Vibhuvana Sankashti Chaturthi 2020 : कई सालों में आता है यह व्रत, दूर कर दिए थे द्रोपदी के सभी दुख—कष्ट

जयपुर. 5 अक्तूबर को चतुर्थी तिथि है, गणेशजी की पूजा का दिन. कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। इस बार अधिक मास में आने के कारण संकष्टी चतुर्थी व्रत को विभुवन संकष्टी चतुर्थी व्रत (Sankashti Chaturthi Vrat) कहा जाता है। मान्यता है कि यह व्रत अधिक फलदायी हो जाता है।

ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर बताते हैं कि इस व्रत के बारे में नारद पुराण में बताया गया है। नारद पुराण में व्रत कथा का वर्णन किया गया है, साथ ही पूजा विधि भी बताई गई है। विभुवन संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा द्रौपदी से संबंधित है. इसके अनुसार जब पांडव जंगलों में रहकर कष्ट भोग रहे थे तब वे बार—बार अपनी अर्धांगिनी द्रौपदी को देखकर दुखी हो जाते थे. द्रोपदी को कष्ट भोगते देखकर पांडवों का दुख बढ जाता था. तब उन्होंने महर्षि वेदव्यास से उनके दुखों के अंत का उपाय पूछा.

महर्षि वेदव्यास ने बताया कि अधिक मास में विभुवन संकष्टी चतुर्थी व्रत आता है। विभुवन पालक भगवान गणेश को समर्पित इस व्रत के प्रभाव से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती हैं। इस पर पांडवों ने द्रौपदी के साथ यह व्रत किया. गणेशजी के आशीर्वाद से उन्हें सभी कष्टों से मुक्ति मिल गई। विभुवन संकष्टी चतुर्थी व्रत तीन सालों में आता है.



October 05, 2020 at 08:26AM