>>: पोषाहार में गड़बड़ी की होगी जांच, योजनाओं को लाएंगे धरातल पर : डॉ. बाघमार

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आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से बच्चों, किशोरियों एवं महिलाओं को वितरित किए जाने वाले पोषाहार में गड़बड़ी करने वालों पर अब गाज गिरने वाली है। प्रदेश की भाजपा सरकार में मंत्रियों को विभागों का बंटवारा होने के बाद मंत्रियों ने इस बात के संकेत दे दिए हैं। सोमवार को दो दिवसीय नागौर दौरे पर आई सार्वजनिक निर्माण विभाग, महिला बाल विकास विभाग व बाल अधिकारिता विभाग की राज्य मंत्री डॉ. मंजू बाघमार ने मंगलवार को पत्रिका से विशेष बातचीत में कहा कि सरकारी योजनाओं को धरातल पर गुणवत्ता के साथ लागू करवाया जाएगा। साथ ही पोषाहार में गड़बड़ी को लेकर आए दिन अखबारों में छपने वाली खबरों पर प्रसंज्ञान लेते हुए एक कमेटी बनाकर जांच करवाई जाएगी तथा दोषी पाए जाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। पेश है मंत्री से बातचीत के प्रमुख अंश -

प्रश्न : मंत्री बनने के बाद विभागों का बंटवारा भी हो गया है, अब क्या प्राथमिकताएं रहेंगी?
उत्तर - गत सप्ताह उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी की मौजूदगी में विभागीय अधिकारियों की बैठक हुई, जिसमें सामने आया कि महिला बाल विकास एवं बाल अधिकारिता विभाग की कई योजनाएं कागजों में चल रही हैं, कई योजनाएं ऐसी भी हैं, जिनकी महिलाओं को जानकारी तक नहीं है। हमारा प्रयास रहेगा कि सबसे पहले उनका प्रचार-प्रसार हो। सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर गुणवत्ता के साथ लागू किया जाए।

प्रश्न : पोषाहार में गड़बड़ी की शिकायतें आए दिन आती हैं, आंगनबाड़ी केन्द्रों में पूरा पोषाहार नहीं पहुंच रहा, इसके सुधार के लिए क्या करेंगे?
उत्तर : पोषाहार में गड़बड़ी की जांच के लिए एक कमेटी गठित करेंगे। कहीं सड़ा-गला पोषाहार पहुंच रहा है तो कहीं दो-तीन महीने बाद सप्लाई हो रही है। इसके लिए पोषाहार पर एक्सपायरी डेट लिखवाएंगे तथा पूरे मामले की जांच करवाकर जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे।

प्रश्न : महिलाओं को आत्मनिर्भर व सशक्त बनाने की दियाा में आपके क्या प्रयास रहेंगे?
उत्तर : महिलाओं के कल्याण के लिए केन्द्र सरकार ने नारी शक्ति बंधन अधिनियम बनाया है। राज्य सरकार की भी कई योजनाएं हैं। महिलाओं को आत्मनिर्भर व सशक्त बनाने के लिए उनसे जुड़ी योजनाओं को लागू करवाकर लाभ पहुंचाएंगे। इसके साथ जगह-जगह अमृता हाट लगाकर महिलाओं को रोजगार से जोड़ेंगे।

प्रश्न : गांवों व शहरों में सडक़ें टूटी हुई हैं, उनके सुधार के लिए क्या करेंगे?
उत्तर : गत दिनों में उप मुख्यमंत्री जी की मौजूदगी में पीडब्ल्यूडी की बैठक में जब यह मुद्दा उठा तो यह बात सामने आई कि जल जीवन मिशन के तहत काम किया गया तो सडक़ें तोड़ दी, जबकि जब वर्क ऑर्डर जारी किए जाते हैं तो सडक़ की मरम्मत का बजट उसमें शामिल होता है, इसलिए अब दोनों विभागों की संयुक्त बैठक करके इस सम्बन्ध में चर्चा करेंगे तथा शहर एवं गांवों की टूटी सडक़ों को ठीक करवाया जाएगा।

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