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उदयपुर। राजस्थान के उदयपुर में सरकारी अस्पताल से 13 महीने की बच्ची के चोरी का मामला सामने आया है। बच्ची चोरी का मामला सामने आने के बाद प्रशासनिक महकमे में हडकंप मच गया है। आनन-फानन में पुलिस मौके पर पहुंची और घटना की जांच में जुट गई। सीसीटीवी फुटेज एक संदिग्ध महिला नजर आ रही है। ऐसे में अब पुलिस बच्ची को चुराने वाली महिला की तलाश में जुटी हुई है।

जानकारी के मुताबिक घटना उदयपुर के एमबी अस्पताल की बताई जा रही है। वार्ड 13 के बरामदे में एक महिला अपनी 13 महीने की बच्ची अव्यांश के साथ सो रही थी। तभी एक संदिग्ध महिला बच्ची को चुराकर ले गई। जब सुबह महिला उठी तो उसने बच्ची को अपने पास नही देख चिल्लाना शुरू कर दिया। कुछ ही देर में यह खबर आग की तरह फैल गई और अस्पताल के वार्ड से बच्ची चोरी से हडकंप मच गया।

सूचना मिलते ही हाथीपोल थाना पुलिस मौके पर पहुंची और बच्ची की तलाश में जुट गई। पुलिस ने सीसीटीवी खंगाले तो उसमें एक संदिग्ध महिला बच्ची को कंधे पर डालकर ले जाते दिखाई दे रही है। पुलिस अब संदिग्ध महिला की तलाश में जुटी हुई है।

पहले भी सामने आ चुके है बच्चे चोरी के मामले

हालांकि, अस्पताल से बच्चा चोरी होने का ये कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी उदयपुर के महाराणा भुपाल अस्पताल में बच्चा चोरी की वारदात हुई है। ऐसे में अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खडे हो रहे है।

उदयपुर। जिले के बेकरिया थाना क्षेत्र में शुक्रवार को आग लगने से दो मासूम भाईयों में से एक जिंदा जल गया और दूसरा बुरी तरह झुलस गया। मालवन फला गांव में यह घटना उस वक्त हुई जब घर में कोई नहीं था और दोनों मासूम भाई खेल रहे थे। ग्रामीणों ने अपने स्तर पर पानी डालकर आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन भीषण आग लगने से सबकुछ जलकर राख हो गया। पुलिस ने शनिवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है। वहीं, घायल सिंगा का एमबी अस्पताल में उपचार जारी है।

बेकरिया थानाधिकारी धनपत सिंह ने बताया कि उपलावास ग्राम पंचायत के मालवन फला में शुक्रवार शाम को एक झोपड़े में अचानक भीषण आग लग गई। जब आग लगी तब घर में दो मासूम बच्चे खेल रहे थे। जिसमें दो साल का प्रवीण जिंदा जल गया और 5 साल का सिंगा बुरी तरह झुलस गया। सूचना पर पुलिस जाब्ता मौके पर पहुंचा और 108 एंबुलेंस की सहायता से 5 वर्षीय सिंगा गमेती को उदयपुर के एमबी हॉस्पिटल पहुंचाया। वहीं, प्रवीण के शव को बेकरिया अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया।

हादसे के वक्त घर में नहीं थे माता-पिता

जानकारी के अनुसार हादसे के दौरान पिता मजदूरी के लिए घर से बाहर गए हुए थे। वही पत्नी खेत में काम कर रही थी। पड़ोसियों ने ऊदाराम गमेती को घटना की जानकारी दी, लेकिन उनके घर पहुंचने से पहले ही आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। देखते ही देखते ऊदाराम गमेती का 2 साल का बेटा जिंदा जल गया और दूसरा बेटा बुरी तरह झुलस गया। इधर, आग से झोपड़े के साथ ही नकदी, खाद्य सामग्री और सारा घरेलू सामान जलकर खाक हो गया। फिलहाल, आग लगने के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है।

उदयपुर। डॉक्टर होते हुए बिना दहेज विवाह करना एक मिसाल कायम करना है। डॉक्टर को तो गाड़ी, नगदी, जेवरात सहित कई महंगे उपहार देने वाले मिल जाते हैं। लेकिन, गुडली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर मनीष पंवार ने दहेज मुक्त शादी कर समाज में एक मिसाल क़ायम की है।

डॉक्टर मनीष पंवार का विवाह बबीता नैनावत के साथ 22 जनवरी 2024 को संपन्न हुआ। डॉ. मनीष के परिवार ने विवाह में शुरू से लेकर आखिरी तक एक रुपए के ही नेक किए एवं लड़की पक्ष से दहेज में कुछ नहीं लिया। डॉ. मनीष ने डॉक्टर बनने के बाद वह कर दिखाया जो वो चाहते थे। उन्होंने दहेज में एक रुपए और नारियल लेकर शादी की। मनीष ने डॉक्टरी की पढ़ाई करके पहली पोस्टिंग उदयपुर जिले की मावली तहसील के गुड़ली गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर जॉइनिंग की। वो अगस्त 2018 से गुडली में ही कार्यरत है।


डॉक्टर मनीष पंवार के पिता रामनाथ पंवार जेवीवीएनएल से सेवानिवृत्ति है और प्रांतीय बलाई समाज संस्थान, जयपुर के अध्यक्ष रह चुके है। इनका मूलगांव हरसोली बागास है और वर्तमान में मुरलीपुरा जयपुर में रहते हैं। डॉ मनीष पंवार के दो भाई एवं दो बहने हैं। डॉ मनीष पंवार की पत्नी बबीता नैनावत के पिता यशराज नैनावत निजी कार्य करके अपना जीवन यापन करते हैं। बबीता नैनावत ने एमकॉम कर रखी है और साधारण परिवार से ताल्लुक रखती है। इनका मूलगांव बांसा है और वर्तमान में बेनाड, जयपुर रह रहे हैं। इनके भी दो भाई और दो बहन है।

 

युवाओं को सलाह—दहेज लेने से बचें

डॉ मनीष पंवार का युवाओं से कहना है कि दहेज के लालच में ना पड़े। दहेज लेना और दहेज देना अभिशाप है। इससे बचे और सबको जागरूक करें। लड़का जॉब में है तो यह जरूरी नहीं की वह जॉब वाली लड़की से ही विवाह करें। अगर जॉब लग गई है तो भी पढ़ी-लिखी साधारण परिवार की लड़की से विवाह कर सकते हैं एवं दहेज को ना कहकर दहेज प्रथा रूपी अभिशाप से देश एवं समाज को मुक्त करने में अपना योगदान दे सकते है।

उदयपुर जिले का एकमात्र क्रोकोडाइल पार्क (बाघदड़ा नेचर पार्क) अब पर्यटकों के लिए नए डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जाएगा। शुक्रवार को कलक्ट्रेट सभागार में जिला कलक्टर अरविंद पोसवाल की अध्यक्षता में आयोजित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की सीएसआर कमेटी एवं इको टूरिज्म कमेटी की संयुक्त बैठक में यह निर्णय किया गया।

शहर के सीवरेज के पानी को उपयोग में लाने लायक बनाने के लिए हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड के माध्यम से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट संचालित किए जा रहे हैं। जिंक के साथ हुए एमओयू के अनुसार कॉर्पोरेट सोशल रेस्पोंसिबिलिटी के तहत प्रतिवर्ष एक करोड़ रुपए का व्यय शहर के विकास पर किया जाना है। जिला कलक्टर ने कहा कि यह राशि भौतिक विकास की बजाय पर्यटकों को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों पर व्यय की जाए। उन्होंने मगरमच्छों के आश्रय स्थल के रूप में प्रसिद्ध बाघदड़ा नेचर पार्क को वाइल्ड लाइफ पर्यटक स्थल एवं उभयेश्वर में पर्यटन की दृष्टि से विकास कार्य का सुझाव दिया।

पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए ये होंगे कार्य ....

