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92 फीसदी ने कहा ... अस्पताल में उन्हें कभी नहीं दी गई ट्रायल की जानकारी 43 फीसदी नहीं जानते ड्रग ट्रायल का मतलब Monday 12 June 2023 08:19 AM UTC+00 विकास जैन जयपुर। मेडिकल कॉलेज अस्पतालों और निजी रिसर्च सेंटरों पर किए जाने वाले ड्रग ट्रायल के बारे में प्रदेश के लोग जानते ही नहीं हैं। राजस्थान पत्रिका की ओर से करवाए गए राज्य स्तरीय सर्वे के नतीजे चिंताजनक हैं। सर्वे में अस्पतालों में ड्रग ट्रायल की जानकारी दिए जाने के संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में 92 फीसदी लोगों ने कहा है कि उन्हें मेडिकल कॉलेज अस्पताल और निजी रिसर्च सेंटर पर इस बारे में कभी कोई जानकारी नहीं दी गई। इतना ही नहीं 43 प्रतिशत लोग तो यह भी नहीं जानते कि ड्रग ट्रायल होता क्या है। यह सर्वे प्रदेश के सभी 33 जिलों में किया गया है। जिसमें सभी वर्ग, आयु, महिला और पुरुष शामिल किए गए हैं। 63 फीसदी नहीं जानते मुआवजे के बारे में ड्रग ट्रायल के दौरान मरीज की मौत पर मुआवजे का प्रावधान है। अब तक प्रदेश के 4 मरीजों को यह मुआवजा मिला है, जबकि 95 की मौत हो चुकी है। यह बात कुछ वर्ष पहले राज्य सरकार स्वयं स्वीकार कर चुकी है। लेकिन सर्वे के मुताबिक 63 फीसदी लोग आज तक भी ट्रायल में मौत पर मुआवजे के प्रावधानों से अनजान हैं। रिसर्च सेंटर तक नहीं लिख रहे पत्रिका ने पड़ताल की तो कई निजी सेंटर ऐसे मिले हैं, जहां ट्रायल की जाती है। लेकिन अस्पताल के बाहर लगे बोर्ड पर रिसर्च सेंटर भी नहीं लिखा जा रहा। जिसके कारण मरीज को यह पता भी नहीं चलता कि यहां उनके उपर दवा का ट्रायल भी हो सकता है। सवाल : ड्रग ट्रायल क्या होता है ? ए : दवा का प्रयोगशाला में परीक्षण 19.8 सवाल : क्या कभी सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आपको ट्रायल की जानकारी दी गई ? सवाल : अस्पताल के बाहर रिसर्च सेंटर लिखा होने का मतलब जानते हैं ? सवाल : क्या आपको पता है कि ड्रग ट्रायल में मौत होने पर मुआवजा मिलता है ? सवाल : क्या आपने सुना है कि ड्रग ट्रायल में मौत होने पर मुआवजा या दुष्प्रभाव पर मुआवजा मिला है ? |
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