जयपुर. अधिक मास भगवान विष्णु की पूजा का महीना है। यही कारण है कि इस माह की एकादशी को बहुत ही शुभ फलदायी कहा गया है। इस बार यह शुभ तिथि 27 सितंबर को रविवार के दिन है। इस दिन को पद्मिनी एकादशी के रूप में जाना जाता है। अधिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को पद्मपुराण में कमला एकादशी के नाम से संबोधित किया गया है। पुरुषोत्तम मास में पड़ने के कारण इसे पुरुषोत्तम एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।
ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि पद्मिनी एकादशी पर व्रत करने और विष्णुजी की पूजा से महालक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। हर साल 24 एकादशी पड़ती हैं लेकिन अधिक मास में 26 एकादशी हो जाती हैं। अधिक मास में पहले शुक्ल पक्ष की 27 सिंतबर को पद्मिनी या पुरुषोत्तम एकादशी है। इसके बाद 13 अक्टूबर को पुरुषोत्तम मास की कृष्णपक्ष की कामदा एकादशी मनाई जाएगी। तीन साल में एकबार आने से इन एकादशी का महत्व अन्य एकादशी की तुलना में कई गुना अधिक है।
पद्मिनी एकादशी पर विष्णुजी की विधिविधान से पूजा करने के साथ ही लक्ष्मीजी की भी पूजा करना चाहिए. ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर के अनुसार इस दिन विष्णुसहस्रनाम स्त्रोत्र और श्रीसूक्त का पाठ जरूर करना चाहिए. लक्ष्मीजी की प्रसन्नता के लिए श्रीसूक्त के शुरुआती 16 सूक्त अवश्य पढें. विष्णुसहस्रनाम स्त्रोत्र और श्रीसूक्त का पाठ करने में बमुश्किल आधा घंटा लगेगा लेकिन इससे लक्ष्मीनारायण का आशीर्वाद जरूर मिलता है।
September 27, 2020 at 07:47AM