वन विभाग की ओर से बाघदड़ा के विकास की योजना प्रस्तुत की गई। जिसके तहत जिप लाइन, बाउण्ड्रीवाल, बांसरोपण, चीतल एन्क्लोजर, तालाब में मगरमच्छ के लिए माउण्ट विकसित करने, बच्चों के लिए खेल पार्क, वॉच टावर, तलाई निर्माण, कैफेटेरिया व अन्य सुविधाएं शामिल हैं। जिला कलक्टर ने इन कार्यों को दो चरणों में बांटते हुए मार्च माह में कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नेचर पार्क में क्रोकोडाइल पहले से मौजूद है। चीतल एन्क्लोजर बनने से पेंथर का मूवमेंट भी बढ़ेगा। इससे वाइल्ड लाइफ टूरिज्म को नए आयाम मिलेंगे। बैठक में नगर निगम आयुक्त रामप्रकाश, उप वन संरक्षक डी.के.तिवारी, अजय चित्तौड़ा, प्रोबेशनरी आईएफएस कुमार शुभम, नगर निगम के अतिरिक्त मुख्य अभियंता मुकेश पुजारी, स्मार्ट सिटी एक्सईएन दिनेश पंचोली, हिन्दुस्तान जिंक के कॉर्पोरेट अफेयर्स वाइस प्रसिडेंट विजय रमण, देबारी प्लांट के सहायक महाप्रबंधक राम शर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्य सड़कों पर फुलवारी विकसित करने के निर्देश

जिला कलक्टर ने शहर के चुनिंदा मुख्य मार्गों के डिवाइडर पर फुलवारी विकसित करने के निर्देश दिए। इसके लिए 50 लाख के बजट का प्रावधान करते हुए कहा कि इन फुलवारियों में विभिन्न प्रकार के मौसमी फूल लगवाए जाए। मौसम के अनुसार इनमें बदलाव किया जाए। ताकि राहगीरों व पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र बने एवं शहर की यह सड़कें अपनी विशिष्ट पहचान के लिए जानी जाए।

शहर की आयड़ नदी (Ayad River ) को संवारने का कार्य तय समय पर पूरा होता दिखाई नहीं दे रहा है। जिस गति से नदी के सौंदर्यीकरण का कार्य चल रहा है। उस हिसाब से इसमें अभी करीब दो माह और लगने का अनुमान जताया जा रहा है। विधानसभा आम चुनाव के ठीक बाद जब शहर विधायक ताराचंद जैन ने आयड़ नदी सौंदर्यीकरण के कार्य का जायजा लिया था तो स्मार्ट सिटी मिशन (Smart City Mission) के अधिकारियों ने इसे मार्च 2024 तक पूरा करने का आश्वासन दिया था। लेकिन उसके बाद उपजी अलग-अलग बाधाओं के चलते कार्य में विलंब होता चला गया। अब यह कार्य अप्रेल तक पूरा होना बताया जा रहा है।दरअसल, टूरिस्ट सिटी उदयपुर को और खूबसूरत बनाने के उद्देश्य से शहर के बीचोंबीच से गुजरने वाली आयड़ नदी को संवारने का कार्य चल रहा है। इसके तहत शहर के पांच किलो मीटर के हिस्से में नदी को संवारा जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत जहां नदी के किनारों का कृत्रिम रूप से सौंदर्यीकृत किया जा रहा है। वहीं इसे सदा नीरा बनाए रखने के लिए नदी के बीच एक नहर बनाई जा रही है। ताकि बारिश के बाद और खासकर गर्मी में इसमें पानी का बहाव बना रहे। हालांकि, प्राकृतिक बहाव से छेड़छाड़ व पक्के निर्माण को लेकर झीलप्रेमी विरोध जता रहे हैं। पहले चरण में नदी में पुलां से लेकर सेवाश्रम तक सौंदर्यीकरण का कार्य चल रहा है। इस पर करीब 75 करोड़ का खर्च आएगा। यह कार्य आठ अलग-अलग ठेकेदारों को दिया है।

अतिक्रमण चिह्नित, हटा पाना बड़ी चुनौती

पिछले दिनों जिला कलक्टर अरविंद पोसवाल व शहर विधायक जैन नदी के विभिन्न हिस्सों का मौका देख चुके हैं। उन्होंने पाया कि नदी की चौड़ाई कहीं दो सौ फीट है तो कहीं सिकुड़ कर काफी कम रह गई है। अवैध निर्माणों के चलते जिकजेक आकार की हो चुकी नदी के वास्तविक सीमांकन के लिए कलक्टर ने गिर्वा उपखंड अधिकारी आइएएस रिया डाबी के नेतृत्व में कमेटी गठित की है। इस कमेटी ने नदी में अतिक्रमण चिह्नित भी कर लिए हैं, अब प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती इन्हें हटा पाना है।

आयड़ रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट पर एक नजर ....

- सौंदर्यीकरण योजना के तहत 5 किलोमीटर संवरेगी आयड़ नदी

- सेवाश्रम से भुवाणा नई पुलिया तक होगा काम- आठ संवेदक कर रहे हैं अलग-अलग कार्य

- कुल खर्च होंगे- 75 करोड़

ये होंगे काम

- नदी के बीचोंबीच 30 फीट (9 मीटर ) चौड़ी नहर, जिसमें हर मौसम में रहेगा जल प्रवाह- एफसीआई गोदाम के निकट एसटीपी से लिफ्ट कर पानी को नहर के ऊपरी हिस्से से लाकर छोड़ा जाएगा

- नहर के पास तीस फीट चौड़ाई वाले हिस्से में हर 100 फीट पर बिजौलिया स्टॉन लगेगा

- हर 50 फीट पर कच्चा हिस्सा रहकर इसमें घास लगाई जाएगी

- यहां पगडंडी रास्ता होगा, आमजन के घूमने के लिए रहेगा

- इस पगडंडी रास्ते व पत्थर के पास घास वाले हिस्से में पौधे लगेंगे। बैठने के लिए कई जगह बैंच लगेगी

- पांच किलोमीटर के नदी के अधिकांश हिस्से में हाइमास्ट लाइटें होंगी

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कई नदियों व तालाबों का पानी मिलता है आयड़ में

आयड़ नदी का उद्घम गोगुंदा कस्बे के पास के पहाड़ों के दक्षिण पूर्वी ढलानों में है। वहां से करीब 30 किलोमीटर बहने के बाद साइफन तिराहे के पास से शहर में प्रवेश करती है और सेवाश्रम पुल के पास गिर्वा में जुड़ जाती है। इसकी सह नदियों पर मदार बड़ा व मदार छोटा तालबा बने हुए हैं और थूर पर एनिकट है। यहां से मदार नहर निकलती है, जो फतहसागर को भरती है। साइफन से सेवाश्रम पुल तक इस नदी की लंबाई करीब 6 किलोमीटर है। सेवाश्रम पुल के बाद लगभग 15 किलोमीटर लंबाई में बहने के बाद यह नदी उदयपुर के पूर्व में स्थित उदयसागर में प्रवेश करती है। उदयसागर भरने के बाद यह नदी इसके नीचे स्थित कई बांधों को भरती हुई चित्तौडगढ़़ में गोमती नदी में मिलती है, जो आगे जा कर पहले चम्बल, यमुना और अंत में गंगा में मिलते हुए बंगाल की खाड़ी में गिरती है। आयड़ नदी में कई नदियों का संगम होने के बावजूद इसका पानी लगातार गिरने वाले प्रदूषित नालों के चलते गंदा हो गया और आसपास भूजल प्रभावित हो गया।

उदयपुर. जिले के बोरिया गांव में दो दिन पूर्व एक पैंथर ने आबादी क्षेत्र में घुसकर पांच जनों को घायल कर दिया व करीब सवा छह घंटे तक उत्पात मचाया था। देर रात रेस्क्यू करने के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ही ली कि दूसरे ही दिन फिर से एक अन्य पैंथर अपने साथी पैंथर की तलाश में आ गया, जिससे ग्रामीण दहशत में आ गए। इधर पांचों घायलों को अस्पताल से छुट्टी दी गई है, लेकिन उपचार जारी है।

डेयरी के सामने नदी के दूसरे छोर स्थित खेत पर रात के समय किसान नाथूलाल, प्रकाश, लालुराम पटेल फसलों की रखवाली के लिए गए तो कोट के अहाते में पैंथर बैठा देख भागकर जान बचाई। जैसे ही यह सूचना गांव में पहुंची तो ग्रामीण सहम गए। इधर, सूचना पर वन विभाग की टीम शनिवार को पिंजरा लेकर पहुंची और बताए गए स्थान की ओर पिंजरा लगाया गया और वनकार्मिकों ने गश्त की और ग्रामीणों को सजब रहने की सलाह दी। वहीं शनिवार को कुराबड़ क्षेत्र के आवरा, जमून, सोमाखेडा क्षेत्र में भी पैंथर ने मवेशियों का शिकार किया, ग्रामीणों ने इन गांवों में भी पैंथर को पकडने की मांग की है। बताया गया कि पैंथर के हलमे में चाचा- भतीजा भेरा पटेल व जगदीश गंभीर रूप से घायल हुए है।
असली पैंथर देखने की चर्चा रही

रेस्क्यू टीम के पहुंचने पर गांव के ग्रामीण, युवा लटट लेकर घेरा डालने पहुंच गए और पैंथर को घेरने लगे लेकिन पैंथर पूंजाराम पटेल के घर के बाद बाबूलाल के बाडे के पिछवाडे चारे के दो कुंन्दुवे के बीच दुबक कर बैठा रहा। बाहर ग्रामीणों हो हल्ला होने के बावजूद नहीं निकला, लेकिन रात में रेस्क्यू टीम ने उसे पकड़ा तो ग्रामीण समीप पहुंच कर देखते रहे।

