>>: Digest for June 10, 2023

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Table of Contents

बांगड़ मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय की ओर से एक निजी अस्पताल में एमआरआइ (मैग्नेटिक रेसोनेंस इमेजिंग) कराने में घपले की आशंका पर जांच कमेटी का गठन किया गया है। मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने बिलों में गडबड़ी की आशंका पर निजी अस्पताल के फरवरी व अप्रेल माह के बिल भी रोक दिए हैं। एमआरआई एक माह पहले ही बंद करवा दी थी।

बांगड़ मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में एमआरआई की मशीन नहीं होने के कारण एक निजी चिकित्सालय के साथ एमओयू किया गया था। बांगड़ के आउटडोर व इनडोर में एमआरआई की जांच की जरूरत होने पर चिकित्सक की ओर से लिखी पर्ची के आधार पर उस चिकित्सालय में एमआरआई की जाती थी। निजी अस्पताल की ओर से करीब एक माह पहले एमआरआई का जो बिल दिया गया, उसमे कॉलेज प्रशासन को घपले की बू आई तो उन्होंने तुरन्त फरवरी माह से बिल का भुगतान रोक दिया और एमआरआई भी बंद करवा दी। उसके लिए जांच कमेटी का गठन किया। जो एमआरआई लिखने वाले चिकित्सकों से यह पता कर रही है कि उन्होंने किस-किस जांच के लिए एमआरआई लिखी थी और निजी चिकित्सालय की ओर से कौन-कौनसी अतिरिक्त एमआरआई का बिल जोड़कर दिया गया है।
सभी बिल रोकर जांच कमेटी बनाई

एमआरआई में अप्रेल माह का ही बिल करीब पांच लाख रुपए से अधिक का था। चिकित्सक की लिखी एमआरआई के अलावा अन्य एमआरआई करने की सूचना पर निजी चिकित्सालय के सभी बिल रोक दिए है। जांच कमेटी का गठन किया है।
डॉ. दीपक वर्मा, प्रिंसिपल, मेडिकल कॉलेज, पाली

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इधर, सिटी स्कैन की भी जांच

एमआरआई के बिलों में गडबड़ी की आशंका के चलते मेडिकल कॉलेज प्रशासन की ओर से पीपीपी मोड पर संचालित 128 स्लाइस की सिटी स्कैन मशीन पर होने वाली जांचों के लिए भी कमेटी का गठन किया गया है। मेडिकल कॉलेज प्रशासन का कहना है कि 128 स्लाइस की सिटी स्कैन मशीन शुरू होने से लेकर अब तक कॉलेज प्रशासन की ओर से किसी बिल का भुगतान नहीं किया गया है।

weddingceremony : शादी ब्याह के पारंपरिक रीति-रिवाजों से अलग हटकर शादियों में इन दिनों नई परंपराओं ने जन्म ले लिया है। अब विवाह समारोह में टेक्नोलॉजी का चलन बढ़ने लगा है। रिश्तेदारों को भेजे जाने वाले कार्ड के साथ-साथ अब डिजिटल फोटो वीडियो कार्ड का चलन बढ़ा है। शादी के इस सीजन में 5 से लेकर 28 जून विवाह के मुहूर्त है।

डिजिटल हुए निमंत्रण

शादी में भेजे जाने वाले प्रिंट कार्ड का चलन अब कम होने लगा है। पहले रिश्तेदारों के यहां पहुंचकर कार्ड देना होता था या पोस्ट ऑफिस से रिश्तेदारों के यहां कार्ड पहुंचाना जरूरी होता था। वर्तमान में प्रिंट कार्ड की जगह डिजिटल और वीडियो कार्ड ने ले ली है। पहले जहां सामान्य परिवार की शादी में 300 से 400 कार्ड छपते थे। अब लोग वीडियो और डिजिटल कार्ड के साथ 50 से 100 प्रिंटेड कार्ड ही छपवा रहे हैं। इसकी वजह सोशल मीडिया व नेटवर्किंग साइट पर डिजिटल कार्ड भेजा जाना और रिश्तेदार व परिचितों की ओर से इसे स्वीकार किया जाना है।

फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी में भी बदलाव
फोटोग्राफर निलेश राजपुरोहित व अमित त्रिवेदी ने बताया कि फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी में पहले 2000 वॉट की हैलोजन लाइटों का इस्तेमाल होता था। हैलोजन लाइटों की जगह एलइडी लाइटों ने ले ली है। टेक्नोलॉजी की बदौलत ट्राइपोर्ट से ही तस्वीरें खींच जाती हैं और वीडियो बन जाते हैं। इसमें लाइट का उपयोग पहले की अपेक्षा काफी कम होता

