 15000 रुपए प्रति क्विंटल बोले गए।

 

भीलवाड़ा सर्राफा: मंगलवार को सोने व चांदी के भावों में तेजी रही। चांदी में 500 रुपए की तेजी आई है। सोने के दाम में 170 रुपए प्रति दस ग्राम की तेजी आई है। चांदी प्रति किलो 70700, टंच -71900, सोना 10 ग्राम- 64270, जेवराती- 60415, रवा- 64220, कलदार- 865 रुपए प्रति नग।


किराणा: चीनी 43 मूंग मोगर 114, उड़द मोगर 125 तुअर दाल 160 से 165, मूंग दाल 107, उड़द दाल 114, चना दाल 75 से 76, मसूर दाल 85, मैदा 40, सूजी 45, चावल टुकड़ी बासमती 50 से 65, चावल बासमती 100 से 160, देसी घी 490 से 525 (प्रति लीटर), तेल मूंगफली 170से 190 रुपए (प्रति लीटर), तेल सोयाबीन 110 से 115, तेल सरसों 130 से 150, सौंफ 300 से 320, जीरा 450 से 480, मैथी 80 से 90, धनिया साबुत 130 से 140, राई 80 से 90, अजवाइन 270 से 320, चायपत्ती 340 से 500, गोला 130 से 150, काबूली चना 160 से 170 काला चना 75., पोहा 50 से 55, गेहूं का आटा 34 से 36, बेसन 80,हल्दी पिसी 240 से 260, मिर्च 340 से 380, तिल्ली 200 से 220 गुड़ 43 से 45 रुपए प्रति किलो के भाव रहे।

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