दोनों वनकर्मी नहीं, बल्कि वन ग्राम समिति के सदस्य थे
दो युवकों के साथ पैंथर का मुकाबला चलता रहा। वे दोनों वन कर्मी के बजाय वन संरक्षण के लिए बनाई गई वन ग्राम समिति के सदस्य थे। जिनके पास केवल वन सुरक्षा के तहत कुल्हाडी जैसे ही हथियार थे। ऐसे में निहत्थे थे। मौके पर पहुंचने पर उन पर हमला कर दिया, तो कुछ देर तक संघर्ष भी चला।

Indian Railway New Facility : उदयपुर से ट्रेन रवाना होने के बाद खाली सीटों पर आरएसी और करंट टिकट बुक करवाने वालों को सीट खाली होने पर टीटीई हाथोंहाथ कंफर्म टिकट उपलब्ध करवा रहे हैं। वहीं ट्रेन में खाली सीट की जानकारी अगले स्टेशन और रेलवे के एप पर भी अपडेट हो रही है। इससे वर्तमान स्थित का पता तुरंत चल रहा है। और तत्काल टिकट बुक करवाने वालों को भी सीट उपलब्ध हो रही है। यह सब टीटीई को उपलब्ध करवाई गई हेंड हेल्ड मशीनों की वजह से संभव हो रहा है। हाल ही उदयपुर के टीटीई को भी हेंड हेल्ड टर्मिनल मशीनें (एचएचटी) उपलब्ध करवाई गई है। ऐसे में यहां से करीब 21 ट्रेनों में जाने वाले 41 टीटीई इनका उपयोग करने लगे हैं।

एचएचटी मशीनों से यात्रियों को हो रहा है सर्वाधिक लाभ : मुख्य टिकट निरीक्षक



मुख्य टिकट निरीक्षक ललित भारती ने बताया कि एचएचटी मशीनों से कागज की बचत के साथ ही कई अन्य लाभ भी हो रहे हैं। इन मशीनों से सर्वाधिक लाभ यात्रियों को हो रहा है। ट्रेन रवाना होने के बाद मार्ग में ही टीटीई कोच की स्थिति को अपडेट कर सकते हैं। ऐसे में अगले स्टेशन पर तत्काल टिकट लेने वालों को कंफर्म सीट भी उपलब्ध हो रही है। जनरल टिकट काटने और डिफरेंस राशि भी क्यूआर कोड से ली जा सकती है। मशीन का एप लगातार अपडेट हो रहा है। ऐसे में आने वाले दिनों और भी सुविधाएं बढ़ जाएंगी।

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बर्थ अन्य को देने के बाद बदला नहीं जा सकेगा



जहां तक हो सके यात्री ने जिस स्टेशन से यात्रा का टिकट बुक करवाया है उसी से ट्रेन में चढ़ना होगा। एक बार उसकी बर्थ अन्य यात्री को उपलब्ध करवाने के बाद किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया जा सकेगा। एक बार अन्य यात्री को टिकट आवंटित होने के बाद किसी प्रकार की सुनवाई नहीं होगी।

अब तक ये थी व्यवस्था



अभी तक मैनुअल टिकट जांच के दौरान टीटीई सीट/बर्थ पर एक से दो स्टेशन तक यात्री की प्रतीक्षा करते थे। एक स्टेशन के बाद भी यात्री को उपस्थित मान लेते हैं। यात्री के पहुंचने के बाद टीटीई आरक्षण चार्ट को दुरुस्त कर देते हैं। सहूलियत का फायदा उठाते हुए यात्री भी यात्रा शुरू करने वाले स्टेशन से आगे अपनी सुविधा के अनुसार ट्रेन पकड़ लेते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं हो पाएगा।

अब किसी यात्री की गाड़ी छूटती है तो हो जाएं अलर्ट



कई बार यात्रियों की गाड़ी छूट जाती है। ऐसे में वे टैक्सी या अन्य संसाधन से अगले स्टेशन तक पहुंचकर ट्रेन पकड़ लेते हैं, लेकिन अब किसी यात्री की गाड़ी छूटती है तो वह संबंधित स्टेशन के अधिकारी को सूचना देगा। इसके बाद अधिकारी कंट्रोलर को इसकी सूचना देगा। फिर ट्रेन के टीटीई को सीट बुक ही रखने के निर्देश दिए जाएंगे। अब यात्री टैक्सी या अन्य संसाधन से अगले स्टेशन पर पहुंचकर ट्रेन को पकड़ सकता है। ऐसा नहीं करने पर सीट अन्य यात्रियों को उपलब्ध करवा दी जाएगी।

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उदयपुर के मांडवा थाना क्षेत्र की ग्राम पंचायत खूणा का एक अजीब मामला सामने आया है। सरपंच के समर्थक दबंग ने खुद को हिस्ट्रीशीटर बताते हुए एक शिक्षक को धमकी भरा कॉल किया। कहा कि हमारी राजनीति खराब कर रहा है, नौकरी करना भूल जाएगा...। शिक्षक ने मांडवा थाने में मामला दर्ज करवाया है। मामला राजकीय प्राथमिक विद्यालय पीपली खेत के शिक्षक समरथ लाल मीणा से जुड़ा है। गांव में पहुंचने के लिए सड़क नहीं होने से स्थाई रूप से शिक्षक नहीं ठहर रहे थे। गत वर्ष जून में यहां पोस्टेड हुए शिक्षक समरथ लाल को स्कूल में रोकने के लिए ग्रामीणों ने अपने स्तर पर सड़क बना दी। इससे नाराज सरपंच और उसके समर्थक ने शिक्षक को जान से मारने की धमकी दी। शिक्षक ने शुक्रवार को इसकी जानकारी विभागीय अधिकारियों को दी है।

शिक्षक एकजुट होकर आंदोलन करेंगे - शेर सिंह चौहान



राजजस्थान पंचायतीराज एवं माध्यमिक शिक्षक संघ प्रदेशाध्यक्ष शेर सिंह चौहान ने कहा किसी शिक्षक के साथ इस तरह से दुर्व्यवहार व धमकी देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। कार्रवाई नहीं की जाती है तो शिक्षक एकजुट होकर आंदोलन करेंगे।

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नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी - थानाधिकारी



थानाधिकारी, मांडवा प्रवीण राजपुरोहित ने कहा शिक्षक की ओर से शनिवार शाम को ही मामला दर्ज करवाया गया है। इस संबंध में रविवार को जांच की जाएगी। नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

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पंचायत समिति कोटड़ा की उमरिया पंचायत का लोहारी गांव। यहां के रहने दो परिवारों के 4 बच्चे अनाथ जीवन जी रहे हैं। इनमें से एक की आंखों में रोशनी नहीं और दो साल का एक मासूम भूपेश दो माह से बीमार है। नासमझी में ना तो इन बच्चों की देखभाल हो पा रही है और ना ही बीमार को सही उपचार मिल पा रहा है।

अनाथ बच्चों का सहारा नहीं होने की सूचना पर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय रेलवे ट्रेनिंग उदयपुर के शिक्षक दुर्गाराम मुवाल कोटड़ा के साथी शिक्षक मुकेश ओला के साथ बच्चों की सुध लेने पहुंचे। पता चला कि दो परिवारों के 4 बच्चे अनाथ हैं। चारो बच्चों के माता-पिता की मृत्यु हो चुकी है। 16 साल का उजमाराम बच्चों की देखभाल कर रहा है, उसका भाई 7 वर्षीय नकाराम जन्मांध है। उनकी चचेरी बहन 4 वर्षीय चंद्रिका भी इनके साथ है। चंद्रिका का भाई 2 वर्षीय भूपेश बीमार चल रहा है।

आशा भी हुई लाचार

लोहारी गांव की आशा सहयोगिनी लीला खेर ने मानवता के नाते बीमार बच्चे को अपने घर रखा। सुधार नहीं हुआ तो इलाज के लिए हिम्मतनगर ले गई। बच्चे के साथ अस्पताल में रहने वाला कोई नहीं था तो कुछ दिन लीला रुकी रही। फिर बच्चे के परिवार से ही उजमाराम को मेहनताना देकर बच्चे की देखभाल के लिए रखा।

घरेलू काम करने की मजबूरी

नकाराम जन्म से अंधा है, वह नदी से पानी लाता मिला। उसे परिवार की एक दादी ने अपने घर इसलिए रखा है ताकि घरेलू काम कर सके। इसी तरह से चंद्रिका को भी परिवार की एक दादी ने घरेलू काम के लिए रख रखा है। दोनों बच्चे मुश्किल भरा जीवन जी रहे हैं, क्योंकि इनके सिर से माता-पिता का साया उठ चुका है।