रिश्तेदारों को लाइव शादी दिखा रहे शादी समारोह
शादी समारोंह में नही पहुंच पाने वाले रिश्तेदारों को शोशल मिडिया प्लेटफोर्म से परिजन रिश्तेदारों को लाइव शादी दिखा रहे है। ताकि शादी समारोंह में उनकी कमी महसुस नही हो।

कार्यक्रम से पहले ही डिजिटल सूचना
शादी समारोह में रीति-रिवाजों व परंपराओं का विशेष महत्व है। शादी में होने वाले कार्यक्रम पाठ, विनायक, मेहन्दी, हल्दी, बंदौली, बारात, फेरे, रिशेप्सन आदि का डिजिटल कार्ड भेज रहे है। कार्ड पर कार्यक्रम अनुसार समय व तारीख अंकित होती है।

पाली/धनला। खेलने-कूदने की उम्र में कुदरत ने दो मासूमों पर ऐसा कहर ढाया कि उनके सिर से माता-पिता का साया ही छिन गया। कहां तो मासूमों को पढ़ा-लिखाकर बड़ा अधिकारी बनने का ख्वाब संजोए थे, लेकिन एक ही साल में ख्वाब जमींदोज हो गए। कांटों की बाड़ से घिरे एक कमरे में जीवन की इस उठापटक का सामना कर रहे दोनों मासूम भाइयों का सहारा भी कोई है तो उनके एक चाचा, जो खुद मजदूरी कर अपने बच्चों के साथ ही जैसे-तैसे इनका पेट भरने की कोशिश कर रहे हैं। ना जाने कौन इनका रखवाला बनेगा, जिससे इनकी पढ़ाई का सपना पूरा हो सके और अंधियारे जीवन में रोशनी की कुछ किरणें आ सके।


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मां चल बसी तो किशन नहीं दे पाया 9वीं की परीक्षा
जो बच्चे रोज स्कूल जाते थे, लेकिन पिता की मौत के बाद 14 वर्षीय किशन हर समय मां की देखरेख में रहता था। मां मंजूदेवी के निधन से किशन परीक्षा नहीं दे पाया। अब मां की मौत से किशन को अपने छोटे भाई का भी ध्यान रखना पड़ रहा है। किशन जाणुंदा की स्कूल में नौवीं कक्षा तथा छोटा भाई भावेश छठी कक्षा में पढ़ता है। दोनों बच्चों के चाचा वोराराम इनकी सारसंभाल कर रहे हैं, लेकिन उनकी भी आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं है।


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मामावास के किशन (14 वर्ष) और भावेश (11 वर्ष) के जीवन में अंधियारे ने एक साल पहले ही दस्तक दी और सब कुछ छीन लिया। डेढ़ साल पहले ही समाराम एवं उसकी पत्नी मंजूदेवी ने बड़ी बेटी शारदा के पीले हाथ करवाकर ससुराल भेज दिया। बेटी की शादी के बाद दंपती मेहनत मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण कर रहे थे। लेकिन, 29 अप्रेल 2022 को पिता की मौत के बाद परिवार की खुशियों को ग्रहण लग गया। जैसे-तैसे मृतक समाराम की पत्नी मंजू देवी अपने दोनों बच्चों को किसी प्रकार पाल रही थी, लेकिन पति की मौत का सदमा नहीं सह सकी और मानसिक संतुलन खो गया। वह ठीक होती, इससे पहले ही कुदरत ने 25 मार्च को मां को भी छीन लिया।

Yoga Day 2023 : करो योग, रहो निरोग के नारे को साकार करने के लिए राजस्थान पत्रिका की ओर से विश्व योग दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित किए जाने वाले योग महोत्सव का आगाज शनिवार से होगा। सुल्तान स्कूल में भोर की पहली किरण के साथ शहरवासी योग की विभिन्न मुद्राओं के माध्यम से स्वस्थ रहने का संदेश देंगे।

इस योग महोत्सव को लेकर बच्चों से लेकर बुजुर्गों में उत्साह है। हर कोई इसमे भाग लेने को आतुर है। योग शिविर संयोजक तिलोक चौधरी ने बताया कि सात वर्षों से शहर में राजस्थान पत्रिका के तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से पूर्व योगाभ्यास का आयोजन करवाया जा रहा है। इस बार यह योग महोत्सव 19 जून तक शहर के अलग-अलग स्थलों पर आयोजित किया जाएगा।

