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सर्दी का मौसम, गरमा-गरम चाय और... सर्दी- जुकाम! क्यों बढ़ जाता है बीमारियों का खतरा? Monday 08 January 2024 06:02 AM UTC+00 | Tags: health सर्दियों का मौसम आते ही मन करता है कि खुद को गरमा-गरम रजाई में लपेट लिया जाए और एक कप गरमा-गरम चाय के साथ आराम से बैठ जाएँ. लेकिन इस मौसम में सिर्फ गर्माहट ही नहीं, बल्कि बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है. सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार - ये सभी इस मौसम के साथी बन जाते हैं. आखिर क्यों? ठंडी हवा और बीमारियों का खेल: बाहर की ठंडी हवा हमारे शरीर में घुसते ही हमारे सांस लेने के रास्ते यानी नाक और गले को प्रभावित करती है. ये सूखी और ठंडी हवा वायरस और बैक्टीरिया को पनपने का मौका देती है, जो आसानी से हमारे शरीर में प्रवेश कर सकते हैं. नाक का "कागज" और वायरस का हमला: Harvard Medical School के एक अध्ययन के मुताबिक, हमारी नाक एक "कागज" की तरह काम करती है, जो ठंडी हवा से हमारे शरीर की रक्षा करती है. ये नाक में मौजूद कुछ कोशिकाओं के जरिए वायरस के खिलाफ लड़ाई करती है. लेकिन ठंड में ये कोशिकाएं कमजोर हो जाती हैं, जिससे वायरस आसानी से जीत लेते हैं. भीड़-भाड़ और वायरस का प्रसार: ठंड के दिनों में हम ज्यादातर घर के अंदर रहते हैं, जहां कम हवा और बंद जगहें वायरस के लिए स्वर्ग बन जाती हैं. ऐसे में छींकने, खांसने से निकलने वाले छोटे बूंदों में मौजूद वायरस आसानी से दूसरों को संक्रमित कर देते हैं. प्रदूषण का बुरा असर: सर्दी के मौसम में हवा में प्रदूषण का स्तर भी बढ़ जाता है, जो फेफड़ों को कमजोर करता है और वायरस के खिलाफ लड़ने की क्षमता कम कर देता है. कमजोर इम्यूनिटी भी है जिम्मेदार: कम विटामिन डी का स्तर और कमजोर इम्यूनिटी भी सर्दी में बीमारियों के लिए जिम्मेदार हो सकती है. धूप कम मिलने की वजह से शरीर में विटामिन डी का स्तर कम हो जाता है, जो इम्यूनिटी को कमजोर करता है. तो क्या करें? इस मौसम में खुद को बचाने के लिए कुछ जरूरी उपाय जरूर लें: मास्क पहनें Tags:
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