नकाराम-चंद्रिका के लिए सफल प्रयास

बुजुर्ग महिलाएं बच्चों को शेल्टर होम भेजने को तैयार नहीं थी। वजह ये कि उनकी मदद के लिए कोई नहीं है तो बच्चे घर का काम करते हैं। उनके भविष्य को लेकर समझाइश की तो वे शेल्टर करवाने के लिए तैयार हुए। नकाराम और चंद्रिका के लिए तो नए स्कूल सत्र में आवासीय विद्यालयों में प्रवेश करवाने की व्यवस्था हुई।

भूपेश का जीवन खतरे में

बीमार भूपेश के लिए मदद नहीं मिल पा रही है। उसे वापस आशा सहयोगिनी के घर रखा, लेकिन परिवार के लोग दबाव बना रहे हैं कि बच्चे के साथ कुछ अनहोनी हुई तो जिम्मेदारी तुम्हारी होगी। आशा सहयोगिनी बच्चे का जीवन बचाना चाहती है, इसलिए वह हर स्थिति का सामना करते हुए बच्चे को अपने साथ रखे हुए है।

Heritage Volunteer : उदयपुर में एनसीसी, एनएसएस और स्काउट की तर्ज पर अब कॉलेजों में भारतीय सांस्कृतिक निधि (इंटेक) की ओर से हेरिटेज वॉलियंटर तैयार किए जाएंगे, जो देश में खत्म होती सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए कार्य करेंगे। इसी मुहिम के तहत इंटेक ने 'केप्चर कल्चर' कार्यक्रम प्रारंभ किया है। इसके तहत कॉलेज स्टूडेंट्स अपनी रुचि के अनुसार अमूर्त विरासत संरक्षण के लिए कार्य कर सकेंगे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य खत्म होने के कगार पर पहुंच चुकी विरासत के संरक्षण के लिए नई पीढ़ी को तैयार करना है। 'केप्चर कल्चर' कार्यक्रम इसी मुहिम की शुरुआत है। जिसमें कॉलेज विद्यार्थियों के लिए एक गतिविधि का आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत किसी भी संकाय में स्नातक कर रहे विद्यार्थी इस मुहिम से जुड़ सकते हैं। उन्हें अपनी रुचि के अनुसार किसी भी एक अमूर्त सांस्कृतिक विरासत का अध्ययन करना होगा।

इसके तहत उन्हें फील्ड में जाकर उस विधा की बारीकियों को समझना होगा। उससे संबंधित एक प्रश्रावली तैयार कर उनके उत्तर जानने होंगे। उसके अच्छे फोटोग्राफ्स केप्चर करने होंगे और बाद में एक हजार शब्दों का लेख उस विरासत पर लिखकर 31 मार्च तक इंटेक के स्थानीय चेप्टर प्रतिनिधियों को सौंपना होगा। इस कार्य को इंटेक मुख्यालय भेजा जाएगा, जहां से विद्यार्थियों को इंटर्नशिप सर्टिफिकेट जारी होंगे।

स्कूलों में चल रहे यंग हेरिटेज क्लब



इंटेक की ओर युवाओं को विरासत से जोडऩे के लिए अभी कई स्कूलों यंग हेरिटेज क्लब चलाए जा रहे हैं। जिन्हें हेरिटेज संरक्षण के लिए प्रेरित करने के लिए समय-समय पर गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है।

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क्या है अमूर्त विरासत



अगोचर सांस्कृतिक धरोहर या अमूर्त सांस्कृतिक विरासत उन क्रियाकलापों, अभिव्यक्तियों या कौशलों को कहते है, जिसे यूनेस्को किसी स्थान की सांस्कृतिक धरोहर मान्य करता है। विभिन्न लोक कलाएं, पाक कला, भाषा, परम्परा, प्रथाएं आदि इसमें शामिल है।

इन विषयों पर कार्य कर सकते हैं स्टूडेंट्स



लोक संगीत
खाना पकाने की विधाएं
मांडने
सांझी
पिछवई
पोर्टरी डेकोरेशन
टाइ एण्ड डाई
अन्य कोई स्थानीय विरासत

इनका कहना है...



इंटेक उदयपुर स्कंध कन्वीनर प्रो. ललित पांडेय का कहना है कि लुप्त होती विरासत को बचाने के लिए युवाओं को इससे जोडऩा जरूरी है। इसी मुहिम के तहत इंटेक ने कॉलेजों में 'केप्चर कल्चर' कार्यक्रम शुरू किया है। आगे चलकर हेरिटेज वॉलियंटर तैयार किए जाएंगे। स्कूलों में यंग हेरिटेज क्लब चलाए जा रहे हैं।

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Udaipur News : तृतीय श्रेणी शिक्षक विभागीय पदोन्नति का इंतजार कर रहे हैं लेकिन 4 साल बाद भी उनकी ये आस पूरी नहीं हो पाई है। अतिरिक्त विषय में स्नातक डिग्रीधारियों की डीपीसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मामले के कारण करीब 30 हजार शिक्षकों की पदोन्नति अटकी हुई है। पदोन्नति नहीं होने पर तृतीय श्रेणी शिक्षक वरिष्ठ अध्यापक पद पर पदोन्नत नहीं हो पा रहे हैं। सरकार इस मसले का हल नहीं निकाल पा रही है।

नई सरकार से उम्मीद
शिक्षकों के अनुसार तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले नहीं होने से कई स्कूलों में पद खाली पड़े हैं। दूसरी ओर वर्षों से बाहरी जिलों में बैठे शिक्षक तबादले के इंतजार में ही हैं। प्रदेश की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने तृतीय श्रेणी शिक्षकों की मांग पर 18 अगस्त 2021 से शाला दर्पण पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन मांगे थे, जिसमें प्रदेश के 33 जिलों से कुल 80 हजार 781 शिक्षकों ने आवेदन कर तबादला करने की मांग की थी। इसमें उदयपुर से 3778 शिक्षकों ने आवेदन किए थे लेकिन गहलोत सरकार ने आवेदन लेने के करीब दो साल तक सत्ता में रहने के बावजूद तबादले नहीं किए। अब शिक्षकों को नई सरकार से उम्मीद है।


सरकार द्वारा बीच का रास्ता निकालकर समाधान करके डीपीसी करनी चाहिए । पहले से डिग्री कर चुके शिक्षकों को पात्र मानकर डीपीसी में शामिल कर लेना चाहिए। भविष्य में इस प्रकार की डिग्री करने वालों को डीपीसी में शामिल नहीं करने का नियम बनाना चाहिए। ताकि न तो कोई डिग्री करेगा और न ही पात्र माना जाएगा।
बसन्त कुमार ज्याणी, प्रदेश प्रवक्ता, राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ, रेस्टा

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यह है मामला
शिक्षा विभाग में पहले डीपीसी में अतिरिक्त विषय में स्नातक उत्तीर्ण को पदोन्नति के लिए पात्र माना जाता रहा है, लेकिन पिछली सरकार ने बिना शिक्षा सेवा नियमों में संशोधन किए एक कमेटी के फैसले का हवाला देते हुए डीपीसी में अतिरिक्त विषय स्नातक उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को अपात्र करार दे दिया। इस कारण पदोन्नति से वंचित हुए करीब 700 शिक्षक हाईकोर्ट चले गए। न्यायालय की एकल पीठ ने डीपीसी पर स्टे दे दिया। इसके बाद सरकार खंडपीठ में गई और खंडपीठ में भी अतिरिक्त विषय स्नातक शिक्षकों की पदोन्नति कर बंद लिफाफे में डीपीसी करने पर सहमति दे दी। इस पर शिक्षक उच्चतम न्यायालय की शरण में चले गए और बंद लिफाफे में डीपीसी करने पर स्थगन ले आए।

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अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत उदयपुर जिले के फतहनगर रेलवे स्टेशन का कायाकल्प होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश भर के 554 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास तथा 1500 रेलवे ओवर ब्रिज, अंडर ब्रिज कार्यों का वर्चुअली लोकार्पण-शिलान्यास किया। इसमें फतहनगर स्टेशन भी शामिल है। फतहनगर में आयोजित शिलान्यास समारोह में जिला कलक्टर अरविंद पोसवाल सहित जनप्रतिनिधियों ने शिरकत की। उदयपुर सिटी स्टेशन अधीक्षक शरद पुरोहित ने बताया कि अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत चयनित 554 स्टेशन में राजस्थान से फतहनगर सहित कुल 21 स्टेशन शामिल हैं। सोमवार को फतहनगर स्टेशन पर शिलान्यास समारोह किया गया। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया। कार्यक्रम में जिला कलक्टर अरविंद पोसवाल, विधायक मावली पुष्कर लाल डांगी, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष शांतिलाल चपलोत, नगर पालिका फतहनगर की चेयरपर्सन मंजूलता देवी, समाजसेवी चंद्रगुप्तसिंह, नरेंद्र सिंह ओसलिया, गणपतलाल स्वर्णकार, राधेश्याम बाघला, कैलाश गाडरी, रतन सिंह कितावत, मुकेश खटीक, ऋतु अग्रवाल आदि बतौर अतिथि मौजूद रहे। रेलवे के वरिष्ठ मण्डल इंजीनियरिंग अधिकारी संदीप ढिंगरा सहित अन्य ने अतिथियों का स्वागत किया।

