>>: Jaipur News : ई सिगरेट का नशा, युवा ही नहीं किशोर भी हो रहे शिकार, बैन होने के बावजूद भी तेजी से बढ़ रहा चलन

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Jaipur Latest News : सख्त नियम के बावजूद राजधानी में ई सिगरेट धड़ल्ले से बिक रही है। चौंकाने वाली बात है कि किशोरों में इसका चलन तेजी से बढ़ रहा है। राजस्थान पत्रिका पड़ताल में सामने आया कि शहर के राजापार्क, मालवीय नगर, सी-स्कीम सहित कई ऐसे इलाके हैं जहां पर ई सिगरेट आसानी से उपलब्ध हो रही है। हाल ही जारी डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में वयस्कों की तुलना में किशोर ई सिगरेट का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। ई सिगरेट विक्रेता 16 हजार फ्लेवर के साथ सोशल मीडिया के जरिये किशोरों को गिरफ्त में ले रहे हैं।


क्या है ई सिगरेट
ई-सिगरेट या इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन डिलीवरी सिस्टम (ईएनडीएस) बैटरी संचालित डिवाइस है, जो तरल निकोटीन, प्रोपलीन ग्लाइकोल, पानी, ग्लिसरीन के मिश्रण को गर्म करके एक एयरोसोल बनाता है। उपयोगकर्ता इस एयरोसोल को अपने फेफड़ों में लेते हैं, जो असली सिगरेट जैसा लगता है।


सजा और जुर्माने का प्रावधान
केंद्र सरकार ने 2019 में इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट के उत्पादन से लेकर विज्ञापन तक पर प्रतिबंध लगा दिया। ई-सिगरेट खरीदने और बेचने वालों को एक वर्ष की जेल और एक लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान है। इसके अलावा अगर कोई ई सिगरेट का स्टॉक रखता है तो उसे छह महीने की कैद या 50,000 रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

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केस- एक
मालवीय नगर में एक मॉल के पास ई सिगरेट धड़ल्ले से बिक रही है। ई सिगरेट की पूछताछ करने पर एक व्यक्ति ने दुकानदार से बात बरवाई। उसके बाद दुकानदार ने पान मसाला का बैग निकाला जिसमें ई सिगरेट की अलग-अलग वैरायटी थीं।

केस-दो
राजापार्क स्थित पान मसाला बेचने वाली कई दुकानों पर ई सिगरेट मिल रही है। यहां रात होते ही किशोरों की भीड़ जुट जाती है। युवतियां भी खरीदने आती हैं। कुछ तो कॉल कर घर या पार्टी की जगह ई सिगरेट मंगवा रहे थे।

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ई सिगरेट में जो केमिकल इस्तेमाल किए जाते हैं उससे दिमाग की नसें सिकुड़ने लगती हैं। जिससे डिप्रेशन, एंग्जाइटी और स्मरण शक्ति कमजोर होने लगती है। साथ ही लंग्स और अस्थमा की परेशानी होने लगती है। इसका लगातार इस्तेमाल नशे का आदी बना देता है।
-डॉ. अवधेश गुप्ता, जनरल फिजिशियन

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