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waste decomposer: फसल के लिए ये चीज है वरदान, सेहत के लिए भी फायदेमंद Monday 08 January 2024 05:06 AM UTC+00 पाली जिले में भू-जल खारा है। ऐसा ही पानी प्रदेश व देश के कई हिस्सों में भी है। वहां पर फसल के लिए यह पानी बेहतर नहीं है। ऐसे में किसानों के लिए वेस्ट डिम्पोजर फायदे वाला है, जो जैविक होने के साथ फसल के उत्पादन को बढ़ाता है। खारे पानी में भी फसल का बेहतर उत्पादन करता है। सबसे बड़ी बात यह है कि यह वेस्ट डिकम्पोजर एक बार खरीदने के बाद किसान अपने ही खेत या घर पर एक ड्रम में लगातार गुड़ व पानी का उपयोग कर सालों तक बना सकता है। ये जैविक खाद सर्दी के मौसम में महज आठ से दस दिन और गर्मी में चार से पांच दिन में तैयार हो जाती है। यह खाद का काम करने के साथ ही किटों व दीमक से भी फसल को बचाता है। यह बीज उपचार में भी उपयोग किया जा सकता है। इस तरह बना सकते हैं इनका कहना है टॉपिक एक्सपर्ट वेस्ट डिकम्पोजर का उपयोग पेस्टिसाइड के रूप में किया जाता है। खेत में खड़ी फसल पर छिड़काव किया जा सकता है। फसलों पर 50 प्रतिशत घोल का 7 दिन के अंतराल से छिड़काव करना चाहिए। सब्जियों पर 40 प्रतिशत घोल हर तीन दिन में उपयोग करना चाहिए। फलों पर 60 प्रतिशत घोल हर सात दिन में उपयोग छिड़कना चाहिए। फव्वारा सिंचाई के साथ भी इसका उपयोग कर सकते हैं। बूंद-बूंद सिंचाई में 200 लीटर घाल को वेन्चुरी के माध्यम से प्रयोग करना चाहिए। बीमारियों से बचाव के लिए सात दिन के अंतराल से एकसार छिड़काव करना चाहिए। |
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