18.50 करोड़ रूपए की लागत से होगा पुनर्विकास

जानकारी के अनुसार फतहनगर स्टेशन का 18.50 करोड़ रूपए की लागत से सिटी सेंटर के रूप में पुनर्विकास किया जाएगा। इसमें रूफ प्लाजा, शॉपिंग जोन, फूड कोर्ट, बच्चों के खेलने का क्षेत्र आदि सुविधाएं विकसित होंगी। अलग-अलग प्रवेश द्वार और निकास द्वार, बहुस्तरीय पार्किंग, लिफ्ट, एस्केलेटर, लाउज, प्रतीक्षालय, टै्रवलेटर, दिव्यांगजन अनुकूल सुविधाएं भी शामिल हैं।

अपने जिगर के टुकड़े को 9 माह कोख में रखने के बाद 13 माह सीने से लगाए रखा। उस मां ने बच्ची के गुम होने के बाद का समय कैसे गुजारा होगा, कल्पना से परे है। लाचार मां का खाना-पीना सब दुश्वार हो गया। रो-रोकर उसका बुरा हाल है। घटना के बाद वह बेसुध भी हो गई। वह बार-बार एक ही बात बोल रही है कि 'आखिर कब लौटेगी मेरी अव्यांशी?' तमाम रिश्तेदार और परिजन हीना को संभालने में जुटे हुए हैं।


भाई का दर्द बांटने आई थी बहन
हीना भाई का दर्द बांटने आई थी, लेकिन अंदाजा नहीं था कि उस पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ेगा। भोपाल निवासी हीना के भाई कांकरोली निवासी दीपराज परिहार का हाल ही में ऑपरेशन हुआ था, जो वार्ड 113 में भर्ती है। भाई की देखरेख के लिए हीना 18 फरवरी को उदयपुर आई थी। तब से ही वह अस्पताल में ठहरी हुई थी।

यह है पूरा मामला
एमबी हॉस्पिटल में बीमार भाई का हाल जानने आई महिला की 13 माह की बच्ची को अज्ञात महिला उठा ले गई। घटना एमबी हॉस्पिटल के सर्जीकल वार्ड नम्बर-113 के बाहर की है। यहां से शनिवार सुबह 5 बजे मयूर विहार भोपाल निवासी हीना परिहार की बेटी अव्यांशी लापता हो गई थी। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज जुटाकर जांच की तो एक महिला बच्ची को ले जाती नजर आई थी। शुक्रवार रात को हीना बेटी को लेकर सर्जिकल वार्ड के बाहर बरामदे में सो गई थी। रात 3.30 बजे तक बच्ची उसके पास ही सो रही थी। इसके बाद सुबह 5.30 बजे नींद खुली तो बच्ची उसके पास नहीं थी।


नहीं लग पाया बच्ची का पता

इधर, शहर के क्षेत्रों में सुराग नहीं लगने पर पुलिस टीमें आबूरोड, नाथद्वारा, गोगुन्दा तक पहुंची। संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है, लेकिन फिलहाल सफलता नहीं मिली है। एमबी हॉस्पिटल से 13 माह की बच्ची चोरी होने के मामले में पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज में दिख रही महिला की तलाश के लिए विभिन्न स्थानों पर टीमें भेजी है। वहीं कुछ संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है।

शहर के बालीचा इलाके में विद्युत प्रसारण निगम के परिसर में मादा पैंथर (Panther) दो शावकों (cubs) के साथ नजर आई है। अब तक यहां केवल पैंथर को देखा जा रहा था, लेकिन सोमवार को वायरल हुए एक वीडियो में उसके साथ दो शावक भी नजर आए। इसके बाद यह स्पष्ट हो गया कि पिछले दिनों से दिखाई दे रहा पैंथर मादा है। माना जा रहा है कि पैंथर के शावक जंगल से निकलकर जीएसएस में आ गए, जो चार दीवारी के कारण वापस निकल नहीं पाए। शावकों की वजह से ही मादा का मूवमेंट जीएसएस के भीतर देखा जा रहा है। जब तक केवल पैंथर को देखा जा रहा था तो वन विभाग इसे ट्रेंक्यूलाइज कर जंगल में छोड़ने की योजना बना रहा था। लेकिन शावक दिखाई देेने के बाद प्लान बदलना पड़ा। चूंकि तीनों को एक साथ ट्रेंक्यूलाइज कर पाना संभव नहीं है, इसलिए वन विभाग ने विद्युत प्रसारण निगम को दीवार का एक हिस्सा तोड़कर रास्ता बनाने का सुझाव दिया है, ताकि तीनों वन्यजीव सुरक्षित वन क्षेत्र में चले जाएं और आबादी पर भी कोई खतरा ना हो।

छह-सात माह के हैं शावक

बताया जा रहा है कि पैंथर के दोनों शावक करीब छह-सात माह के हैं। जो अभी मां पर ही निर्भर है। दोनों शावक विद्युत प्रसारण निगम के नाले में दुबके रहते हैं। जब जंगल से उनकी मां यहां आती है तो बाहर निकल आते हैं। वन विभाग के सूत्रों का कहना है कि पैंथर ने अब तक आमजन को हानि नहीं पहुंचाई है। शावक साथ होने के कारण उसे अकेले ट्रेंक्यूलाइज करना ठीक नहीं है।

विद्युत प्रसारण निगम के सहायक अभियंता और हमारे रेंज ऑफिसर ने जीएसएस परिसर में पैंथर के मूवमेंट के बारे में अवगत कराया है। मादा पैंथर के साथ दो शावक भी है, इसलिए इन्हें रास्ता बनाकर जंगल की ओर निकालना ही उचित रहेगा। इसलिए दीवार तोड़कर रास्ता बनाने को कहा गया है।

- मुकेश सैनी, उपवन संरक्षक, उदयपुर

हमारी लॉयन सफारी (Lion Safari) आठ शेरों से आबाद होगी। इनमें से दो (एक जोड़ा) को लाने की मंजूरी मिल चुकी है, जबकि शेष छह के लिए वन विभाग के अधिकारी देश के विभिन्न चिडि़याघरों के सम्पर्क में हैं। शेरों को रखने के लिए एनक्लॉजर सहित अन्य आवश्यक कार्यों के लिए इसी माह निविदा प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

लॉयन सफारी बनाने के लिए वन विभाग के पास 3.64 करोड़ के बजट का प्रावधान है। जिसमें 26 हेक्टेयर में एक एनक्लॉजर बनाया जाएगा। जिसमें जानवर (शेर) का हॉल्डिंग एरिया और दर्शकों के लिए डिस्प्ले एरिया शामिल होगा। पिछले करीब पांच साल से चल रही इस मशक्कत के तहत पहली सफलता हाल ही में मिली है, जब जूनागढ़ (गुजरात) से शेर के एक जोड़े को लाने की मंजूरी केंद्रीय चिडि़याघर प्राधिकरण से प्राप्त हुई है। विभाग चाहता है कि जहां से भी मिले स्वस्थ शेर मिले ताकि उन्हें सफारी में लम्बे समय तक रखा जा सके। जूनागढ़ से शेर का पहला जोड़ा छह माह की अवधि में उदयपुर पहुंच जाएगा।

टाइगर सफारी के लिए करना होगा इंतजार

उदयपुर के सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल (Sajjan Garh Biological Park) पार्क में लॉयन और टाइगर सफारी के लिए करीब छह साल पहले प्रस्ताव केंद्रीय चिडिय़ाघर प्राधिकरण को भेजे गए थे। जिन्हें अप्रेल 2023 में मंजूरी मिली थी। इसके तहत 26 हेक्टेयर में टाइगर सफारी भी प्रस्तावित है। जिसकी अनुमानित लागत 3.8 करोड़ रुपए हैं। लेकिन विभाग लॉयन सफारी के लिए प्राथमिकता से कार्य कर रहा है। टाइगर सफारी के लिए अभी और इंतजार करना पड़ सकता है।

