>>: Ayodhya Car Sevak : बिजली लाइन सहारे पगडंडी से पैदल पहुंचे अयोध्या

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Ayodhya Car Sevak : राम मंदिर के लिए किए आंदोलन व उसमें महत्ती भूमिका निर्वहनकर्ता कार सेवकों के त्याग, बलिदान को भूलाया नहीं जा सकता है। कार सेवकों की ओर से आंदोलन के दौरान सही गई कठिनाइयों व परेशानियों के किस्से जब सुनाते है तो लोग उत्साहित होकर सुनते है।

आंदोलन में उनके त्याग, तपस्या व बलिदान का प्रतिफल आज साकार होता दिखाई दे रहा है। इससे वह काफी उत्साहित है। पाली जिले के सादडी से अम्बिकाप्रसाद बोहरा, महेंद्र साकरिया, नरसिंह शर्मा, देसूरी से नरेंद्र बाबूजी के सानिध्य में 86 कार सेवकों का दल रवाना हुआ था। जिनमें से 81 कारसेवकों को कानपुर रोक दिया। पांच कारसेवक अयोध्या पहुंचे। अटोकजी बाग हरिओम नगर कॉलोनी निवासी पूर्व पालिकाध्यक्ष दिलीप सोनी व बारलीसादडी निवासी गजेंद्रगिरी गोस्वामी, अम्बिकाप्रसाद बोहरा बताते है कि सादडी से दिलीप सोनी, गजेंद्रगिरी, सुरेशपुरी, अम्बिका प्रसाद, महेंद्र साकरिया, दिलीप बोहरा, महेंद्र सेठिया, दिनेश जैन, परबतसिंह मेवाड़ा सहित कुल 86 लोग देसूरी से अयोध्या गए। उन्हें कानपुर स्टेशन पर रोककर ट्रेन से उतार दिया। बाद में नजर बचाकर दिलीप सोनी, गजेंद्रगिरी गोस्वामी, परबतसिंह मेवाड़ा, जगदीश रावल, सुरेश शर्मा देसूरी ये पांच कार सेवक मालगाड़ी में छिप गए। फिर पगडंडी से पैदल अयोध्याधाम पहुंचे।

इस बीच उनकी कठिनाई व परेशानियां सुनी जो दर्दभरी थी। लेकिन बीच राह ग्रामीणों ने आत्मीयता से सत्कार किया। वह भूले नहीं भूला सकते। ग्रामीणों ने घरों से भोजन पहुंचाया व आगे की राह दिखाई। सैकड़ों किमी पगडंडी पैदल तय करते 6वें दिन अयोध्याधाम दिगम्बर अखाड़ा पहुंचे। यहां से विहिप नेता पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने नेतृत्व किया। कार सेवकों पर गोलियां दागी गई। उनके आगे हजारों कार सेवकों की भीड़ से वह बच गए।

बिजली लाइन के सहारे चले सैकड़ो किमी पैदल : सोनी
पूर्व पालिकाध्यक्ष कारसेवक दिलीप सोनी बताते है कि कार सेवा दल अविस्मरणीय पल है। जिसे भूलाया नहीं जा सकता। कानपुर जब रोका तो ग्रामीणों की मदद से अयोध्या पहुंचे। ग्रामीणों ने ऐसा सहयोग व मानवीयता का परिचय दिया जो आज भी अपणायत का परिचायक है। वहां स्वागत सत्कार बाद जलपान व भोजन व्यवस्था होती। फिर आगे की राह दिखाने ग्रामीण साथ आते। उसके सहारे चल पड़े बीच राह कई गांव नदी नाले आए। छठे दिन अयोध्याधाम दिगम्बर अखाड़ा पहुंचे।

कार सेवकों पर गोली कांड का साक्षात दृश्य देखा : गजेंद्र
दिलीप सोनी व गजेंद्रगिरी बताते है कि हमारा जत्था जैसे ही रवाना हुआ मुलायम सरकार ने रोकने के लिए गोलियां बरसानी शुरू कर दी। उस गोलीकांड का साक्षात नजारा देखा। हमारे आगे करीब 2000-2500 कार सेवक थे। इस कारण बच गए मर भी जाते तो आज मन्दिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव पर उनके स्मरण पर बच्चें फूले नहीं समाते। उन्हें आज भी नाज है कि वह कार सेवक बनकर मन्दिर नवनिर्माण के सहयोगी बने।

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