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पति-पत्नी सहित तीन जनों का अंतिम संस्कार, परिजनों में मचा कोहराम Wednesday 10 January 2024 09:53 AM UTC+00 श्रीगंगानगर। शहर की रामदेव कॉलोनी गली नंबर सात के कंस्ट्रक्शन ठेकेदार व उनकी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पत्नी व ठेकेदार के भाई की पत्नी के शव यहां पहुंचे तो परिजनों, रिश्तेदारों में कोहराम मच गया। एक परिवार के तीन सदस्यों के शव देखकर आसपास के लोगों की आंखें नम हो गई। वहीं ठेकेदार के एक भाई व उसकी पत्नी के शव अभी वहीं रखे हुए हैं। उनके परिजनों के पहुंचने के बाद शव ले जाए जाएंगे। रामदेव कॉलोनी निवासी कंस्ट्रक्शन ठेकेदार बनवारीलाल वर्मा की पत्नी दर्शनादेवी के पिता हिसार के सेक्टर-15 निवासी रिटायर्ड हेड मास्टर पृथ्वीसिंह की मृत्यु होने पर सोमवार सुबह दस बजे अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए दर्शनादेवी अपने पति बनवारी लाल वर्मा, जेठ कृष्ण कुमार वर्मा तथा दो जेठानियों गुड्डी देवी एवं चन्द्रकला के साथ कार में जा रहे थे। दोपहर बाद तीन बजे कार गांव शेरगढ़ के समीप अनियंत्रित होकर विपरीत दिशा में जाकर सडक़ किनारे पेड़ से टकरा गई। हादसे में चालक सहित कार सवार सभी छह जनों की मौत हो गई थी। यह भी पढ़ें : कार पेड़ से टकराई, राजस्थान के एक ही परिवार के 5 लोगों सहित छह की मौत, अंतिम संस्कार में जा रहे थे मंगलवार को रामदेव कॉलोनी निवासी बनवारीलाल, उनकी पत्नी दर्शनादेवी व जेठानी चंद्रकला का शव शाम करीब पांच बजे यहां पहुंचे। शवों के यहां पहुंचने पर परिजनों व रिश्तेदारों में कोहराम मच गया। एक परिवार के तीन शव देखकर आसपास के लोगों की आंखें भी नम हो गई। इस दौरान कॉलोनी के काफी संख्या में लोग एकत्रित हो गए। तीनों मृतकों का रामदेव कॉलोनी के समीप स्थित श्मशान भूमि में एक साथ अंतिम संस्कार किया गया। दो के शवगृह में सुरक्षित, पुत्र आने पर होगा संस्कार |
सीमा की सुरक्षा के साथ नागरिक कल्याण भी बीएसएफ का ध्येय Wednesday 10 January 2024 12:49 PM UTC+00 श्रीकरणपुर. सीमा सुरक्षा बल की 77वीं वाहिनी (वीर चक्र पलटन) की ओर से मंगलवार को गांव 9 एफए माझीवाला के राजकीय बालिका उप्रावद्यालय में सिविक एक्शन प्रोग्राम का आयोजन हुआ। इसमें बल की ओर से ग्रामीणों को जरूरत का अन्य सामान वितरित किया गया। वहीं, युवाओं के लिए नि:शुल्क प्रशिक्षण शिविर का आगाज भी किया गया। सीमा चौकी शेखसरपाल के अंतर्गत हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बीएसएफ के समादेष्टा देशराज ने सिविक एक्शन प्रोग्राम की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सीमा की सुरक्षा के साथ नागरिक कल्याण भी बीएसएफ का ध्येय है। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन ग्रामीणों और बीएसएफ के बीच बेहतर सामांजस्य व तालमेल बनाने के लिए किया जाता है। समादेष्टा ने यह भी कहा कि देश व सीमा की सुरक्षा के लिए बल के जवान हमेशा सतर्क रहकर अपने कर्तव्य का निष्ठापूर्वक निर्वहन करते हैं। लेकिन इसके साथ सीमा क्षेत्र पर बसे लोगों का जागरूक व मजबूत होना आवश्यक है। उन्होंने सीमा पर होने वाली किसी भी संदिग्ध गतिविधि के लिए ग्रामीणों को सजग रहने व बीएसएफ को सूचना देने का आह्वान किया। बीएसएफ के टूआइसी नरेश लोहिया, टूआइसी अशोक कुमार, उपसमादेष्टा केसी पूनिया, माझीवाला के सरपंच जेठा राम, ग्राम पंचायत रड़ेवाला के सरपंच धन्नाराम व प्रधानाध्यापक मनीषा बिश्नोई ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम के तहत तीन महिलाओं को व्हील चेयर व दो महिलाओं को वॉकर वितरित किए गए। युवाओं के लिए प्रशिक्षण शिविर शुरू इस अवसर पर बीएसएफ, पुलिस व पैरामिलिट्री बल आदि में भर्ती होने के इच्छुक युवाओं के लिए नि:शुल्क प्रशिक्षण शिविर का भी आगाज किया गया। समादेष्टा देशराज ने कहा कि एक माह तक चलने वाले इस शिविर का उद्देश्य गांव के युवाओं को प्रशिक्षित करके उन्हें तैयार करना है ताकि वे अपनी मंजिल पहुंच सकें और देश की सेवा कर सकें। उन्होंने युवाओं को नशे से दूर रहकर सीमा सुरक्षा बल, पुलिस व पैरामिलिट्री बल में भर्ती होने का आह्वान भी किया। प्रशिक्षणार्थियों को मौके पर जूते, ट्रैकसूट, टी-शर्ट, निकर और किताबें आदि भी वितरित की गई। |
खरीफ की फसल खराबे से उभरे ही नहीं किसान, अब रबी की फसल पर बरपा कहर Wednesday 10 January 2024 03:00 PM UTC+00 सादुलशहर. गत करीब दो सप्ताह से क्षेत्र में छाए घने कोहरे व सर्दी के प्रकोप के चलते मौजूदा रबी सीजन की फसलों को नुकसान होने का डर धरतीपुत्रों को सता रहा है। क्षेत्र के प्रगतिशील किसान रामसिंह कड़वासरा, जसवंत सिंह ढिल्लों, मंगत सहारण, जगदेव सिंह बराड़, राकेश सिहाग किशनपुरा आदि ने बताया कि गत करीब एक पखवाड़े से सूर्य देवता बादलों की गिरफ्त में है। सूर्य देवता के दीदार नहीं होने के कारण सरसों की फसलों में तना गलन रोग का प्रकोप दिखाई देने लगा है। फसलों की टहनियों पर सफेद चमक आने से फसल गलन रोग पैदा होने का खतरा मंडराने लगा है। किसानों ने बताया कि अत्यधिक सर्दी होने के कारण खेतों में गेंहू की फसल पीली पडऩे से इसका असर फसल की गुणवत्ता व उत्पादन पर पड़ेगा। आशंका जताई कि सर्दी का प्रकोप ऐसे की रहा तो क्षेत्र के किसानों को एक बार फिर मौसम की मार झेलनी पड़ सकती है, जिससे फसलों के उत्पादन पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। गत खरीफ सीजन में पड़ी मौसम की मार इस क्षेत्र में गत खरीफ फसली चक्र में नरमा-कपास की फसल बुरी तरह से खराब होने से खेती बिल्कुल घाटे का सौदा साबित हुई है। गुलाबी सुंडी व मौसम की मार के कारण क्षेत्र में नरमा व कपास की फसल को काफी नुकसान हुआ है। क्षेत्र में नरमा-कपास का उत्पादन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। इसके साथ फसल की गुणवत्ता भी प्रभावित हुई है। दूसरी ओर भारतीय कपास निगम की ओर से नरमा व कपास की समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू नहीं होने के कारण नरमा-कपास प्रति क्विटंल समर्थन मूल्य से करीब 2 से 3 हजार रुपए कम में विक्रय हो रहा है। ऐसे में अगर रबी फसली सीजन अत्याधिक सर्दी से प्रभावित होती है तो निश्चित तौर पर हाड़ी का ये फसली सीजन खराब होने का डर किसानों को निराश कर सकता है। बागवानी फसल भी चढ़ी सर्दी की भेंट क्षेत्र में किन्नू बागवानी भी बहुत बड़े कृषि क्षेत्र में है। सर्दी के प्रकोप के चलते अब किन्नू की फसल पर फल-ड्रॉपिंग का खतरा मण्डरा रहा है। बागवान किसान जगदीश खीचड़, सतीश डागला, अजब सिंह खीचड़, प्रमोद सहारण आदि ने बताया कि इस बार किन्नू के भाव बहुत कम होने से अभी तक बहुत सारे बगीचों में फलों की तुड़वाई नहीं हुई है। ऐसे में लगातार सर्द हवाओं के चलते मौसम में नमी बनी हुई है। अब बगीचों में फल-ड्रॉपिंग (फलों का जमीन पर गिरना) का खतरा बढ़ता जा रहा है, जो कि बागवान किसानों के लिए चिंता का विषय है । |
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