बायोलॉजिकल पार्क के पीछे खुले में घूमते दिखेंगे शेरलॉयन सफारी बायोलॉजिकल पार्क के पीछे की ओर तैयार की जा रही है। जहां बाड़े में शेर खुले में घूमते देखे जा सकेंगे। इसके लिए बॉयोलॉजिकल पार्क के अलावा अलग से टिकट होगा। जिसकी टिकट दरें वन विभाग की कमेटी बाद में तय करेगी।

अगर शुरू से ही आप अपने लक्ष्य के प्रति क्लीयर रहेंगे और बिना किसी तनाव के व फोकस होकर तैयारी करेंगे तो सफल होने से आपको कोई नहीं रोक सकता है। मुझे मेरा लक्ष्य हमेशा से पता था। इसलिए तैयारी कभी छोड़ी नहीं। एग्जाम के दिनों में दोस्तों से मिलती भी थी और पढ़ाई भी करती थी। किसी तरह का तनाव नहीं रखा। यही मेरा सक्सेस मंत्र है। यह कहना है उदयपुर की पहले ही प्रयास में सीएस परीक्षा में ऑल इंडिया सेकंड रैंक हासिल करने वाली आर्या अग्रवाल का।

पिता और चाचा से मिला गाइडेंस

आर्या ने बताया कि उनके पिता अनिल अग्रवाल सीए हैं और एक प्राइवेट कंपनी में जीएम फाइनेंस हैं। वे सीएस इंटर भी कर चुके हैं। वहीं, चाचा सुशील अग्रवाल सीए और सीएस दोनों ही हैं। वे भिलाई स्टील प्लांट में असिस्टेंट जनरल मैनेजर के पद से रिटायर्ड हुए हैं। इसलिए पिता और चाचा से प्रेरणा लेकर व उनके मार्गदर्शन में ये मुकाम हासिल किया है। आर्या ने बताया कि वे सीए इंटर भी कर चुकी हैं और फाइनल परीक्षा मई माह में होगी। अभी वे गुड़गांव से आर्टिकलशिप के तहत इंडस्टि्रयल ट्रेनिंग ले रही हैं। आर्या ने अपनी स्कूलिंग सेंट पॉल्स से की और ग्रेजुएशन सुविवि से कर रही हैं।

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बड़ी बहन बीटेक

आर्या की मां रितु अग्रवाल ने बताया कि वे गृहिणी हैं। उनके तीन बेटियां हैं। जिनमें बड़ी बेटी अदिति ने बीटेक किया है। वे हैदराबाद में एमएनसी में जॉब कर रही हैं। वहीं, छोटी बेटी आकृति 8वीं क्लास में है। उन्होंने बताया कि पूरे परिवार को आर्या की सफलता पर गर्व है। आगे भी उसके लिए उज्ज्वल भविष्य का आशीर्वाद है।

माघ पूर्णिमा के मौके पर शहर में विभिन्न जगहों पर शुभ मुहूर्त में होलिका रोपण की परंपरा निभाई गई। होलिका रोपण पर मंदिरों में ठाकुरजी के सम्मुख फाग के गीत सुनाए जाते हैं और एक माह बाद फाल्गुन शुक्ल की पूर्णिमा को होलिका दहन किया जाएगा। ।

विधिवत स्थापित हुई होली

मेवाड़ की परम्परानुसार माघ माह की पूर्णिमा पर सिटी पैलेस के माणक चौक में धर्मसभा के सदस्यों एवं पुरोहित की उपस्थिति में विधि - विधान व मंत्रोच्चार के साथ मुहूर्त देख होलिका रोपण किया गया । इस अवसर पर महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउण्डेशन के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी भूपेन्द्र सिंह आउवा ने बताया कि मेवाड़ के प्रमुख त्योहारों में होलिका उत्सव का विशेष महत्व रहता है। मंदिरों में ठाकुरजी के सम्मुख होलिका रोपण से ही फागण के गीत सुनाये जाने की परम्परा रही है। एक माह बाद फाल्गुन शुक्ल की पूर्णिमा को होलिका दहन होगा। इसके अलावा शहर के बड़ी होली व मल्ला तलाई के सुभाष चौराहे पर भी शुभ मुहूर्त में होलिका का डांडा रोपा गया।

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ठाकुरजी का विशेष शृंगार, गूंजे फाग के गीत

जगदीश मंदिर के पुजारी गजेंद्र ने बताया कि पूर्णिमा के मौके पर ठाकुरजी को विशेष शृंगार धारण कराया गया। फाग के रसिया का गायन किया गया। शाम को छप्पन भोग का आयोजन हुआ। इधर, श्रीनाथजी की हवेली में भी ठाकुरजी काे विशेष शृंगार धराया गया।

उदयपुर. झाड़ोल-कोटड़ा राष्ट्रीय मार्ग पर सोमघाटे पर सोमवार सुबह एक रोडवेज बस के अचानक ब्रेक फेल हो गए। लेकिन चालक की सूझबूझ से बस में सवार 100 यात्री बाल-बाल बच गए। चालक ने बस को दीवार से टकराकर रोक दी। गौरतलब है कि इस रूट पर लंबे समय से खटारा बसों का संचालन हो रहा है। ऐसे में आए दिन रास्ते में रोडवेज बस खराब हो रही है। पूर्व में भी कई बार दुर्घटना होते-होते बची, इसके बावजूद प्रशासन खटारा बसों के संचालन को लेकर गंभीर नहीं है।

पहले चलती थी 16 बस और अब सिर्फ 5
पूर्व में झाड़ोल-कोटड़ा मार्ग पर 16 रोडवेज बसों का संचालन होता था। लेकिन अब वह घटकर मात्र पांच रह गई। ये बसें भी खटारा है, जो आए दिन रास्ते में अटक जाती है। जिससे यात्रियों को आने-जाने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। मजबूरन यात्रियों को बीच रास्ते से अन्य निजी वाहनों से दो गुना किराया देकर अपने गंतव्य तक पहुंचना पड़ता है।

मंत्री का हैं गृहक्षेत्र
झाडोल, फलासिया, कोटडा विधानसभा क्षेत्र झाडोल के जनजाति विकास एवं गृह रक्षा विभाग के मंत्री बाबूलाल खराड़ी का गृहक्षेत्र है। इस संबंध में कई बार जनजाति विकास मंत्री एवं रोडवेज के अधिकारियों को ग्रामीणों द्वारा क्षेत्र में बसों का संचालन बढ़ाने एवं ग्राम पंचायत मुख्यालय तक संचालन कराने के लिए कहा। लेकिन अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया गया। ग्रामीणों ने मंत्री से शीघ्र क्षेत्र में बसों का संचालन बढ़ाने तथा खटारा बसों को हटाने की मांग की।

इनका कहना है
चालक को निर्देश दिए हुए है कि इस मार्ग पर चलने वाली बसों को कंप्लीट कर ही मार्ग पर चलाएं। इसके बाद भी कोई चालक ले जाता है, तो जिम्मेदारी उसकी रहती है। हमारे यहां से बस को कंप्लीट कर रवाना करते है। घाट क्षेत्र होने से बसें खराब हो रही है। अन्य मार्गों के मुकाबले इस मार्ग पर एवरेज भी कम रहता है। शीघ्र ही मार्ग पर रोडवेज के सुधार का काम करेंगे।
-हेमंत शर्मा, रोडवेज प्रबंधक, उदयपुर डिपो

उदयपुर. जयसमंद. जयसमंद झील को पर्यटन क्षेत्र में बढ़ावा देने को लेकर जिला प्रशासन सलूम्बर एवं पर्यटन विभाग की ओर से जयसमंद की पाल पर आयोजित महोत्सव का आगाज मंगलवार को नर्बदेश्वर महादेव की पूजा और आरती के साथ होगा । महोत्सव के आयोजन की तैयारी व अंतिम रूपरेखा को लेकर बैठक का आयोजन सोमवार को सलूंबर जिला परिषद मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनिल पहाडयि़ा, जयसमंद पंचायत समिति विकास अधिकारी महेश कुमार चौहान, जयसमंद मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी अशोक जोशी, सराड़ा तहसीलदार कीर्ति भारद्वाज की उपस्थिति में किया गया। अधिकारियों ने निरीक्षण करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिए । प्रशासनिक अधिकारी मुख्य ब्लॉक शिक्षा कार्यालय जयसमंद के दीपेश कुमार ने बताया कि प्रतियोगिता आयोजन को लेकर शारीरिक शिक्षकों सहित शिक्षकों की तकनीकी टीमों का गठन किया गया । प्रतियोगिता के आयोजन को लेकर मैदान तैयार किए गए । जयसमंद इतिहास को अपनी मेवाड़ी भाषा में पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के द्वारा प्रदर्शित करने को लेकर अध्यापिका सोनम कंठालिया द्वारा प्रेजेंटेशन किया जाएगा। महोत्सव को लेकर पाल पर स्थित छतारियों व मंदिर को रोशनी से सजाया गया ।