नौ दिन तक इन स्थलों पर शहरवासी करेंगे योगाभ्यास
10 जून : सुल्तान स्कूल मैदान
11 जून महादेव बगीची
12 जून शिवमंदिर उद्यान शिवाजी नगर
13 जून पटेल छात्रावास
14 जून गांधी नगर उद्यान
15 जून आदर्श नगर उद्यान आई माता पार्क
16 जून नेहरू उद्यान
17 जून पुलिस लाइन
18 जून सुभाष पार्क
19 जून वृदांवन चौपाटी

पाली. जिला परिषद सभागार में शुक्रवार को आयोजित जिला परिषद की साधारण सभा का जिला परिषद सदस्यों ने बहिष्कार कर दिया। इससे बैठक नहीं हो सकी। बाद में राजस्थान जिला परिषद संघर्ष समिति के बैनर तले सदस्यों ने अतिरिक्त जिला कलक्टर चन्द्रभानसिंह भाटी को 11 सूत्री मांगाें का ज्ञापन सौंपा।जिला संघर्ष समिति जिलाध्यक्ष शैलेश वर्मा के नेतृत्व में एडीएम को सौंपे ज्ञापन में उन्हाेंने कई मांगें रखी। जिसमें प्रति सदस्यों को क्षेत्र में विकास कार्य के लिए 25 लाख का बजट आवंटन, मासिक वेतन, उप जिला प्रमुख को 90 कार्य दिवस वाहन की सुविधा, टोल फ्री, इत्यादी सुविधाओं की मांग प्रमुख है।

ज्ञापन सौंपते समय उपजिला प्रमुख जगदीश चौधरी, जिला परिषद सदस्य आशा कुमावत, चुन्नीलाल राजोला, धीराराम मीणा, सुमित्रा सरगरा, दुर्गा सीरवी, रासा सिंह रावत, बहादुर सिंह, सोनू रावत, जयंतीलाल मीणा, हरिशंकर मेवाड़ा व निहारिका सिंह समेत कई सदस्य मौजूद रहे।

बिना चर्चा लौटे अधिकारी
साधारण सभा के लिए जिलेभर के पंचायतराज अधिकारी भी पाली आए हुए थे। सदस्यों के बहिष्कार के कारण अधिकारियों को बिना चर्चा के ही लौटना पड़ा। साधारण सभा में जिलेभर के विकास अधिकारी भी शामिल होने आए थे।

मंडार (सिरोही). कस्बे में डीसा सड़क के समीप राजगुरु नगर कॉलोनी में एक आवासीय मकान के पीछे का दरवाजा तोड़कर चोरों ने घर में अलमारी से एक लाख पांच हजार रुपए् व सोने चांदी के जेवरात चोरी कर ले गए। चोर जब घर में घुसे उस समय घर के परिजन छत पर ही सो रहे थे। वारदात के दौरान परिजनों को भनक तक नहीं लगी। सुबह जागने पर इस वारदात की जानकारी मिली तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस के अनुसार मंडार निवासी वचनाराम पुत्र रेवाराम सुथार ने रिपोर्ट दी कि वह राजगुरु नगर कॉलोनी में परिवार के साथ रहता है। गुरुवार रात्रि 10 बजे खाना खाकर घर की छत पर परिवार के साथ सो गए थे। शुक्रवार सुबह छह बजे घर के अन्दर आकर देखा तो चोर घर के पीछे के दरवाजे की स्टेपर व हैण्डल को तोडक़र अलमारी के दरवाजे को क्षतिग्रस्त कर लॉकर तोडकर अलमारी से सोने चांदी के जेवरात जिसमें 25 तोला चांदी की होड़की, आधा किलो चांदी के कड़ले, तीन जोडी आधा-आधा तोला की सोने की बूटी, 25 तोला चांदी का तोड़ा,एक जोड़ी 15 तोला पैरों में पहनने की चांदी की पायल, दो जोड़ी 50 तोला चांदी के जेवरात चुड़ी गजरा कड़ी, 5 चांदी के राणी सिक्का, 5 सिक्का चांदी का, आधा तोला सोने की मूरकी, 10 तोला चांदी की तोडी, एक पंच धातु की भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति, एक तोला सोने की चैन व एक लाख पांच हजार रुपए चुराकर ले गए। अलमारी में रखे कपडे बिखेर दिए। पुलिस मामले की पड़ताल में जुटी हुई है।

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