>>: Ayodhya Ram Mandir : ‘कर्फ्यू के बीच ट्रेन से रवाना हुए, लेकिन इटावा स्टेशन पर उतारा और हमें जेल में डाल दिया’

>>

Patrika - A Hindi news portal brings latest news, headlines in hindi from India, world, business, politics, sports and entertainment!

29 नवम्बर 1990 की सुबह फलोदी से अयोध्या के लिए 145 लोगों का जत्था निकला। जोधपुर पहुंचे तो यहां बवाल शुरू हो चुका था। कर्फ्यू लगा था, लेकिन रामभक्तों का यह दल यहां नहीं रुका। इसके बाद ट्रेन से सीधे अयोध्या के लिए रवाना हो गए। वहां पहुंचे तो इटावा रेलवे स्टेशन पर उतार कर जेल में डाल दिया गया। इटावा जेल में उन्होंने सत्याग्रह किया। इसके बाद वहां मौजूद आरएसएस के कार्यकर्ताओं को सूचना मिली तो उन्होंने जेल में बंद लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की। यहां दो दिन तक रहने के बाद उन्हें कानपुर जेल में रखा गया। इस दल के सदस्यों ने 14 दिन जेल में बिताए। इसके बाद इनको फिर से जोधपुर भेज दिया गया। इस दल का अयोध्या पहुंचने और रामलला के दर्शन का सपना पूरा नहीं हुआ।

दो साल बाद फिर से मौका आया
कारसेवकों का मंदिर निर्माण के लिए संघर्ष कम नहीं हुआ। दो साल बाद जब फिर से मौका आया तो 30 नवम्बर 1992 को 13 कारसेवक जोधपुर के रास्ते आयोध्या पहुंचे। हजारों कारसेवकों के साथ इस बार फलोदी के कारसेवकों ने भी मंदिर निर्माण के लिए अपना योगदान दिया। जयराम गज्जा, गोपाल सोनी, नखतसिंह, किशोर राठी, अखेराज खत्री, लीलाधर छंगाणी, मनोज भैय्या आयोध्या की कारसेवा में शामिल हुए।

कारसेवकों को पुलिस के डंडे खाने पड़े
फलोदी से कारसेवकों का जत्था दूसरी बार जब अयोध्या गया तो पुलिस की मार भी सहनी पड़ी। भीड़ के साथ डंडे खाए, लेकिन हौसला नहीं टूटा। वीएचपी और आरएसएस के कई बड़े नेता उस समय मंच से संबोधित कर रहे थे। ऐसे में कई कारसेवक डंडे खाते हुए भी अपनी जगह नहीं छोड़ रहे थे। कुछ तो उम्र में काफी छोटे थे और जोश भी सातवें आसमान पर था।

यह भी पढ़ें- Ayodhya Ram Temple : कारसेवकों ने परिसर की दीवार ढहाकर जेल में ही बना दिया था राम मंदिर, पढ़िए पूरी कहानी

तीस साल से राम की आराधना में
राम की जन्मस्थली पर राम मंदिर बने इसके लिए कारसेवा में गोपाल सोनी गए थे। उन्होंने बताया कि राम मंदिर निर्माण के लिए तीस साल से रामचरित मानस के अखण्ड परायण, सुन्दरकाण्ड के पाठ कर रामनाम की अलख जगा रहे हैं। उस समय कार सेवा में गए कई युवा अब बुजुर्ग हो चुके हैं, लेकिन आज मंदिर निर्माण होजे देख उनका जोश चरम पर है।
(जैसा कि अखेराज खत्री, गोपाल सोनी, ओमप्रकाश भाटी, जयराम गज्जा ने पत्रिका के संवाददाता जितेन्द्र छंगाणी को बताया।)

यह भी पढ़ें- भजनलाल सरकार के मंत्री सुरेन्द्रपाल सिंह का इस्तीफा, राज्यपाल ने भी किया मंज़ूर , जानिए बड़ी वजह

You received this email because you set up a subscription at Feedrabbit. This email was sent to you at rajasthanss63@gmail.com. Unsubscribe or change your subscription.