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यह होंगे कार्यक्रम

सुबह 6.30 से 7 बजे तक सर्वप्रथम नर्बदेशवर महादेव मंदिर में दीप प्रज्वलन एवं जयसमंद पाल स्थित जयसिंह उद्यान में योग कार्यक्रम, 7.30 से 9.30 बजे तक रूठी रानी महल तक ट्रैकिंग, 10.30 से 11 बजे तक अतिथियों का स्वागत, 11 से 2 बजे तक खेलों का आयोजन, 3 से 3.30 तक कठपुतली कार्यक्रम, 3.30 से 4 बजे तक मैजिक शो, 4 से 4.30 तक सांस्कृतिक कार्यक्रम, 4.30 से 5 बजे तक विशेष वेशभूषा में गैर नृत्य, 5 से 5.45 बजे तक जयसमंद के इतिहास की गलालीन वक्ता की। कथा का आयोजन 5.45 से 6 बजे तक जयसमंद इतिहास पर पीपीटी प्रदर्शन, 6 से 6.30 बजे तक प्रशस्ति पत्र मोमेंटो वितरण एवं आभार, 6.30 से 7 बजे तक नर्वदेश्वर महादेव मंदिर में दीपदान एवं आरती के साथ कार्यक्रम का समापन होगा। आयोजन कमेटी के अनुसार स्थानीय विद्यालय के साथ ही रस्सा कस्सी एवं अन्य प्रतियोगिताओं में जयसमंद व्यापार मंडल ,जयसमंद पाल संगठन तथा जयसमंद जल पर्यटन विकास समिति बाबा मंगरा के ग्रामीणों द्वारा भाग लिया जाएगा ।

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विद्यालयों में छात्रों ने किया अभ्यास

महोत्सव में होने वाली विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेने हेतु जयसमंद पंचायत समिति की राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय वीरपुरा एवं गातोड़ के विद्यार्थियों ने जमकर अभ्यास किया । विद्यार्थियों ने शारीरिक शिक्षक बालकृष्ण आमेटा,अमरलाल पटेल,शिक्षक पारस जैन,अमर सिंह मीणा, देवीलाल पटेल, रज्जाक मोहम्मद, रूपलाल मेघवाल, पंचायत शिक्षक कानाराम मीणा व हीरालाल मीणा के सानिध्य में कुर्सी रेस,चम्मच रेस, रस्सा कस्सी, रुमाल झपट्टा,जयसमंद झील को देखते हुए पेंटिंग बनाना आदि गतिविधियों का अभ्यास किया ।

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विश्व विख्यात जयसमंद झील मानव निर्मित एवं मीठे पानी की झील है। यहां ऐतिहासिक धरोहर है जो पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करती है। सलूम्बर जिले में रूठी रानी महल,चावंड ,धोलाघर समेत कई ऐतिहासिक स्थल है जो यहां वैभव,सौंदर्य व विरासत को सहेजे है। पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह महोत्सव किया जा रहा है।

जसमीत सिंह संधू, जिला कलक्टर सलूम्बर

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जयसमंद महोत्सव जिले में पहली बार आयोजित किया जाएगा इससे प्रशासन और आम जन में उत्साह है।

कृष्णपाल सिंह चौहान, अतिरिक्त जिला कलक्टर

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कई दिनों से इस महोत्सव को सफल बनाने की तैयारियां पूर्ण कर ली गई है हम सब की सामूहिक भागीदारी से इस कार्यक्रम का सफल अयोजन होगा।

अनिल पहाडिय़ा, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी

उदयपुर. सराड़ा. जयसमंद झील पर घूमने आए पर्यटक के साथ मारपीट करने के मामले में सराड़ा पुलिस ने पांच बदमाशों को गिरफ्तार किया है।
थाना अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि 20 फरवरी को सराडा थाने में पर्यटक के साथ मारपीट का मामला दर्ज हुआ। जिसमें प्रार्थी ने बताया कि वह और उसका मित्र जयसमंद झील पर घूमने आए थे। जैसे ही पाल पर घूमने लगे, तभी अचानक आधा दर्जन से ज्यादा लोगों ने उन पर हमला कर मारपीट की। पुलिस ने बताया कि अनुसंधान में सामने आया कि पार्किंग की बात को लेकर कुछ युवकों ने लड़ाई कर मारपीट की है। जयसमंद की पाल पर कोई गिरोह सक्रिय नहीं है। पुलिस ने आरोपी पहाड़ी थाना सराडा निवासी अरविंद मीणा, किशोर मीणा, विनय मीणा, गजेंद्र मीणा व अनिल मीणा को गिरफ्तार किया। साथ ही न्यायालय में पेश किया।

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इधर, अध्यापक से हाथापाई, दो गिरफ्तार
वल्लभनगर. समीपवर्ती उदाखेड़ा के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में छात्रों के परिजनों द्वारा शिक्षक के साथ हाथापाई करने का मामला सामने आया है। शिक्षक की ओर से वल्लभनगर पुलिस थाने में रिपोर्ट देने पर पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। वल्लभनगर थाना अधिकारी सीआई दीपिका राठौड़ ने बताया कि राजकीय विद्यालय उदाखेड़ा में कार्यरत शिक्षक मनीष अग्रवाल के साथ गांव के ही डालचंद गायरी व गोपीलाल कुम्हार ने अभद्र व्यवहार करते हुए हाथापाई की। पुलिस ने दोनों आरोपियों को शांतिभंग में गिरफ्तार किया।

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खेत में संदिग्धावस्था में मिला युवक, पुलिस को सौंपा
अदवास. जावरमाइंस थाना क्षेत्र के अजबरा गांव मे रविवार रात को ग्रामीणाें ने संदिग्धावस्था में खेत में मिले एक युवक को पकड़कर पुलिस के हवाले किया। युवक किसान पूंजा पटेल के खेत में दुबक कर बैठा था, किसान की नजर पड़ते ही वह चिल्लाया तो ग्रामीण एकत्रित हो गए। उन्होंने युवक को धरदबोचा। सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर युवक को हिरासत में लिया। पूछताछ में युवक रमेश जोगी चौहानों को गुड़ा (भींडर) का रहने वाला है। वह नशे में धुत्त था।

Recruitment Exam 3 March : राजस्थान में भर्ती परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के सामने संकट खड़ा हो गया है। हालात तो ऐसे हैं कि एक ही दिन दो भर्ती परीक्षाएं हैं। ऐसे में अभ्यर्थियों के सामने परीक्षा चयन को लेकर परेशानी उत्पन्न हो गई है। ऐसा ही मामला राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से संगणक भर्ती परीक्षा और राजस्थान हाईकोर्ट की ओर से सिस्टम असिस्टेंट भर्ती परीक्षा का सामने आया है। ये दोनों परीक्षाएं एक ही दिन तीन मार्च 2024 को होनी है। इस कारण प्रदेश के हजारों बेरोजगार युवा परेशान हैं। बता दें कि युवाओं ने संगणक तथा सिस्टम असिस्टेंट भर्ती दोनों के लिए आवेदन किया है।

लेकिन एक ही दिन परीक्षा होने के कारण अभ्यर्थियों को एक परीक्षा से वंचित होना पड़ेगा। राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से 583 पदों पर संगणक भर्ती व राजस्थान हाईकोर्ट की ओर से 230 सिस्टम असिस्टेंट पदों की भर्ती निकाली गई है। दोनों भर्तियों के लिए युवाओं ने आवेदन किया था, लेकिन परीक्षा एक ही दिन होने से युवा परेशान हैं।

बोर्ड चेयरमैन को ज्ञापन भेजकर तिथि में बदलाव की मांग

इन दोनों परीक्षाओं को लेकर युवाओं ने कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष को कई बार ज्ञापन दिया। युवाओं का कहना है कि वे दोनों परीक्षाओं की लंबे समय से तैयारी कर रहे हैं। लेकिन अब एक ही दिन दोनों परीक्षाओं का टाइम शैड्यूल जारी कर दिया गया है। इस कारण वे मानसिक रूप से परेशान हैं। कर्मचारी चयन बोर्ड संगणक की परीक्षा आगे कर देता है तो युवाओं को काफी राहत मिलेगी।

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इसलिए है परेशानी

संगणक तथा सिस्टम असिस्टेंट के लिए होने वाली भर्ती योग्यताएं समान होने के कारण राजस्थान प्रदेश के हजारों बेरोजगारों ने इन पदों के लिए आवेदन किया है। राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से संगणक भर्ती परीक्षा की तिथि 3 मार्च घोषित कर रखी है। इधर, हाईकोर्ट की सिस्टम असिस्टेंट की परीक्षा भी इसी दिन होनी है। इसलिए अभ्यर्थी को एक परीक्षा से वंचित होना पड़ रहा है।

