>>: विद्यालय में बदलाव लाने के लिए किया प्रेरित, नवनियुक्त अध्यापकों को दिखाई मूवी

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राज्य सरकार के स्टार्स प्रोजेक्ट के तहत तृतीय श्रेणी के नवनियुक्त अध्यापकों का विद्यालय आधारित आकलन कार्यक्रम हुआ। इस दौरान सभी संभागी शिक्षकों को मास्साब मूवी दिखा विद्यालय में बदलाव लाने को प्रेरित किया गया।

शिविर प्रभारी रङ्क्षवद्र कुमार विजयवर्गीय ने बताया कि प्रशिक्षण मॉड्यूल में शामिल मास्साब मूवी में नए मास्साब सबको अजूबे लगते हैं जिन्हें सिर्फ पढ़ाने का जुनून है। सुधारने का जुनून है और समूची बीमार व्यवस्था को बदल डालने का जुनून है। मास्साब सिर्फ पढ़ाना नहीं चाहते, बच्चों को सिखाना चाहते हैं और इसी सिखाने की दिशा में उन्हें हर कदम पर समाज से सीख मिलती रहती है कि सुधारना इतना भी आसान नहीं है।

प्राइमरी शिक्षा पर सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत:

मूवी में बहुत खूब खूबसूरती से बच्चों के मनोभाव पकड़े गए हैं। उन्होंने बताया कि प्राइमरी शिक्षा ऐसा विषय है, जिस पर सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। इस फिल्म का यह सबसे खूबसूरत ²श्य है, जिसमें मास्साब खुद अपने आंसू नहीं रोक पाते है। भैंस चराने वाला बच्चा जो संवाद बोलता है और दर्शकों को गुदगुदा जाता है।

सबने देखा कि अच्छा परिवर्तन लाने के लिए मास्साब पापड़ बेल रहे हैं और गांव की सबसे ज्यादा पढ़ी-लिखी और गांव की प्रधान उषा कदम-कदम पर उसका साथ देती है। प्रशिक्षण में दक्ष प्रशिक्षक राकेश कुमार नामा, दिनकर विजयवर्गीय ने शिक्षक की भूमिका व दायित्व, अच्छा विद्यालय किसे कहेंगे, राष्ट्रीय पाठ्यचर्या आदि की विस्तृत जानकारी दी।

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