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उदयपुर। गोवर्धनविलास थाना क्षेत्र के जोगी तलाब स्थित एक फार्म हाउस के चौकीदार की हत्या का खुलासा हो गया। उसकी पत्नी ही हत्या की आरोपी निकली, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया कि चौकीदार अपनी पत्नी पर चरित्र संदेह करता था, नशे की हालत में मारपीट करता था, इसलिए मार डाला।

गोवर्धनविलास थानाधिकारी राव अजय सिंह ने बताया कि पति की हत्या के आरोप में खजूरी खेड फला निवासी बाबुड़ी पत्नी कन्हैयालाल को गिरफ्तार किया गया। इससे पहले तक वह पुलिस को गुमराह करती रही। उसने पुलिस को बताया था कि पति चौकीदारी के लिए भूपालपुरा गया था। वह जल्दी सो गई थी। पति रात को फार्म हाउस पर कब लौटा और उसकी हत्या किसने की उसे पता नहीं चला। पुलिस ने आसपास से जानकारी जुटाई तो पता चला कि मृतक कन्हैयालाल रात को चौकीदारी के लिए भूपालपुरा गया ही नहीं था। देर रात तक फार्म हाउस से लड़ाई-झगड़े की आवाजें आ रही थी। ऐसे में पत्नी बाबुड़ी से सख्ती से पूछताछ की तो वह फूट पड़ी। उसने बताया कि पति चरित्र संदेह करता था। नशे की हालत में मारपीट करता था।

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घटना की रात को भी दोनों की बीच झगड़ा हुआ था। उसी दौरान कन्हैया लाल फार्म हाउस में ऊपरी कमरे में चला गया। पत्नी बाबुड़ी भी पहुंची तो झगड़ा होने लगा और उसने कन्हैयालाल के सिर पर लठ मार दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद बाबुड़ी फिर अपने कमरे में जाकर सो गई। सुबह उठकर अज्ञात लोगों की ओर से हत्या कर देना बताया।

यह था मामला
गत 19 फरवरी को जोगी तलाब स्थित फार्म हाउस पर चौकीदार कन्हैयालाल की हत्या हो गई थी। उसके भाई खजुरी हाल गोज्या फला नला निवासी नानालाल ने रिपोर्ट दी थी। बताया कि उसका भाई कन्हैयालाल 16 साल से जोगी तलाब स्थित फार्म हाउस पर चौकीदारी करता था। वह पत्नी बाबुड़ी व परिवार सहित फार्म हाउस के कमरे में ही रहता था। महिला ने ही अपने पति की मौत की सूचना परिजनों को दी थी। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। एफएसएल, एमओबी, डॉग स्क्वायड और मोबाइल इन्वेस्टिगेशन यूनिट को बुलाया गया।

मेरे लिए कहानी ही हीरो है। किसी भी फिल्म की कहानी उतनी ही जरूरी होती है जितना कि किरदार। चैलेंजिंग रोल और दिलचस्प क्राइम थ्रिलर कर के मैं काफी एक्साइटेड हूं। पहली बार ऐसे जोनर की फिल्म की जो पहले कभी नहीं की। इसके लिए काफी मेहनत करनी पड़ी। यह कहना है बॉलीवुड एक्टर वाणी कपूर का। वाणी इस साल यशराज फिल्म्स एंटरटेनमेंट की ओटीटी पर मंडाला मर्डर्स से डेब्यू करने जा रही हैं। वे इन दिनों फिल्म खेल खेल में की शूटिंग करने उदयपुर आई हुई हैं। राजस्थान पत्रिका ने वाणी कपूर से की विशेष बातचीत

प्रश्न : आपको इंडस्ट्री में करीब 10-11 साल हो चुके हैं, कैसा एक्सपीरियंस रहा?

जवाब : मुझे ऐसा लगता नहीं है कि इतना समय गुजर गया है। आज भी सब कुछ नया ही लगता है। किसी भी फिल्म से पहले नवर्सनेस होती है तो एक्साइटमेंट भी होती है। हर दिन नया चैलेंज होता है। नए लोगों के साथ टीम अप करना होता है। बहुत कुछ सीखने को मिलता है, यही इस प्रोफेशन की खूबसूरती है।

प्रश्न : आपका कोई फेवरेट डायरेक्टर जिसके साथ आप काम करना चाहती हैं ?

जवाब : मैं लकी हूं कि अभिषेक कपूर और गोपी जैसे डायरेक्टर्स के साथ काम किया। वहीं, जैसे अभी 12वीं फेल मूवी आई जो काफी इंस्पायरिंग थी। इसके डायरेक्टर विधु विनोद चोपड़ा बहुत खूबसूरत फिल्म और किरदार लिखते हैं। इसी तरह संजय लीला भंसाली वे भी बहुत उम्दा डायरेक्टर हैं। उनके साथ काम कर के बहुत कुछ सीखने को मिलता है। ऐसे कई और डायरेक्टर्स हैं, मेरी लिस्ट लंबी है।

प्रश्न: आप ओटीटी पर भी डेब्यू करने वाली हैं, किस तरह का रोल है?

जवाब : मंडाला मर्डर्स से ओटीटी पर डेब्यू करने जा रही हूं। ये वेबसीरिज है जिसे मर्दानी फेम डायरेक्टर गोपी पुथरन डायरेक्ट कर रहे हैं। ये एक क्राइम थ्रिलर है जिसमें मेरा काफी चैलेंजिंग रोल है। इसमें एक्शन भी किया है। मेरे लिए कहानी ही हीरो है। जिसकी कहानी अच्छी लगती है और किरदार में दम दिखता है वो करती हूं। इस फिल्म के किरदार के लिए काफी मेहनत की है। ये एक नया एक्सपीरियंस रहा है।

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प्रश्न: इस साल आपकी कौन-कौन सी फिल्में आ रही हैं?

जवाब : इस साल रेड-2 और सर्व गुण संपन्न के अलावा भी कई सारे प्रोजेक्ट्स हैं। रेड-2 में अजय देवगन के साथ काम किया है। वे वन टेक एक्टर हैं, उनका स्ट्रॉन्ग स्क्रीन प्रेजेंस है। उनके साथ काम कर के काफी अच्छा लगा। सर्वगुण संपन्न फैमिली ड्रिवन फिल्म है। इसमें एक छोटे शहर की लड़की का किरदार है। बहुत सिंपल और अच्छी स्टोरी है जो सबको पसंद आएगी।

प्रश्न : साउथ इंडस्ट्री में किस एक्टर के साथ काम करना चाहेंगी?

जवाब. मैंने साउथ की अहा कल्याणम फिल्म की है, एक्टर नानी के साथ। फिल्म के लिए तेलुगू और तमिल सीखी। वहां के सभी लोग पूरे कंविक्शन से काम करते हैं। साउथ का सिनेमा लार्जर देन लाइफ सिनेमा है। एक्टर धनुष, महेश बाबू, विजय सेतुपति काफी अच्छे एक्टर हैं जिनके साथ काम करना चाहूंगी। इसके अलावा अल्लू अर्जुन के साथ डांस नंबर करना चाहती हूं, वे बहुत कमाल के डांसर हैं।

प्रश्न : आपकी फिटनेस का क्या राज है?

जवाब : मुझे जिम जाना कोई खास पसंद नहीं है। बल्कि मुझे खाने का बहुत शौक है। मैं एक पंजाबी परिवार से हूं जहां मैं हर रोज रात को कभी बटर चिकन खाया करती थी। आज भी मैं चीट डेज में मैगी, चाइनीज, आइसक्रीम, चॉकलेट्स खाना खूब पसंद करती हूं। लेकिन फिल्मों के लिए और एक्टिव लाइफस्टाइल के लिए फिटनेस जरूरी है। अगर एक सप्ताह जिम नहीं जाऊं तो आलस आने लगता है इसलिए फिटनेस माइंड और बॉडी दोनों के लिए जरूरी है।

प्रश्न : आपको उदयपुर कैसा लगा?

जवाब : मैं उदयपुर पहले भी आती रही हूं। लेकिन तब फैमिली के साथ आती थी। दरअसल, मैं आर्मी बैकग्राउंड से हूं तो मैं कजिन के साथ यहां आती थी। इस बार शूटिंग के सिलसिले में आई हूूं। अभी काम पर हूं तो ज्यादा एक्सप्लोर करने का मौका नहीं मिला लेकिन जितना भी किया ,वो बहुत खूबसूरत है। नेचुरल ब्यूटी और हिस्ट्री सब है।

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